ओलंपिक रिपोर्ट | भारत के लिए कोशिशों और उम्मीदों का दिन

29 जुलाई 2021 | टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा का छठा दिन.

जैसे ज़िन्दगी में अक्सर खेल होते रहते हैं, ठीक वैसे ही खेलों में भी एक ज़िन्दगी होती है. कभी हार कभी जीत. ग़म तो खुशी भी. आंसू तो मुस्कुराहट भी. ज़िन्दगी में हम बड़ी-बड़ी जीत, ख़ुशियां और आनंद खोजते हैं और जब वे नहीं मिलतीं तो छोटी-छोटी जीतों, छोटी छोटी उपलब्धियों, ख़ुशियों के छोटे-छोटे लम्हों में ही बड़ी ख़ुशियां तलाश कर लेते हैं, उन्हीं में संतुष्ट हो लेते हैं. खेलों में पदक न भी मिले तो क्या ग़म! उसकी कोशिश में मिली कुछ जीतों से ही संतुष्ट हो लेते हैं. और अगर कोई जीत भी न मिले तो जीत के लिए किए गए संघर्ष से ही संतुष्ट हो लेते हैं. हार में भी ख़ुशियां ढूंढ लेना आदमी की फ़ितरत है. और आज जब भारतीय एथलीटों ने दमदार जीत के साथ मज़बूती से कदम बढ़ाए तो ख़ुश होना तो बनता है.

आज का दिन भारत के लिए शानदार रहा. ज़िन्दगी में ऐसे दिन कम आते हैं, जब आप दिन भर मुस्कुराते रहें और उदासी के लम्हे हो ही नहीं और अगर हो भी तो न के बराबर. आज भले ही पदक हाथ न लगा हो पर जीत की भारत के भाग्य पर इनायत रही. आज जीत बरसती रही. केवल मेरीकॉम की हार को छोड़ कर.

आज दिन की शुरुआत पुरुषों की हॉकी टीम ने अपने चौथे पूल मैच में वर्तमान ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर की. हाफ़ टाइम तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी. पहला गोल 43वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर वरुण ने किया. लेकिन 48वें मिनट में अर्जेंटीना ने गोल कर 1-1 की बराबरी कर ली. 57वें मिनट में विवेक ने एक फ़ील्ड गोल और उसके बाद हरमनप्रीत ने पेनाल्टी कार्नर पर तीसरा गोल कर भारत को 3-1 से विजय दिलाई. भारत अपने अंतिम पूल मैच में जापान से खेलेगा. 1984 के बाद ये पहला मौक़ा है कि भारत ने ग्रुप स्टेज में तीन मैच जीते हैं.

दूसरी जीत बैडमिंटन में पी वी सिंधु ने दर्ज कराई. उन्होंने प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को आसानी से 21-15, 21-13 से हराया. सिंधु ने अभी तक अपने सभी मुक़ाबले बहुत ही आसानी से जीते हैं. इन दिनों वह ज़बरदस्त फ़ॉर्म में हैं. उनका अगला मुक़ाबला जापान की अकीने यामागुची से है. बैडमिंटन में भारत की यही एक चुनौती बाक़ी है.

तीरंदाज़ी में अतानु दास ने अपने शानदार प्रदर्शन से पदक की उम्मीदें जगा दी हैं. उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत चीनी ताइपे के यू चेंग देंग को 6-4 से हराकर की. दूसरे चक्र में अतानु दास का मुक़ाबला दो बार के ओलंपिक चैंपियन दक्षिण कोरिया के ओह जिन हायेक से था. शुरुआत में पिछड़ने के बाद अतानु ने शानदार वापसी की और शूट ऑफ़ के बाद हायेक को 6-5 से हरा दिया.

91 किलोग्राम से ज़्यादा भार की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में भारत के सतीश कुमार ने अपने अभियान का शानदार आग़ाज़ किया. एशियाई चैंपियनशिप में दो बार के कांस्य पदक विजेता सतीश ने अपने पहले मुक़ाबले में जमैका के रिकार्डो ब्राउन को 4-1 से हराया. दोनों ही मुक्केबाज़ों का यह पहला ओलंपिक है. रिकॉर्डों 1996 के बाद जमैका के लिए ओलंपिक में क्वालीफ़ाई करने वाले पहले मुक्केबाज़ हैं. दूसरे चक्र में सतीश का मुकाबला वर्तमान एशियाई और विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा.

अंततः एक अच्छी ख़बर शूटिंग से भी. 25 मीटर पिस्टल के प्रिसिजन राउंड के बाद 292 अंकों के साथ मनु भाकर 5वें स्थान पर हैं जबकि भारत की दूसरी प्रतिभागी राही सरनोबत 287 अंकों के साथ 18वें स्थान पर. इस स्पर्धा का रैपिड फ़ायर राउंड कल होगा.

गोल्फ में अनिर्बान लाहिरी ने अच्छी शुरुआत की. पहले राउंड के बाद 4 अंडर 67 के स्कोर के साथ संयुक्त रूप से आठवें नंबर पर हैं. भारत के लिए एक अच्छी ख़बर यह कि गोल्फ़ स्पर्धा में दीक्षा डागर को भी प्रवेश मिल गया है. अब गोल्फ़ में भारत की ओर से अदिति अशोक और दीक्षा डागर चुनौती पेश करेंगी.

और क्या ही दुर्योग है कि जैसे-जैसे ढलते दिन के साथ सूर्य अपनी चमक खोता गया, वैसे ही भारत का भाग्य भी डूबने लगा है. सूरज का डूबना मानो भारत की एक लीजेंड के भाग्य का डूबना था. छह बार की विश्व चैंपियन और पदक की प्रमुख दावेदार एम सी मेरीकॉम आज शाम एक बहुत ही संघर्षपूर्ण और क़रीबी मुक़ाबले में कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया से 2-3 से हार गईं. पदक की एक और उम्मीद नाउम्मीदी में बदल गई.

और क्या ही दुर्योग है कि जैसे-जैसे ढलते दिन के साथ सूर्य अपनी चमक खोता गया, वैसे ही भारत का भाग्य भी डूबने लगा है. सूरज का डूबना मानो भारत की एक लेजेंड के भाग्य का डूबना था.

छह बार की विश्व चैंपियन और पदक की प्रमुख दावेदार एम सी मेरीकॉम आज शाम एक बहुत ही संघर्षपूर्ण और क़रीबी मुकाबले में कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया से 2-3 से हार गईं. पदक की एक और उम्मीद नाउम्मीदी में बदल गई.

इस मुक़ाबले में उनकी शुरुआत ख़राब रही और पहला राउंड 1-4 से हार गईं. उसके बाद उन्होंने वापसी की और अगले दो राउंड उन्होंने 3-2 से जीते. पर पहले राउंड का अंतर इतना ज्यादा था कि वे उसे पाट नहीं सकीं और हार गईं.

यह एक लेजेंड की उदास विदाई थी. लेकिन वे अपनी हार में भी उतनी ही ग्रेसफुल थी और मुस्कुराकर रिंग को तथा ओलंपिक को विदा कहा. वे पिछले 20 सालों रिंग में लड़ रही हैं. 38 साल की इस लड़ाका ने इस बीच इतना अनुभव तो बटोर लिया होगा और इतनी निस्पृहता तो उनमें आ ही गई होगी कि अपने भीतर की उदासियों को चेहरे के पीछे छिपा सके और अपने दुःख को आंखों तक न आने दे.

सेलिंग में महिला एकल डिंगी लेज़र रेडियल स्पर्धा में नेत्रा कुमानन सातवीं रेस में 22वें स्थान पर और आठवीं रेस में 20वें स्थान पर रहीं तो पुरुषों की एकल डिंगी लेज़र स्पर्धा में विष्णु सरवनन सातवीं रेस में 27वें स्थान पर और आठवीं रेस में 23वें स्थान पर रहे.

उधर रोइंग में पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल स्पर्धा में अर्जुन लाल और अरविंद सिंह 11वें स्थान पर रहे. ये इस स्पर्धा का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इनके अलावा सेलिंग की स्किफ 49अर स्पर्धा में वरुण ठक्कर और के सी गणपति का ख़राब प्रदर्शन जारी है. 5वीं रेस के बाद वे 19 प्रतिभागियों में 17वें स्थान पर हैं.

तैराकी में एकमात्र भारतीय चुनौती सूरज प्रकाश के रूप में हैं. वे आज 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में प्रतिभाग कर रहे थे. 53.45 सेकंड के साथ वे अपनी हीट में वे दूसरे स्थान पर रहे परन्तु ये सेमी फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई करने के लिए पर्याप्त नहीं रहा.

टोक्यो ओलंपिक से ख़बर है कि ऑस्ट्रेलिया के जैक स्टब्बलेटी कुक ने 200 मीटर ब्रैस्टस्ट्रोक स्पर्धा का स्वर्ण पदक नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ जीता. उन्होंने 2 मिनट और 2.36 सेकंड का समय लिया.

जापान के डायक़ी हाशिमोतो ने पुरुषों की आल राउंड जिमनास्टिक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया है. इस स्पर्धा का रजत चीन ने और कांस्य रूस ने जीता.

पोल वॉल्ट के दो बार के विश्व चैंपियन अमेरिका के सैम केंड्रिक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण ओलंपिक से बाहर हो गए हैं.

क्वार्टर फ़ाइनल में केई निशिकोरी को 6-2 और 6-0 से हराकर नोवाक जोकोविच टेनिस पुरुष एकल स्पर्धा के सेमीफ़ाइनल में पहुंच गए हैं. गोल्डन ग्रैंड स्लैम से केवल दो जीत दूर.

और अब बात पदक तालिका की. पदक तालिका में चीन 15 स्वर्ण पदकों सहित 31 पदक जीत कर पहले स्थान पर, जापान 15 स्वर्ण कुल 25 पदक लेकर दूसरे पर और अमेरिका 14 स्वर्ण पदक सहित कुल 38 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है. भारत एक रजत के साथ पदक तालिका में अब 46वें स्थान पर पहुंच गया है.

और चलते चलते बात सिमोन बाइल्स की और उनके बहाने खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की और विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य की. सिमोन बाइल्स सर्वकालिक महानतम और सफलतम जिमनास्टों में से एक हैं. अगर बीते मंगलवार को जिम्नास्टिक की टीम स्पर्धा को बीच में ही छोड़ देने का निर्णय उन्होंने नहीं लिया होता तो वे आज की आलराउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में भाग ले रही होतीं.

दरअसल उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर प्रतियोगिता से हटने का निर्णय लिया. एक हफ्ते के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ये निर्णय होगा कि वे बाक़ी बची स्पर्धाओं में भाग लेंगी या नहीं. वे ‘ट्विस्टिज’ से पीड़ित हैं. ये एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें एक जिम्नास्ट हवा में कलाबाजी करने के बाद जब लैंड करता है तो उसका दिमाग़ पूरी तरह काम नहीं करता और चेतनाशून्यता की स्थिति आ जाती है. ऐसे में गंभीर चोट लगने की बहुत अधिक संभावना होती है.

इस अवस्था से बहुत सारे जिम्नास्ट गुज़रते हैं. लेकिन उनके हटने के निर्णय का अमेरिका की टीम के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा और वह लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतने में असफल रही. इसलिए वे लोगों के निशाने पर आ गईं. यूं भी वे एफ़्रो-अमेरिकन मूल की हैं. लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और जिम्नास्टिक फ्रेटरनिटी उनके साथ है.

खेल स्वास्थ्य और आनंद के लिए खेले जाते हैं और अगर इन खेलों से उसके स्वास्थ्य पर ही प्रभाव पड़ता है तो उसे उससे अलग होने का अधिकार होना ही चाहिए. सिमोन बाइल्स आप जल्द ठीक हो और फिर से जिम्नास्टिक एरीना में सक्रिय दिखें.

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