अल्मोड़ा | आदमख़ोर तेंदुआ मारा गया
भिकियासैंण | आदमख़ोर तेंदुए के ख़ौफ़ से इलाक़े के लोगों को आख़िरकार निजात मिल गई. शिकारियों ने स्याल्दे ब्लॉक के बरंगल गांव में मंगलवार की रात इस तेंदुए को मार गिराया.
तेंदुए के हमले से बरंगल गांव में किमबगड़ की शांति देवी की मृत्यु हो गई थी. डोटियाल बाखल की अंजू देवी, कोठा बंरगल गांव की कमला देवी भी तेंदुए का शिकार बनी, हालांकि उनकी जान बच गई. वन विभाग ने एक जनवरी को तेंदुए को आदमख़ोर घोषित कर दिया था.
महीने भर से इलाक़े में तेंदुए के हमले से गांव के लोगों का ख़ौफ़ लगातार बढ़ता जा रह था. उप्राड़ी ग्राम पंचायत संसखेत में दस बकरियां और जैखाल गांव में एक गाय को तेंदुए ने मार दिया था. ब्लॉक से सटे पौड़ी के डुमडीकोट गांव में तुलसी देवी पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया था.
वन विभाग के लोगों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाक़े में तीन जगहों पर पिंजरे लगाए. पौड़ी से शिकारी जॉय हुकिल और बिजनौर से शिकारी सैफ़ी को भी मदद के लिए बुलाया गया, लेकिन बात नहीं बनी. अफ़सरों ने तेंदुए के बढ़ते हमलों को गंभीरता से लिया और हिमाचल प्रदेश के शिकारी रमेश चौहान को भी बुला भेजा.
वन कर्मचारी लगातार तेंदुए की टोह लेने में जुटे रहे. आख़िरकार मंगलवार को देर रात शिकारी दल ने तेंदुए को मार गिराया. नौ साल के इस तेंदुए के दांत और घिसे हुए नाख़ून बढ़ती उम्र में उसके अशक्त होने और मनुष्यों पर उसके हमले की वजह साफ़ करते हैं. बुधवार को सबेरे वन विभाग की टीम तेंदुए का शव पोस्टमार्टम के लिए अल्मोड़ा ले गई.
कवर | मारे गए तेंदुए के साथ रमेश चौहान और शिकारियों का दल
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