नई दिल्ली | विश्व पुस्तक मेला आठवें दिन शनिवार को राजकमल प्रकाशन से छपी निर्मल वर्मा और गगन गिल की किताबों का लोकार्पण हुआ. इस मौक़े पर गगन गिल ने अपने जीवन से जुड़े कई आत्मीय संस्मरण साझा किए. कहा, “पिछले 18 सालों में मुझे कई लोगों के साथ काम [….]
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पेटीएम के ज़रिये लेन-देन की मोहलत 15 और दिनों के लिए बढ़ा दी है. यह फ़ैसला ग्राहकों की सहूलियत के ख़्याल से लिया गया है. रिज़र्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेट्स बैंक (पीपीबीएल) को आदेश दिया था कि पेटीएम के ग्राहकों के खाते में [….]
नई दिल्ली | विश्व पुस्तक मेला में शुक्रवार को राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसाघर में विश्वनाथ त्रिपाठी की नई किताब के लोकार्पण के साथ उनका जन्मदिन मनाया गया. जलसाघर में उनकी नई आलोचनात्मक कृति ‘हरिशंकर परसाई : देश के इस दौर में’ और हरिशंकर परसाई के [….]
आरज़ू लखनवी का शुमार उन शायरों में होता है, जिन्होंने फ़ारसी में शायरी के उरूज वाले दौर में अवामी ज़बान को तरजीह दी, साथ ही नायाब गीतों से हिन्दी सिनेमा के इब्तिदाई दौर को मालामाल किया. उनके समकालीन मूसीक़ार अनिल विश्वास,नौशाद, बीएन सरकार [….]
नई दिल्ली | साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक संजीव ने विश्व पुस्तक मेला में राजकमल प्रकाशन के मंच से यह घोषणा की है कि उनकी सभी किताबें अब राजकमल प्रकाशन से छपेंगी. उन्होंने कहा, “राजकमल पहले से हमारा प्रकाशक है. मेरे कई उपन्यास उन्होंने ही छापे [….]
उत्तरी केरल की कन्नूर पंचायत ने ज़िले के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के पचास हज़ार से ज्यादा छात्रों की लिखी हुई एक हज़ार से ज़्यादा किताबें छापी हैं. ऐसा पहली बार देखा गया कि इतनी बड़ी संख्या में छात्र इतनी सारी किताबें लिखने के साथ ही कवर डिज़ाइन, संपादन और इलस्ट्रेशन [….]
दुनिया भर में किसान अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. फ़सलों के लिए वाज़िब दाम और कर्ज़ से छुटकारा इनमें सबसे प्रमुख मांग है. पिछले साल जनवरी से अब तक दक्षिण अमेरिका के 67 फ़ीसदी देशों में किसानों ने कई वजहों से विरोध प्रदर्शन किए. इनमें बेहतर निर्यात [….]
नई दिल्ली | इतिहासकार एस.इरफ़ान हबीब ने अपनी संपादित किताब ‘भारतीय राष्ट्रवादः एक अनिवार्य पाठ’ पर बुधवार को हुई परिचर्चा में कहा, “देशभक्ति एक भावना है, जो हर समय हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है पर राष्ट्रवाद एक राजनीतिक अवधारणा है. कई बार हम देशभक्ति और राष्ट्रवाद [….]
बसंत का उत्सव किसी ख़ास धर्म-संप्रदाय या जाति-बिरादरी से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि हर शख़्स के लिए यह बराबर की अहमियत रखता है. और ऐसा सिर्फ़ इसलिए कि यह ऋतु परिवर्तन का पर्व तो है ही, मन को भी इतनी ख़ुशी, उल्लास और जोश भर देता है कि हर किसी के [….]
नई दिल्ली | विश्व पुस्तक मेला के चौथे दिन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसाघर में शहादत के कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’; मृणाल पांडे की किताब ‘हिन्दी पत्रकारिता : एक यात्रा’ और सुजाता पारमिता की किताब ‘मानसे की जात’ का लोकार्पण हुआ. हेमन्त देवलेकर के कविता [….]