शहर में मुशायरे आगे भी होंगे, अदीबों और कद्रदानों की महफिलें भी जुटेंगी मगर अफसोस कि निदा उनमें नहीं होंगे. [….]
आज़मगढ़ का एक छोटा-सा गांव मिजवां, फूलपुर से इस गांव को आने वाली पक्की सड़क जहां खत्म होती है, वहां से थोड़ी ही दूर पर है- फतेह मंजिल। दूर से इस घर की छत पर नज़र आता है – एक डिश एंटिना और उसी के साथ हवा में फरफराता – एक लाल झंडा. [….]