प्रिंस ऑफ़ क्ले: अल्काराज

बीते रविवार को फ़्रेंच ओपन के पुरुष वर्ग के फ़ाइनल मैच के बाद की एक वीडियो वायरल हो रही है. इस वीडियो में विजेता कार्लोस अल्काराज सेंटर कोर्ट पर बॉल किड्स के साथ जीत का जश्न मनाते दिख रहे हैं. वे भालू जैसी चाल में किशोरों के समूह के पास आते हैं,उनसे मिलते हैं,उनके साथ उछलते कूदते हैं,गाते हैं,और खुशी से चिल्लाते हैं. ख़ुशी उन सब के चेहरे से छलक छलक जाती हैं. 22 साल का युवा उन किशोरों के साथ किशोर बन जाता है. उसका चेहरा उतना ही निर्दोष,निश्छल और मासूम है जितना उन सब किशोरों का है. जितना किसी बालक का हो सकता है.

उसे और उसकी बालसुलभ खुशी देखकर ये अंदाज़ा ही नहीं लगाया जा सकता है, ये वही युवा है जिसने अभी अभी एक ग्रैंड स्लैम ख़िताब जीता है. साढ़े पांच घंटों के मैराथन संघर्ष के बाद. उनके चेहरे पर थकान या कोई शिकन नहीं है. लगता नहीं उन्होंने कुछ ऐसा किया है जो टेनिस के इतिहास में कभी-कभी हुआ करता है. कुछ ऐसा जिसे अब हमेशा के लिए इतिहास के सफ़ों पर दर्ज कर लिया गया है.

ऐसा होता है. जब कोई ऐसा काम होता जो अकल्पनीय होता है, अद्भुत होता है, अविश्वसनीय होता है, तो करने वाला असामान्य रूप से इतना सामान्य हो जाता है कि मानो कुछ घटा ही नहीं है. अल्काराज के साथ कुछ ऐसा ही घट रहा था.

याद कीजिए 2022 के ऑस्ट्रेलियन ओपन का फ़ाइनल. राफ़ा ने दो सेट से पिछड़ने के बावजूद 05 घंटे 24 मिनट के कड़े संघर्ष के बाद डेनिल मेदवेदेव को हराकर अपना 21 वाँ ग्रैंड स्लैम जीता था. जब मेदवेदेव ने उनसे पूछा था ‘क्या वे थके हैं’. इसका जवाब राफ़ा पांच घंटे चौबीस मिनट का मैच खेलने के बाद लाकर्स रूम के जिम में वर्कआउट करके दे रहे थे. और मेदवेदेव उन्हें ‘इनसेन’ बता रहे थे. ‘इनसेन’ अल्काराज उन्हीं ‘इनसेन’ राफ़ा के मुरीद हैं. वे राफ़ा के सच्चे अनुयाई खिलाड़ी हैं. वे उनकी तरह ही 22 साल की उम्र में अपना पांचवां ग्रैंड स्लैम जीत रहे थे.

दरअसल ये फ़्रेंच ओपन 2025 का फ़ाइनल इटली के 23 वर्षीय यानिक सिनर और स्पेन के 22 वर्षीय कार्लोस अल्काराज के बीच खेला जाना था. नई पीढ़ी के टेनिस खिलाड़ियों में सबसे प्रतिभावान और होनहार खिलाड़ी हैं. विश्व नम्बर एक और विश्व नम्बर दो. अलकाराज के पास चार और सिनर के पास तीन ग्रैंड स्लैम हैं. हर टेनिस प्रेमी को इतना पता है कि जब भी ये दोनों कोर्ट में आमने-सामने होते हैं तो टेनिस का स्तर बहुत ऊंचा हो जाता है और संघर्ष बहुत तीव्र व सघन. इस फ़ाइनल में भी सबको ऐसी ही उम्मीद थी. और उन्हें निराश नहीं होना था.

सिनर की अल्काराज पर सबसे बड़ी बढ़त उसकी तेज गति की सर्विस है, तो अल्काराज की सिनर पर बढ़त अद्भुत गति से गेंद का पीछा करने की क्षमता और ड्रॉप शॉट्स हैं,जो लाल मिट्टी की धीमी सतह पर और भी मारक हो जाते हैं. सिनर जितने शांत होते हैं और संयम के साथ खेलते हैं अल्काराज उतने ही वाचालता और अधीरता के साथ. दरअसल उन दोनों के बीच का मुक़ाबला आग और पानी का मुक़ाबला है.

मैच का पहला गेम 12 मिनट चला जिसमें 05 ड्यूस थे. अंततः सिनर अपनी सर्विस होल्ड करने सफल रहे. इस गेम ने ही मैच की टोन सेट कर दी थी. ये आभास होने लगा था कि मैच बड़ा होने जा रहा है. संघर्ष बहुत कड़ा और सघन था. दसवें गेम में अल्काराज की सर्विस ब्रेक हुई और पहला सेट सिनर ने 6-4 से जीत लिया. अब संघर्ष और कठिन हुआ. अगला सेट टाईब्रेक में गया. लेकिन ये सेट भी सिनर ने 7-6(7-3) से जीत लिया. पहले दो सेटों में सिनर इतना तेज़ खेल रहे थे कि उन्होंने अल्काराज को खुलकर खेलने नहीं दिया. वे अपने ड्रॉप शॉट ठीक से नहीं खेल पाए. लेकिन उन्हें बहुत देर तक उन्हें बांधकर नहीं रखा जा सकता था. शेर को कहीं बांधा जा सकता है क्या.

तीसरे सेट के पहले ही गेम में सिनर की सर्विस ब्रेक कर अल्काराज ने अपने इरादे जाहिर कर दिए और सेट 6-4 से जीत लिया. लेकिन सिनर मैच ख़त्म करने की जल्दी में थे. चौथे सेट में उन्होंने 5-3 गेम और अल्काराज की सर्विस पर 40- 00 अंकों की बढ़त ले ली. सिनर के पास तीन चैंपियनशिप प्वाइंट थे. मैच लगभग ख़त्म था. इटली में सिनर के विजेता होने का जश्न होने भी लगा था. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वो एक अजूबा था. खेलों के मैदान पर ऐसे चमत्कार होते हैं. यहां भी हुआ. बहुत से वे लोग भी शायद विश्वास नहीं कर पा रहे होंगे जो सशरीर सेंटर कोर्ट पर उपस्थित थे. अब अल्काराज ने तीन मैच प्वाइंट ही नहीं बचाए बल्कि अगले दोनों सेट जीत कर चैंपियनशिप भी जीत ली. अंतिम स्कोर अल्काराज के पक्ष में था 4- 6,6- 7(4- 7),6- 4,7- 6(7- 3),7-6(10- 2).

पांच घंटे और उनतीस मिनट के बाद टेनिस खेल और उसके संघर्ष,उसकी प्रतिद्वंदिता पर लंबी अद्भुत गाथा लिखी जा चुकी थी. ये फ़्रेंच ओपन फ़ाइनल की सबसे लंबी गाथा भी थी. एक ऐसी गाथा जिसे साइकोड्रामा कहा गया. दरअसल ये एक साथ कॉमेडी भी थी और ट्रेजेडी भी. ट्रेजिक सिनर. कॉमिक अल्काराज. आखिर इन दोनों में किसी एक को थोड़े ही ना चुना जा सकता है. आप एक साथ दुखी भी हो सकते थे और ख़ुश भी हो सकते थे. एक आंख से ख़ुशी के आंसू बहा सकते थे और दूसरी से दुख के.

टेनिस के इस मैदान पर बीते समय में हमने कुछ महान प्रतिद्वंद्विताएं देखी हैं- इवान लैंडल बनाम मेट्स विलेंडर, ब्योर्न बोर्ग बनाम गुलेर्मो विलास जॉन मैकेनरो बनाम आंद्रे अगासी,नडाल बनाम फेडरर,जोकोविच बनाम राफेल नडाल. और अब इस क्रम में एक नई प्रतिद्वंदिता की नींव रखी गई है. ये यानिक सिनर बनाम कार्लोस अल्काराज है.

हमने 21 वीं सदी के पहले क्वार्टर में बिग थ्री को देखा है. बिग थ्री – फेडरर, राफ़ा, नोल. उनके टेनिस खेल को देखा है. उनकी महान प्रतिद्वंदियों को देखा है. मैच दर मैच रिकॉर्ड्स को टूटते देखा है. रिकॉर्ड्स को बनते देखा है. टेनिस के खेल को अनंत ऊंचाइयों तक पहुंचते देखा है. अब समय बदल रहा है. पुराने स्मृतियों का हिस्सा बनते जा रहे हैं और नए आंखों में तारे बनकर जगह बनाने लगे हैं. ये उस नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के बीच का पहला फ़ाइनल था जो सन दो हजार के बाद इस दुनिया में आए. जिन्होंने टेनिस के ख़ूबसूरत खेल को खेलना चुना. जिन्होंने उस खेल को और खूबसूरत बनाने की ओर अपने कदम बढ़ाना चुना.

यूं तो रिकॉर्ड बुक, आंकड़े और स्कोर बताते हैं कि इस मैच के विजेता स्पेन के कार्लोस अल्काराज हैं. लेकिन इन आंकड़ों के पार्श्व में लिखी इबारत बताती है और रोजर फेडरर भी कहते हैं कि ‘इस मैच के तीन तीन विजेता हैं – अल्काराज, सिनर और स्वयं टेनिस का खेल’.

ये मैच टेनिस खेल का एक मैच भर नहीं था बल्कि एक बहुत ही खूबसूरत सिंफनी थी जो आने वाले बहुत सालों तक कानों में रस घोलती रहेगी. इन दोनों के स्ट्रोकों से निकली इस सिंफनी की हर बीट दिलोदिमाग में मीठी मीठी दस्तक देती रहेगी.

इतना ही नहीं ये एक मैच बिग थ्री युग के अवसान की एलीजी है,उसका शोकगीत है,उसका मर्सिया है. और ये एक नए युग के आरम्भ का उद्घोष भी है. ये मैच एक ऐसा ख़ूबसूरत नग़मा है जिसे टेनिस खेल को चाहने वाले अनंत समय तक गुनगुनाते रहेंगे.

बधाई अल्काराज. धन्यवाद सिनर.


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