शुक्रवार , 11  अक्टूबर  2024

गुड़गांव में अरावली की पहाड़ियों से सटे उस कैम्पस में सीआरपीएफ़ के अफ़सरों और जवानों को प्रशिक्षण देते हैं. सुबह-शाम बूटों की मद्धिम होती आवाज़ के बीच हवा में घुलती बैगपाइपर और बैंड की धुन या फिर सेक्सोफ़ोन और बांसुरी के स्वर किसी अन्जान आदमी को चौंका सकते हैं. ये स्वर उन लोगों के रियाज़ का हिस्सा हैं, जिनके बदन पर ख़ाकी वर्दी है और लगन सुर साधने की है. कैम्पस के नेशनल पुलिस बैंड इन्स्टीट्यूट में राज्य-पुलिस बैंड को भी प्रशिक्षण देने की सहूलियत है बशर्ते उस्ताद मेजर नाज़िर हुसैन राज़ी हो जाए. राष्ट्रीय मुक़ाबलों में सीआरपीएफ़ बैंड अब तक 12 गोल्ड और तीन सिल्वर पदक जीत चुका है.
फ़ोटोः प्रभात

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