आप जंगल में घूमने जाएं और बाघ भी देखने को मिल जाए तो यह सुखद संयोग होगा. मगर जंगल के तमाम हिस्सों की नैसर्गिक छटा कम मोहक नहीं होती. इसे देखने-महसूस करने की सिर्फ़ एक शर्त होती है – पूर्ण समर्पण का भाव. इन तस्वीरों को देखते हुए आपको इस बात पर यक़ीन होने लगेगा कि जंगल दरअसल बाघ भर नहीं, पेड़-पौधों, कीट-पतंगों, परिंदों और कितने ही क़िस्म के जानवरों का समुच्चय है और हर किसी की ख़ूबसूरती अलग और अनूठी है. ये सारी तस्वीरें दुधवा नेशनल पार्क में घूमते हुए बनाई गई हैं.
फ़ोटो | मनोज दीक्षित/गौरांग दीक्षित