मनाली के मोनाल प्रजनन केंद्र में तीन बच्चे जन्मे
मनाली | नेहरू फ़ेजेंटरी के मोनाल प्रजनन केंद्र में पहली बार एक साथ तीन मोनाल जन्मे हैं. बीस दिनों के मोनाल के तीनों बच्चे अपनी मां के साथ पिंजरे में खेलते देखे जा सकते हैं. बताया गया है कि मनाली के प्रजनन केंद्र में मोनाज का प्रजनन दूसरी बार हुआ है.
पिछले दो वर्षों से इन पक्षियों में प्रजनन नहीं होने से वन्यजीव विभाग के अफ़सरों चिंतित थे. बहुरंगी और ख़ूबसूरत कलगी वाला मोनाल हिमालय की ऊंची बर्फ़ीली चोटियों पर पाया जाने वाला विलुप्तप्राय पक्षी है. यह उत्तराखण्ड का राजकीय पक्षी भी है.
मनाली में सन् 1984 में नेहरू फ़ेजेंटरी बनने के समय से ही मोनाल के प्राकृतिक मोनाल की कोशिश की जाती रही है. तेरह साल पहले प्रदेश सरकार ने नेचर पार्क में अलग प्रजनन केंद्र बनाया. पिछल वर्ष से यहां नर और मादा मोनाल के दो जोड़े रखे गए, जिसमें से एक जोड़े ने तीन अंडे दिए. मई में तीन बच्चों ने जन्म लिया. यह एशिया का एकमात्र मोनाल प्रजनन केंद्र हैं.
अरण्यपाल अजीत ठाकुर ने बताया कि एशिया में पहली बार मोनाल का प्रजनन किया गया है. कुल्लू के डीएफ़ओ राकेश कुमार के मुताबिक वनकर्मी मान सिंह मोनाल का प्राकृतिक तौर पर प्रजनन कराने में आख़िरकार सफल हुए.
वन कर्मी मान सिंह बताते हैं कि वह पिछले 13 वर्षों से प्राकृतिक तौर पर प्रजनन पर काम करते रहे हैं. बताया कि फ़ेजेंटरी में 14 नर और दो मादा मोनाल है, जो शिकारियों की गोली से घायल मिले थे. लोगों ने उन्हें केंद्र तक पहुंचाया. उनका इलाज करके उन्हें यहां रखा गया है.
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