भारतवर्ष त्योहारों का देश है, बचपन से हिंदी की परीक्षा की तैयारी के दौरान किसी भी त्योहार पर निबंध लिखाते समय यह पंक्ति गुरूजी स्थायी रूप से बताते थे. होली, दिवाली, दशहरा, पंद्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी सभी के साथ यह एक वाक्य स्थायी रूप से जोड़ा जाता था. [….]