हमारी स्मृतियां सिर्फ़ देखी गई चीज़ों से ही नहीं बनती बल्कि पढ़ी गई और सुनी गई चीज़ों से भी बनती हैं. हम उस पीढ़ी के लोग हैं, जो उन दिनों में बचपन से किशोर अवस्था की तरफ़ बढ़ रहे थे, जब टेलीविज़न हमारी दुनिया में नहीं आया था और जब रेडियो का जलवा आज के मोबाइल फ़ोन [….]