अलवर से सांस्कृतिक जत्थे की शुरुआत 28 को

  • 11:19 am
  • 21 September 2023

नई दिल्ली | देश भर के संस्कृतिकर्मियों, साहित्यकारों और नौजवानों का एक ख़ास जत्था ‘ढाई आखर प्रेम’ भगत सिंह के जन्मदिन पर अलवर से रवाना होगा. सांस्कृतिक जनजागरण के लिए उद्देश्य से यह जत्था शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की जयंती पर 28 सितंबर को अलवर से शुरू होगा और 22 सूबों से होकर गुज़रेगा. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत के दिन, यानी 30 जनवरी 2024 को इसका समापन नई दिल्ली में होगा.

इस ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सांस्कृतिक अभियान के अगुआ देश के प्रमुख प्रगतिशील, जनवादी, सांस्कृतिक-साहित्यिक संगठन हैं. इन संगठनों की ओर से इस अभियान में शामिल होने के लिए एक अपील जारी की गई है. इस अपील पर जनवादी लेखक संघ के महासचिव संजीव कुमार, जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार, दलित लेखक संघ के अध्यक्ष हीरा लाल राजस्थानी, भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के महासचिव तनवीर अख़्तर, जन नाट्य मंच की सचिव सानिया हाशमी, प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव सुखदेव सिंह सिरसा के दस्तख़त हैं.

अपील में कह गया है कि ”यह जत्था आपसी प्रेम, शांति और सौहार्द्र का उत्सव है. यह दुनिया में व्याप्त नफ़रत और अविश्वास की भावना के जवाब में हम संस्कृतिकर्मियों और ज़िम्मेदार नागरिकों की एक ज़रूरी पहल है.” आयोजकों की तरफ़ से दी गई जानकारी के मुताबिक, ”इस जत्थे के रास्तों में मिलने वाले लोगों के सम्मान में गीत गाए जाएँगे. नृत्य होंगे. नाटकों की प्रस्तुतियां होंगी. यही नहीं, हथकरघा से बनीं चीज़ें लोगों से साझा की जाएँगी. अपनी माटी में रंगे प्रेम के धागों को बुनने वाले समाज सुधारकों, संतों, कलाकारों, लोक-कलाकारों और कवियों को उनकी रचनाओं के ज़रिये याद किया जाएगा. उनसे जुड़ी जगहों पर जाया जाएगा. आज़ादी के दीवानों को याद करने के लिए, उनके जन्म और कर्मस्थली भी जाया जाएगा.”

यह भी कि ”ढाई आखर प्रेम’… राष्ट्रीय सांस्कृतिक जत्था, गंगा-जमुनी तहज़ीब का आईना है. यह स्वतंत्रता, समता, न्याय, बंधुता और एकजुटता को फिर से पाने और जीने की कोशिश है. साथ ही इन मूल्यों को पुनः समाज में स्थापित करने का प्रयास है.”

अपील पर दस्तख़त करने वाले संगठनों ने सभी प्रगतिशील और जनवादी सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों, कलाकारों, कवियों, लेखकों, संगीतकारों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक-सांस्कृतिक पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ आम जन से भी इस सामूहिक अभियान में सहभागिता का आह्वान किया है. इसमें कहा गया है, ”आप हमारे दोस्त, सहयोगी और सहयात्री के रूप में इस राष्ट्रीय अभियान में शामिल हों. हम आपका दिल से स्वागत करते हैं. हम आपकी उपस्थिति-आपकी भागीदारी-आपके समर्थन की आशा रखते हैं.”


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