रूहेलखंड की क्रांति तारीख़ का ऐसा पन्ना है, जो किताबों में तो महफ़ूज़ रहा मगर अवाम के ज़ेहन से कब का बाहर हो चुका है. अंग्रेज़ी हुकूमत के दौर में ग़ुलामी की जज़ीरों से आज़ादी की छटपटाहट के साथ ही उसे हासिल करने के जज़्बे और बहादुरी के क़िस्सों का इतिहास भर नहीं है यह [….]