विंबलडन | इगा स्वियातेक का पहला ख़िताब

यूं तो खेल की समाप्ति के बाद जीत की ख़ुशी और हार के ग़म को मैदान का आधा-आधा हिस्सा शेयर कर लेना चाहिए. लेकिन ऐसा होता नहीं है. जीत के रंग इस क़दर प्रबल और चमकीले होते हैं कि हार के रंग स्वतः निस्तेज और क्षीण हो जाते हैं कि उनकी उपस्थिति या तो महसूस नहीं होती या फिर उसका हल्का-सा आभास भर होता है. लेकिन कोई एक ऐसा ‘खेल’ होता है जब हार का दुख इतना कातर और असहाय हो जाता है कि आप उसे जीत की ख़ुशी जितना ही लक्षित करते हैं. यहां जीत और हार की अनुभूतियां समान रूप से मैदान शेयर कर रही होती हैं.

बीते शनिवार की शाम साल 2025 के विंबलडन महिला एकल का फ़ाइनल एक ऐसा ही दृश्य बना रहा था, जिसमें जीत की ख़ुशी से अधिक हार का दुःख लक्षित किया जा रहा था.

ये फ़ाइनल पोलैंड की इगा स्वियातेक और अमेरिका की अमांडा एनीसिमोवा के बीच खेला गया. इगा अपने पहले विंबलडन और कुल मिलाकर छठे ग्रैंड स्लैम ख़िताब और अमांडा अपने पहले ग्रैंड स्लैम ख़िताब के लिए सेंटर कोर्ट पर आमने-सामने थीं. एक बड़े और कड़े मुक़ाबले की उम्मीद धरे लोग मैदान में ही नहीं थे बल्कि अपने टीवी स्क्रीन पर भी आंखें गड़ाए थे.

इस मुक़ाबले के कड़े होने की उम्मीद रखने के कुछ वाजिब कारण भी थे. दोनों ने शानदार तरीक़े फ़ाइनल तक का सफ़र तय किया था. इगा बहुत ही आसानी से सेमीफ़ाइनल में बेनसिच को 6-0, 6-2 से हराकर फ़ाइनल में आई थीं. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में केवल एक सेट गंवाया था, दूसरे दौर में अमेरिका की मैकनेली के ख़िलाफ़. हालांकि वे क्ले कोर्ट की विशेषज्ञ खिलाड़ी मानी जाती हैं और उनके पांच में से चार ग्रैंड स्लैम ख़िताब फ्रेंच ओपन ही हैं. वे शक्तिशाली और तेज़ शॉट्स के लिए भले ही न जानी जाती हों, लेकिन टॉप स्पिन की माहिर खिलाड़ी हैं और उनके खेल की ताक़त भी.

दूसरी और अमांडा अपने पावरफुल हिटिंग के लिए ही जानी जाती हैं. विशेष तौर पर डबल बैकहैंड स्ट्रोक्स के लिए. सेमीफ़ाइनल में उन्होंने विश्व नम्बर एक एरीना सबालेंका को 6-4,4-6,6-4 से हराया था. सबालेंका अभी फ्रेंच ओपन जीतकर यहां आई थीं और पावर हिटिंग के लिए जानी जाती हैं. उनके ग्राउंड स्ट्रोक्स इतने शक्तिशाली होते हैं कि वे पुरुष खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करती दिखाई देती हैं. सबालेंका पर इस जीत ने अमांडा से उम्मीदें बढ़ा दी थीं और फ़ाइनल की संभावित विजेता समझी जाने लगी थीं.

अब एक संघर्षपूर्ण और रोमांचक फ़ाइनल की उम्मीद हो चली थी. लेकिन हुआ एंटी क्लाइमेक्स. इगा ने अमांडा को केवल 57 मिनट में 6-0, 6-0 से हराकर 114 साल पहले के एक इतिहास को दोहरा रही थीं जब इसी मैदान पर 1911 में डोरोथी लैंबर्ट चैंबर ने डोरा बूथबी को और ओपन ईरा में 1988 में फ्रेंच ओपन में स्टेफी ग्राफ में नताशा ज़्वेरेवा को इसी स्कोर लाइन से हराया था.

दरअसल अमांडा का ये पहला ग्रैंड स्लैम फ़ाइनल था. वे उसके दबाव को हैंडल नहीं कर पा रही थीं और इगा की शानदार टॉप स्पिन को भी. कोढ़ में खाज ये कि वे अपनी पहली सर्विस भी नहीं सम्भाल पा रहीं थीं और अपने पावरफुल स्ट्रोक्स भी. जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ रहा था, वे एक गेम जीत लेने के भर के लिए व्याकुल होने लगी. जितनी ज्यादा उतनी व्याकुलता बढ़ती जाती, उतनी ही ज्यादा वे बेज़ा गलतियां करती जाती और हार की तरफ़ बढ़ती जाती. उतनी ही ज्यादा बेबस और असहाय नजर आती. ट्रॉफ़ी प्रेजेंटेशन दौरान उनकी आंख से बहता पानी ही नहीं बल्कि खेल के दौरान उनकी भीगी आँखें सारी कहानी बयां करने के लिए काफी हैं.

विंबलडन के इस मैदान पर केवल दो रंगों का विशेषाधिकार है. सफेद और हरे रंग का. बाक़ी किसी रंग को इस इसमें प्रवेश निषेध है. मानो ये दो रंग मैच दर मैच जीतने और हारने वाले खिलाड़ियों के प्रतिनिधि रंग हों. हरा रंग जीते खिलाड़ी की ख़ुशी का और सफ़ेद हारे खिलाड़ी की उदासी का. हार-जीत के खेल में बाकी रंग की गुंजाइश ही कहां बचती है.

लेकिन विंबलडन का सफ़ेद रंग हार की उदासी से इतना मटमैला शायद ही कभी हुआ हो जितना इस बीते शनिवार अमांडा की हार के बाद हुआ हो. पराजय की पीड़ा से उपजी उदासी चाहे जितनी गहरी रही हो, उसमें संघर्ष की एक सम्मानजनक चमक हमेशा रहती आई है. लेकिन इस फ़ाइनल में संघर्ष के अभाव में हार के दुख से उपजी उदासी इतनी गहरी थी कि सफ़ेद रंग इस कदर मटमैला हुआ जाता था जितना इससे पहले कभी न हुआ था.

समय बलवान होता है. नहीं तो क्या कारण है कि केवल 48 घंटों में एक खिलाड़ी अर्श से फ़र्श पर आ खड़ा होता है. गुरुवार की रात को जो खिलाड़ी नंबर को हराकर उत्कर्ष के चरम पर थी वो दो दिन बाद पतन के अपकर्ष पर पहुंच जाती है. वहीं एक दूसरी खिलाड़ी महीने भर पहले संभावित विजेता होते हुए भी उस प्रतियोगिता से चौथे चक्र में ही बाहर हो जाती हैं जिसे उसने चार-चार बार जीता था. लेकिन ठीक एक महीने बाद ही वो एक ऐसे टूर्नामेंट को जीतकर शीर्ष पर पहुंच जाती है जिसे उसके लिए फेवरेट समझा ही नहीं जाता.

लेकिन समय ऐसा ही होता है. मनमौजी. पल में माशा, पल में तोला.

इगा को पहला विंबलडन और छठा ग्रैंड स्लैम ख़िताब मुबारक.

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