नई दिल्ली/बरेली | बरेली के साहित्य और कलाप्रेमियों के लिए राजकमल प्रकाशन समूह एक ख़ास सौग़ात लेकर आ रहा है. शहर के विंडरमेयर थिएटर में 4 से 8 अक्टूबर, 2025 तक ‘किताब उत्सव’ का आयोजन होगा. [….]
नई दिल्ली | हिन्दी कथा-संसार में हाशिए की ज़िंदगियों को आवाज़ देने वाले कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं. उनकी रचनाएँ गाँव-समाज, बोली-बानी और साधारण मनुष्य के संघर्षों का जीवंत दस्तावेज़ रही हैं. इसी रचनात्मक धरोहर का उत्सव मनाने के लिए 19 अगस्त की शाम को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राजकमल [….]
प्रयागराज | मूर्धन्य रंगकर्मी रतन थियाम की स्मृति में यूनिवर्सिटी थियेटर की ओर से स्वराज विद्यापीठ में आयोजित स्मृति-सभा में मणिपुर दूरदर्शन द्वारा रतन थियाम पर निर्मित वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया और उनके कृतित्व पर चर्चा करके उन्हें याद किया गया.
इस मौक़े पर जुटे विद्यार्थी वृतचित्र देख कर रतन थियाम के निर्देशन और [….]
प्रयागराज | कवि और चिंतक प्रो. बद्रीनारायण मानते हैं कि शिशिर सोमवंशी की कविताओं की वाचिकता इसकी शक्ति है. श्रवण और वाचन कविता के और तरह के अर्थ खोलते हैं. कविता बहु अर्थ देने वाली विधा है. उनका ताज़ा संग्रह भी इसी की पुष्टि करता है.
शिशिर सोमवंशी की कविताओं के संग्रह ‘शायद तुमने हो पहचाना’ के लोकार्पण [….]
यूं तो खेल की समाप्ति के बाद जीत की ख़ुशी और हार के ग़म को मैदान का आधा-आधा हिस्सा शेयर कर लेना चाहिए. लेकिन ऐसा होता नहीं है. जीत के रंग इस क़दर प्रबल और चमकीले होते हैं कि हार के रंग स्वतः निस्तेज और क्षीण हो जाते हैं कि उनकी उपस्थिति या तो महसूस नहीं होती या फिर उसका हल्का-सा आभास भर होता है. लेकिन कोई [….]
नई दिल्ली | हिन्दी कविता की युवतम पीढ़ी में पार्वती तिर्की का स्वर अलग से पहचाना जा सकता है. उनकी कविताओं में आदिवासी जीवन-दृष्टि, प्रकृति और सांस्कृतिक स्मृतियों का वह रूप सामने आता है, जो अब तक मुख्यधारा के साहित्य में बहुत कम दिखाई देता रहा है. झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आनेवाली कवि पार्वती तिर्की को उनके [….]