नाट्य उत्सव | बैकस्टेज के नाटकों से शुरुआत
प्रयागराज | त्रिधारा नाट्य समारोह के छठवें संस्करण की शुरुआत शुक्रवार को उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रेक्षागृह में हुई. इस मौक़े पर ‘बैकस्टेज’ ने दो प्रस्तुतियां दी. हास्य-व्यंग के मूल चरित्र वाली इन प्रस्तुतियों की संरचना, विन्यास और अभिनय ने ख़ूब प्रभावित किया. प्रवीण शेखर के निर्देशन में अंतोन चेख़व के लिखे ‘द प्रपोज़ल’ और फ़्रिट्ज़ कारिंथी लिखित ‘रिफ़ंड’ का मंचन सुखद नाट्य अनुभव रहा. नाट्य महोत्सव का उद्घाटन पूर्व संस्कृति मंत्री सुभाष पांडेय और अभिनेता हिम्मत खेतानी ने किया.
18वीं शताब्दी में लिखा गया रूसी नाटक ‘ अ मैरिज प्रपोज़ल’ प्रहसन है, जिसमें दो जमींदार भरपूर संपत्ति के बावजूद संतुष्ट नहीं हैं. उनमें से एक जमींदार दूसरे जमींदार के यहां शादी का प्रस्ताव लेकर जाता है क्योंकि शादी सदियों से संपत्ति विस्तार का माध्यम रहा है. इसी को आधार बनाकर यह प्रयोग भारतीय परिवेश में रचा गया है. प्रस्तुति में लगातार मज़ेदार स्थितियां बनती रहती हैं.
दूसरा नाट्य प्रयोग ‘रिफ़ंड’ हंगेरियन नाटक है, जो 1938 में लिखा गया. शिक्षा व्यवस्था पर केंद्रित यह नाटक शिक्षा पद्धति की उपयोगिता पर व्यंग्य है. इस नाटक के नायक भास्कर लगता है कि स्कूल की शिक्षा उसके जीवन में किसी काम नहीं आ रही है. बस, इसी को आधार बनाकर वह वापस अपने स्कूल जाकर अपनी ट्यूशन फ़ीस वापस मांगता है. प्रिंसिपल का कहना है की उसे सही शिक्षा दी गई है. उसका फिर से इम्तिहान शुरू होता है. फ़ीस वापस पाने के लिए उद्यम में भास्कर इम्तिहान में फेल होने पर आमादा है लेकिन स्कूल के सारे अध्यापक एक से एक युक्ति लगाकर उसे पास कर देते हैं और जाते-जाते उससे परीक्षा शुल्क भी वसूल लेते हैं.
प्रपोज़ल में अभिनय से प्रभावित करने वाले सिद्धार्थ पाल (चौधरी चरणजीत), कोमल पांडेय (नताशा), कौस्तुभ मणि पांडेय (इवान) और रिफंड में बेहद प्रभावशाली भूमिका करने वाले भास्कर शर्मा (भास्कर), सतीश तिवारी (प्रिंसिपल), अजीत बहादुर, आकाश अग्रवाल चर्चित, अंजल सिंह, दिलीप श्रीवास्तव (सभी अध्यापक), रजनीश यादव (कार्यालय सहयोगी) रहे. दोनों ही प्रस्तुतियों की प्रकाश योजना टोनी सिंह, मंच परिकल्पना निखिलेश कुमार मौर्य, संगीत और सहयोगी निर्देशक सिद्धार्थ पाल, भास्कर शर्मा, प्रस्तुत नियंत्रक साधु, अंजल सिंह रहे. निर्देशन प्रवीण शेखर का था.
उत्सव में 20 नवंबर यानि शनिवार की शाम बरेली के रंगविनायक रंगमंडल के कलाकार ‘सूरजमुखी और हैमलेट’ नाटक प्रस्तुत करेंगे तथा 21 नवंबर की शाम को रंगभूमि, दिल्ली की ओर से ‘उड़ते पक्षी’ का मंचन होगा.
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