फुटबॉल | पूरा स्टेडियम ख़ाली, सिर्फ़ नवार्रो अपनी कुर्सी पर

खेल के लिए टीमों का होना ज़रूरी होता है और टीमों के लिए खिलाड़ियों का. लेकिन ये सब बिना फ़ैंस के अधूरे हैं. फ़ैंस अपनी-अपनी चहेती टीम और चहेते खिलाड़ियों के लिए उत्साह, उल्लास, जुनून, दीवानेपन से खेलों की तस्वीर में रंग भरते हैं, वो मुकम्मल होती है. इन फैंस के रंग बड़े अजब-गजब होते हैं. ये फैंस ही हैं जो खेल को और खिलाड़ियों को भी दूसरी दुनिया में पहुंचा देते हैं.

अब बार्मी आर्मी को ही देखिए. इंग्लिश क्रिकेट टीम के पीछे साये की तरह लगी रहती है. पॉल बर्नहम ने इंग्लिश क्रिकेट समर्थकों का 1994 में जो ग्रुप बनाया वो आज एक लिमिटेड कंपनी में बदल गया है और अब वो क्रिकेट को ही नहीं बल्कि अन्य खेलों के दीवानों को भी तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है. और उसके एक सदस्य ट्रम्पेट वादक बिली कूपर उर्फ बिली द ट्रम्पेट को भला कौन नहीं जानता होगा. और फिर सचिन के उस दीवाने का क्या जिसका नाम सुधीर कुमार गौतम है. जो अपने पूरे शरीर को तिरंगे के तीन रंगों में रंग कर सीने पर सचिन का नाम लिखकर तेंदुलकर के हर मैच में पहुंचने के लिए साईकल से ही कई सौ किलोमीटर नाप लेता. उसे हर हाल में मैच के स्थल पर पहुंचना ही होता था भले ही बिना टिकट यात्रा करनी पड़े या चंदा करना पड़े. और फिर धोनी के उस सबसे बड़े दीवाने फ़ैन को क्या कहें जो चंडीगढ़ का राम बाबू है. दरअसल ये सुपर फ़ैंस ही हैं, जो खेलों के सबसे गाढ़े रंग हैं.

लेकिन इन सुपर फ़ैंस का एक सुपर फ़ैन हो तो उसका क्या. सुपर फ़ैन विसेंट नवार्रो अपरिसिओ. स्पेनिश फुटबॉल क्लब वेलेंसिया का अनोखा फ़ैन. वेलेंसिया क्लब का मेम्बर नंबर 18,  जो  साठ के दशक से अपनी मृत्यु तक लगातार वेलेंसिया के हर मैच में उपस्थित रहा. सबसे बड़ी बात तो यह कि 54 साल की उम्र में रेटिना डिटैचमेंट की वजह से दृष्टिहीन हो जाने के बावजूद  उसने वेलेंसिया का कोई भी मैच नहीं छोड़ा. वो लगातार अपने बेटे के साथ मैच देखता. वेलेंसिया के घरेलू मैदान मेस्तला स्टेडियम के ट्रिब्यूना सेंट्रल सेक्शन की 15वीं पंक्ति की सीट न.164 पर बैठकर अपनी दृष्टिहीनता के बावजूद स्टेडियम के वातावरण और बेटे के आंखों देखे हाल से हर मैच का आनंद लेता. 2017 में वेलेंसिया के उस अनोखे फैन की मृत्यु हो गई. और तब क्लब ने उसके सम्मान में 2019 में उसकी उस सीट पर उसकी कांसे की मूर्ति स्थापित कर दी.

बीते दस मार्च को चैंपियंस लीग के प्री क्वार्टर फ़ाइनल मैच के दूसरे चरण के मैच में वेलेंसिया क्लब अतलांता क्लब को अपने घरेलू मैदान मेस्तला स्टेडियम में होस्ट कर रहा था. इस समय तक कोरोना का खतरा वाया इटली यूरोप में फैल चुका था. अब बहुत सारे खेल आयोजन रद्द होने लगे थे. इस मैच के बारे में निर्णय लिया गया कि मैच खाली स्टेडियम में खेला जाएगा बिना दर्शकों के. लेकिन यह कैसे संभव हो सकता था और वो भी मेस्तला स्टेडियम में कि वहां नवार्रो उपस्थित न हो. सेंट्रल ट्रिब्यूना सेक्शन की 15वीं पंक्ति की सीट नंबर 164 पर वेलेंसिया टीम का अनोखा दीवाना नवार्रो  बैठा था. सच में क्या ही कमाल है उस मैच का नवार्रो एकमात्र दर्शक था, जो अकेले किसी राजा की तरह उस मैच का आनंद ले रहा था.

सुशोभित लिखते हैं ‘जीवन ऐसी कहानियों का संकलन है’. और सच यह भी है कि ऐसी ही कहानियां खेल के खिलंदड़पने को संभाल कर रखती हैं.

कवर फ़ोटोः फुटबॉल ट्वीट

 


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