बक्स इन 6 की गूंज के बीच अंतेतोकोम्पो नया सितारा
‘इतिहास ख़ुद को दोहराता है’. यह जुमला दोहराने के मौक़े हमें बार-बार मिलते जाते हैं. और खेलों की बात करते हुए तो ऐसा होना ही होता है. बक्स इन 6 की गूंज के बीच नए सितारे अंतेतोकोम्पो का खेल इसी की ताईद करता हुआ लगता है.
सन् 2018 में रूस में विश्व कप फुटबॉल फ़ाइनल्स खेला जा रहा था. फ्रांस की टीम में 19 साल का अफ़्रीका मूल का एक खिलाड़ी था – एम बापे. लीग मैच में पेरू के ख़िलाफ़ उसने फ़ाइनल्स का अपना पहला गोल किया तो विश्व कप में फ्रांस की तरफ से गोल करने वाला सबसे युवा खिलाड़ी था.
उसके बाद क्वार्टर फ़ाइनल में मेस्सी की अर्जेंटीना के विरुद्ध दो गोल किए और उसे 4-3 से हराकर विश्व कप से बाहर कर दिया और वह ‘मैन ऑफ़ द मैच’ घोषित किया गया. फिर फ़ाइनल में 25 मीटर से एक शानदार गोल किया और अपने शानदार प्रदर्शन से फ्रांस को विजेता ही नहीं बनाया बल्कि विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ युवा फुटबॉलर भी चुना गया.
सन् 2021 में यूरोप से सैकड़ों मील दूर अमेरिका में एनबीए में मिलवॉकी बक्स की टीम में अफ्रीकी मूल का युवा ग्रीक खिलाड़ी गिनिस अंतेतोकोम्पो था. वह मैच दर मैच शानदार खेल रहा था और अपनी टीम को एनबीए फ़ाइनल्स में पहुंचा रहा था.
फ़ाइनल में मिलवॉकी बक्स का मुकाबला फीनिक्स सन्स से था. बेस्ट ऑफ़ सेवन सीरिज़ में सन्स पहले दो मैच जीत चुकी थी. और लग रहा था कि 53 सालों के इतिहास में अपना पहला एनबीए खिताब बस जीतने ही जा रही है. लेकिन नियति और अंतेतोकोम्पो को ये मंज़ूर नहीं था. उसने अगले तीन मैचों में शानदार खेल का मुज़ाहिरा किया और अब बक्स 3-2 से आगे थी.
और तब पिछले बुधवार की रात को सीरीज़ के छठवें मैच में मिलवॉकी बक्स ‘फिसर्व फोरम’ एरीना में फ़ीनिक्स सन्स को होस्ट कर रही थी. यहां पर मानो अंतेतोकोम्पो ने तय कर लिया था कि सातवें मैच में वापस फ़ीनिक्स नहीं जाना है और फ़ाइनल्स यहीं ख़त्म कर देना है. और यही हुआ भी.
जब मैच की अखिरी सीटी बजी तो स्कोर बक्स के पक्ष में 105-98 था. बक्स की टीम फ़ाइनल्स 4-2 से जीतकर 50 सालों के लंबे अंतराल के बाद दूसरी बार चैंपियन बन गई थी और अंतेतोकोम्पो फ़ाइनल्स के एमवीपी.
इस मैच में अंतेतोकोम्पो ने 50 अंक बनाए. 14 रीबाउंड्स लिए और 05 शॉट्स ब्लॉक किए. ये एनबीए फ़ाइनल्स के इतिहास के सबसे शानदार प्रदर्शनों में से एक था. फ़ाइनल्स में उसका औसत प्रति गेम 35.2 अंक, 13.2 रीबाउंड्स और 5.0 असिस्ट का था.
वो एनबीए के इतिहास में केवल तीसरा खिलाड़ी है और सबसे युवा भी जिसे एमवीपी, फ़ाइनल्स एमवीपी और बेस्ट डिफ़ेंडर ऑफ़ द ईयर’ तीनों खिताब प्राप्त हुए. वो वक ऑल राउंड खिलाड़ी है. जो एक तरफ़ शानदार शूटिंग करता है और रिकॉर्ड अंक अर्जित करता है तो शानदार डिफ़ेंस भी करता है और विपक्षी टीम के सामने किसी चट्टान की तरह अड़ा रहता है.
लेकिन मिलवॉकी बक्स की इस जीत में एक और खिलाड़ी ने योगदान किया था. वो था ख्रिस मिडलटन. वे दोनों एक साथ 2013 में बक्स में शामिल हुए थे. पहले अंतेतोकोम्पो ड्राफ्ट हुए और उसके लगभग 34 दिन बाद टीम में अदला-बदली के ज़रिये मिडलटन पिस्टन से बक्स में आए.
इस साल का ईस्टर्न कांफ़ेरेंस का फ़ाइनल बक्स और अटलांटा हॉक्स के बीच था. सीरीज 2-2 से बराबरी के बाद पांचवें गेम में अंतेतोकोम्पो को चोट लगी तो मिडलट ही था, जिसने ट्रू हॉलिडे के साथ मिलकर गेम 5 और 6 में बक्स को जीत दिलाई और एनबीए के फ़ाइनल में पहुंचाया.
बात यहीं ख़त्म नहीं होती. उसके बाद एनबीए फ़ाइनल में 2-0 से पिछड़ने के बाद तीसरे गेम में अंतेतोकोम्पो ने 41 अंक बना कर अपनी टीम बक्स को जीत दिलाई तो चौथे महत्वपूर्ण गेम में मिडलटन ने 40 अंक बनाकर जीत दिलाई. ये फ़ाइनल्स में केवल तीसरी जोड़ी थी जिसने 40+ अंक बनाए.
जीत के बाद उनके साथी ट्रू हॉलिडे ने एक इंटरव्यू के कहा, ‘मिडलटन हमारा दिल है और अंतेतोकोम्पो आत्मा. इनकी वजह से ही हम आज यहां हैं.’
दरअसल ये जोड़ी अपनी टीम के लिए 1971 में करीम अब्दुल जब्बार और ऑस्कर रोबर्टसन के किए हुए कारनामे को दोहरा रही थी. 1971 में करीम-रोर्बटसन की जोड़ी ने अपनी टीम को एनबीए में शामिल होने के तीन साल के भीतर ही चैंपियन बना दिया था. और इसके बाद दोबारा चैंपियन बनाने के लिए मिलवॉकी को आधी सदी इंतज़ार करना पड़ा.
इस बार की फ़ाइनल की दोनों टीमों के बीच बहुत कुछ साझा था. दोनों ही टीमें 1968 में एनबीए में शामिल हुए थीं. दोनों ही तीसरा फ़ाइनल खेल रही थीं. इससे पहले फ़ीनिक्स 1976 और 1993 फ़ाइनल में पहुंची थी. जबकि बक्स 1971 और 1974 में. अंतर बस इतना था कि बक्स एक बार 1971 में चैंपियन हो चुकी थी तो फ़ीनिक्स इस बार बेहतर टीम थी और बेहतर प्रदर्शन के साथ एनबीए के फ़ाइनल में पहुंची थी.
‘इट्स कमिंग होम’ गीत आपको याद होगा. यह गीत इंग्लिश फुटबॉल का एंथम बन गया है. हर बड़ी प्रतियोगिता में इंग्लिश टीम की जीत की आशा में उसके समर्थक यह गीत गाते हैं. ठीक इसी तरह से ‘बक्स इन सिक्स’ बक्स समर्थकों के लिए सबसे पसंदीदा फ़्रेज़ बन गया, जो इस बार पूरे फ़ाइनल्स के दौरान एरीना के भीतर और बाहर गूंजता रहा. और जब छठे गेम में बक्स फीनिक्स को हरा कर दूसरी बार चैंपियन बन रहे थे तो इस फ़्रेज़ से पूरा मिलवॉकी शहर गुंजायमान हो रहा था.
इंग्लिश फुटबॉल प्रेमियों के लिए ‘इट्स कमिंग होम’ का सपना भला ही पूरा न हो पाया हो पर बक्स समर्थकों के लिए ‘बक्स इन सिक्स’ चरित्रार्थ हो रहा था.
एनबीए में नए सितारे अंतेतोकोम्पो के उदय का जश्न तो बनता ही है. तो जश्न मनाइये और एनबीए के नए चैंपियन मिलवॉकी बक्स को बधाई दीजिए. और हां, ये कहना मत भूलिएगा ‘बक्स इन सिक्स’.
(ब्रैंडन जेंनिंग्स दरअसल मिलवॉकी का अहम् खिलाड़ी था, जिसने 2013 में एक बेहतर टीम मियामी हीट्स के विरुद्ध प्ले ऑफ़ सीरीज़ में 6वें गेम में बक्स टीम की जीत की भविष्यवाणी की थी. हालांकि यह भविष्यवाणी उस समय फलीभूत नहीं हुई लेकिन तभी से यह बक्स समर्थकों के लिए एक बड़ी चाहना बन गई और उनके बीच लोकप्रिय फ़्रेज़ बन गया ‘बक्स इन सिक्स’.)
कवर | ट्वीटर से साभार
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