झलकियां | इक्वेडोर के खिलाड़ियों ने चूचो को याद किया
सबसे उद्दात और मानवीय चेहरे खेल मैदान में नज़र आते हैं और उन चेहरों से सबसे ख़ूबसूरत चित्र भी खेल मैदानों में ही बनते हैं. सेनेगल के सदियो माने हो, ब्रिटेन के मार्कस रशफोर्ड हों या ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के समर्थन में घुटने टेकते खिलाड़ी, सब मैदान से आते हैं.
ऐसा ही एक खूबसूरत दृश्य क़तर में चल रही विश्व कप प्रतियोगिता के दौरान मैदान में देखने को मिला.
यह क़तर विश्व कप का उद्घाटन मैच था. ग्रुप ए का मेजबान कतर और इक्वेडोर का मैच था. खेल अभी शुरू हुआ ही था, ये मैच का तीसरा मिनट था, इक्वेसोर के कप्तान और फारवर्ड वेलेंसिया ने गेंद गोल में डाल दी. उस गोल को सेलिब्रेट करने के लिए इक्वेडोर के सभी खिलाड़ी एक घेरा बना कर घुटने के बल बैठ गए और उसके बाद उन्होंने आसमान की और उंगुली उठाई. लेकिन वीएआर के बाद ये गोल निरस्त कर दिया गया.
लेकिन उसके बाद वेलेंसिया ने दो गोल किए और इक्वेडोर के खिलाड़ियों ने हर बार गोल वैसे ही सेलिब्रेट किया. दरअसल वे अपने मरहूम साथी खिलाड़ी क्रिश्चियन रोगेलिओ बेनिट्ज़ बेटनकोर्ट को याद कर रहे थे, जिनकी 2013 में दोहा में ही ख़लीफा स्टेडियम के पास स्थित एक अस्पताल में हृदयाघात से 27 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई थी. ये इक्वेडोर के खिलाड़ियों के मन में अपने साथ खिलाड़ी के प्रति सम्मान और प्रेम का मार्मिक मुज़ाहिरा था.
बेनिट्ज़ ‘चूचो’ के नाम से जाने जाते थे और इक्वेडोर के सबसे बड़े फुटबॉल आइकॉन थे. उनकी अपने देश में क्या अहमियत थी, यह इस बात से जाना जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार में एक लाख से ज़्यादा लोगों ने भाग लिया था. और उनकी 11 नंबर की जर्सी को रिटायर कर दिया गया. हालांकि 2014 के विश्व कप में फ़ीफ़ी के नियमों के चलते ये नंबर बहाल करना पड़ा.
बेनिट्ज़ ने अपने प्रोफेशनल कॅरियर की शुरुआत स्पेन के विलररियल क्लब से की. उसके बाद वे मेक्सिको प्राइमा लीग में सांतोस लगुना से खेले और तीन सीज़न में सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी थे. उसके बाद वे इंग्लिश प्रीमियर लीग में बर्मिघम सिटी से खेले. 2013 में वे क़तर के अल जैश क्लब में शामिल हो गए. इस क्लब के लिए उन्होंने एक ही मैच खेला था कि उनकी मृत्यु हो गई.
लेकिन खेल मैदान का यह कोई आखिरी मर्मस्पर्शी दृश्य नहीं बन रहा था. यक़ीन मानिए ऐसे दृश्य आगे भी आपके मन को छूते रहेंगे.
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