मैनचेस्टर डर्बी और सिटी का ट्रिपल

बात सन् 1764-65 की है. जेम्स हरग्रीव्ज़ ने ‘स्पिनिंग जेनी’ नाम के एक जादुई यंत्र का आविष्कार किया. 18वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में पूरे यूरोप और विश्व में सूती कपड़े की मांग ज़ोर पकड़ रही थी. उस समय केवल आठ हज़ार की आबादी वाला इंग्लैंड का एक क़स्बानुमा शहर मैनचेस्टर सूती कपड़ों के उत्पादन का केंद्र बनने की कोशिश में था. वहां के बुनकर हस्तचालित पुराने हथकरघों से उस बढ़ती मांग को पूरा करने में ख़ुद को असमर्थ पा रहे थे. ऐसे में ‘जेनी’ ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी.

हरग्रीव्ज़ की जेनी में आठ स्पांडल थे. यानी अब पहले जितने समय में आठ गुना सूत काता जा सकता था. इसने वहां टेक्सटाइल कारख़ानों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया. देखते ही देखते वहां बड़ी संख्या में सूती कपड़ों के कारख़ाने लग गए. उसके साथ ही कपड़ों को रंगने और ब्लीच करने के लिए ज़रूरी केमिकल्स की मांग बढ़ने से केमिकल फ़ैक्ट्री भी लगने लगीं और उन कारख़ानों के लिए आवश्यक संयंत्र बनाने के कारख़ाने भी स्थापित हुए. कच्चे माल के लाने के लिए परिवहन नहर प्रणाली का विकास हुआ और पहली रेल लाइन की स्थापना भी यहीं हुई.

अब देश के कोने-कोने से लोग बड़ी संख्या में कारख़ानों में काम पाने के लिए मैनचेस्टर आने लगे.

19 वीं शताब्दी के शुरू होते होते मैनचेस्टर औद्योगिक क्रांति का प्रमुख केंद्र बन गया और इंग्लैंड के सबसे बड़े तीन शहरों में एक. अब उसकी आबादी तीन लाख से ऊपर हो चुकी थी. इसमें ज़्यादातर मजदूर थे जिन्हें बारह घंटों से भी अधिक समय तक कारख़ानों में काम करना पड़ता था और कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन. ऐसे में उनके मनोरंजन के साधनों की ज़रूरत महसूस होने लगी. इससे अनेक खेलों के आयोजनों की शुरुआत हुई, जिसमें घुड़सवारी से लेकर फ़ुटबॉल तक शामिल थे.

मजदूरों के बीच फ़ुटबॉल तेजी से लोकप्रिय होने लगा. और देखते ही देखते वहां कई फ़ुटबॉल क्लब बन गए. इनमें से दो क्लब ऐसे थे, जिन्हें आगे चलकर न केवल विश्व प्रसिद्ध फ़ुटबॉल क्लबों में तब्दील हो जाना था बल्कि प्रसिद्ध खेल प्रतिद्वंद्विता में भी बदल जाना था, जिसे ‘मैनचेस्टर डर्बी’ के नाम से जाना जाना था.

सन् 1878 में लंकाशायर व यॉर्कशायर रेलवे के मज़दूरों ने ‘न्यूटन हीथ एलवाईआर फ़ुटबॉल क्लब’ बनाया. 1892-93 में एक स्वतंत्र कंपनी बन जाने के कारण नाम से एलवाईआर शब्द हटा दिया गया. सन् 1902 तक आते आते क्लब का घाटा बहुत बढ़ गया और इसको बंद करने की नौबत आ गई. उस समय चार स्थानीय व्यापारियों ने इसमें निवेश किया और आधिकारिक रूप से इसका नाम ‘मैनचेस्टर यूनाइटेड फ़ुटबॉल क्लब’ पड़ा.

उधर सन् 1880 में एक अन्य फ़ुटबॉल क्लब ‘सेंट मार्क्स’ (वेस्ट गोर्टन) की स्थापना हुई. सन् 1887 में इसका नाम ‘ऑर्डिक एसोसिएशन फ़ुटबॉल क्लब’ हो गया. और फिर 16 अप्रैल 1894 को ये क्लब ‘मैनचेस्टर सिटी फ़ुटबॉल क्लब ‘ नाम से जाना जाने लगा.

इन दोनों टीमों के बीच पहला मुक़ाबला 1881 में हुआ, जिसमें न्यूटन हीथ ने सेंट मार्क्स की टीम को 3-0 से हरा दिया. ये एक दोस्ताना मैच था और प्रतिद्वंद्विता जैसी कोई बात न थी. लेकिन इसी दशक में दोनों टीमों ने प्रगति करना शुरू किया और मैनचेस्टर क्षेत्र की दो सर्वश्रेष्ठ टीमें बन गईं. इनमें से ही कोई एक टीम मैनचेस्टर कप जीतती. यहां से दोनों टीमों में श्रेष्ठता के लिए प्रतिद्वंद्विता स्थापित हो गई. और दोनों टीमों के बीच मुकाबले ‘मैनचेस्टर डर्बी’ के नाम से जाने जाने लगे. समय के साथ-साथ यह प्रतिद्वंद्विता सघन और तीव्र होती गई और विश्व भर में खेलों की और विशेषकर फ़ुटबॉल की सबसे प्रसिद्ध खेल प्रतिद्वंद्विताओं में शुमार हो गई.

ऐसी प्रतिद्वंद्विताएं कभी भी एकतरफ़ा कहां हो पाती हैं. पलड़ा कभी इस ओर झुक जाता तो कभी उस ओर. पर कुल मिलाकर मैनचेस्टर डर्बी में रेड डेविल्स यानी यूनाइटेड का पलड़ा भारी रहा. डर्बी में अब तक कुल 190 मुकाबलों में से 78 यूनाइटेड ने और 59 सिटी ने जीते. शेष 53 मुकाबले अनिर्णीत रहे. इस दौरान यूनाइटेड ने 67 खिताब जीते तो सिटी ने 31 खिताब.

लेकिन 2023 का साल मानो इस प्रतिद्वंद्विता का निर्णायक साल था. 142 साल पुरानी प्रतिद्वंद्विता का चर्मोत्कर्ष था. लेकिन ये साल सिटी की बुलंदियों का भी साल है.

इंग्लैंड की सबसे प्रतिष्ठित फ़ुटबॉल प्रतियोगिताओं में एफए कप शुमार है, जो विश्व की सबसे पुरानी प्रतियोगिता है. इस प्रतियोगिता के 142 साल के इतिहास में पहली बार फ़ाइनल में मैनचेस्टर की ये दो टीमें आमने-सामने थीं. ये मैनचेस्टर डर्बी का महामुक़ाबला था. मानो ये एफए कप का फाइनल न होकर, डर्बी फ़ाइनल हो.

यह मैच 03 जून को लंदन के वेम्बले स्टेडियम में खेला गया.

सुप्रसिद्ध मैनेजर पेप गोर्डियाला के निर्देशन और जर्मन मिडफ़ील्डर इल्के गुंडोगन के नेतृत्व में जब सिटी की टीम हरी घास पर अपनी पारंपरिक आसमानी रंग की जर्सी में मैदान पर उतरी तो इस साल की प्रीमियर लीग की जीत के गर्व से आसमान से ऊंचे उनके सिर थे और किसी महासमुद्र से संतुष्ट और शांत प्रतीत होते थे. यह और बात है उनके सीने में प्रतिद्वंद्वियों को हराने के लिए ज़ज्बात की एक सुनामी थी.

दूसरी और मैनेजर एरिक तेन हाग के निर्देशन में और पुर्तगाली अटैकिंग मिडफ़ील्डर ब्रूनो फ़र्नांडीज के नेतृत्व में यूनाइटेड की टीम इतिहास के अपने पक्ष में होने के गौरव की रक्तिम आभा लिए और फ़रवरी में ही ईएफएल में जीत की अग्नि से दावानल हुए प्रतिद्वंद्वी टीम को भस्म कर देने की मुद्रा में थी.

ये आसमानी रंग के हरहराते महासागर और लाल रंग की लपलपाती दावानाल के बीच का मुकाबला जो था.

मैच शुरू हुआ. सिटी के कप्तान गुंडोगन ने किक ऑफ़ किया. गेंद गोलकीपर के पास पहुंची. उसने जोरदार किक से बॉल को यूनाइटेड के पेनाल्टी एरिया के पास पहुंचा दिया. एक हैडर से बॉल गुंडोगन के पास पहुँची और उसने शानदार वॉली से गैंद गोल में पहुंचा दी. अभी मैच शुरु हुए केवल 13 सेकंड हुए थे. ये एफए कप फ़ाइनल का सबसे तेज गोल था.

सिटी ने 1-0 की बढ़त ले ली थी. लगा मानो स्टेडियम में आसमानी समुद्र गर्जना कर रहा था और दहकती दावानल निस्तेज हुई जाती थी. हालांकि दावानल निस्तेज भले ही हो गई हो, पर अभी भी बहुत आग उसमें बाक़ी थी.

इधर सिटी ने मोमेंटम बनाए रखा. जल्दी ही उसने गोल करने के दो और मौक़े बनाए. पहले ब्रुएने के फ्री किक पर रोडरी ने हैडर बाहर मार दिया. उसके तुरंत बाद हालैंड ने मौक़ा गंवाया. इधर यूनाइटेड ने गेंद पर नियंत्रण बढ़ाकर दबाव बनाना शुरू किया. एक के बाद एक कई आक्रमण किए. इसका प्रतिफल उन्हें पेनाल्टी के रूप में मिला. हालांकि ये पेनाल्टी वीएआर से मिली. कप्तान फ़र्नांडीज ने बराबरी का गोल दाग दिया. ये गोल 33वें मिनट में आया.

दूसरे हाफ़ में 51 वें मिनट में ब्रुएने का फ्री किक एक बार फिर गुंडोगन को पेनाल्टी एरिया में मिला और एक बार फिर वॉली पर गोल कर सिटी को फिर बढ़त दिला दी. इसके बाद दोनों ही टीमों ने मूव बनाए और गोल के मौक़े भी. लेकिन अंततः मैच 2-1 से सिटी ने जीत लिया.

मैनचेस्टर सिटी ने प्रीमियर लीग के बाद एफए कप जीत कर अपना डबल पूरा किया. ऐसा उसने दूसरी बार किया. इससे पहले ये कारनामा 2018-19 में किया था. जबकि उसके प्रतिद्वंद्वी ये कारनामा तीन बार 1993-94, 1995-96 और 1998-99 में किया था.

मैनचेस्टर डर्बी में इस बार बाज़ी सिटी के हाथ रही. लेकिन इससे बड़ी प्रतिष्ठा अभी भी दांव पर है. इस शनिवार यूएफा कप चैपियनशिप के फ़ाइनल में उसका मुक़ाबला इंटर मिलान से है. सवाल ये है कि क्या ये फ़ाइनल जीतकर सिटी अपना ट्रिपल पूरा कर पाएगी या नहीं.

अभी तक विश्व के कुल 21 क्लब ने 29 बार ट्रिपल पूरा किया है. पर इंग्लैंड की केवल एक टीम है, जिसने ये किया है और वो सिटी की डर्बी प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड है जिसने 1998-99 में ये ट्रिपल किया था.

अब सिटी की बारी है. ये शनिवार और रविवार के बीच की जो रात है न, कम रोमांचक नहीं होने जा रही है.

याद रखिएगा!


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