हमारी दुनिया का अक़्लमंद और संवेदनशील जानवर

हाथी ताक़तवर जानवर भर नहीं है, वह बुद्धिमान और भावनात्मक रूप से संवेदनशील जानवर भी है. दुनिया के तमाम देशों में हाथी मनुष्यों की ज़िंदगी में उपयोगी साथी की तरह हमेशा से ही बने रहे हैं. वे पारिस्थितिकी तंत्र की एक अहम् कड़ी भी तो है, फिर भी मनुष्यों के लालच और संवेदनहीनता का शिकार बनते हैं. आज विश्व हाथी दिवस के मौक़े पर हाथियों के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी,

■ हाथी—आज जीवित सबसे बड़े ज़मीनी जानवर—एलिफ़ैंटिडे परिवार की एकमात्र शेष प्रजाति हैं, जो प्रोबोसिडिया के प्राचीन क्रम से संबंधित है. प्रोबोसिडियन शाकाहारी जीवों का एक विविध और व्यापक समूह था, जो लगभग 60 मिलियन वर्ष पहले पहली बार अफ़्रीका में दिखाई दिया था.
■ ऐरावत इंद्र का हाथी. समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में ऐरावत भी था. इसे शुक्लवर्ण और चार दाँतोंवाला बताया गया है.
■ ‘अश्वत्थामा हतो हतो’ आपने सुना होगा महाभारत में. अश्वत्थामा एक हाथी का नाम भी था.
■ पानीपत का दूसरा युद्ध 5 नवंबर, 1556 को हुआ. इस युद्ध में अकबर की जीत हुई. इस युद्ध में हेमू के 1500 हाथी भी शामिल थे, जिनमें से एक शक्तिशाली हाथी हवाई भी था. शाह क़ुली ख़ान, जो मुगल साम्राज्य का एक अधिकारी था, उसने यह हाथी अकबर को भेंट कर दिया.
■ मानसिंह के हाथी का नाम मर्दाना था और राणा प्रताप के हाथी का नाम रामप्रसाद था.
■ 1964 में जन्मे, हाथियों के राजा थेचिकोट्टुकावु रामचंद्रन दुनिया भर के सभी मलयाली लोगों के बीच एक सेलिब्रिटी हैं. थेचिकोट्टुकावु रामचंद्रन, केरल का सबसे बड़ा हाथी है.
■ हाथी थाईलैंड का राष्ट्रीय पशु है.
■ हाथी भारत का राष्ट्रीय धरोहर पशु है.
■ सभी जंगली एशियाई हाथियों में से आधे से अधिक भारत में पाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 10,000 देश के उत्तर-पूर्व में हैं. कुछ हाथी भारत और नेपाल के बीच सीमा पार चले जाते हैं. वियतनाम में 100 से भी कम जंगली हाथी हो सकते हैं, और कंबोडिया में शायद 250 से भी कम. चीन में 250 से भी कम जंगली एशियाई हाथी हैं.
■ भारत का इतिहास हाथियों के बिना अधूरा है. हम हाथी के बिना भारत की कल्पना भी नहीं कर सकते.
■ हाथी खड़े-खड़े भी सो लेते है. कभी-कभी वे मनुष्यों की तरह लेट कर भी आराम करते हैं.
■ अफ़्रीकी हाथियों का वजन लगभग 6000 किलो और ऊँचाई 3.2 मीटर होती है, वहीं एशियाई हाथियों का वजन लगभग 4000 किलो और ऊँचाई 2.7 मीटर होती है.
■ हाथियों की दृष्टि-क्षमता बहुत कमज़ोर होती है.
■ शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन वह गेंडे और हाथ़ी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता और वे उनसे दूरी बनाए रखते हैं.
■ हाथी यदि बाघ या शेर को अपने पैर की ठोकर मार दें तो उनके दाँत निकल जाते हैं और मौत भी हो सकती है.
■ बड़े कान होने के बावजूद हाथी की श्रवण क्षमता कमज़ोर होती है.
■ हाथी अपने कानों को बार-बार हिलाते है. इस तरह वे अपने शरीर की गर्मी को बाहर निकालकर अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखते है.
■ हाथ़ी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते है. अफ्रीकी हाथी के चार दाँत होते है.
■ हाथी अपने बड़े कानों का उपयोग दूसरों को संकेत देने और सुरक्षा के लिए भी करते है.
■ हाथी कई तरह की आवाजें निकालते है. उनकी सबसे अच्छी तरह से पहचाने जानी वाली आवाज़ चिंघाड़ है, जो वे उत्तेजना, संकट, या आक्रामकता के समय निकालते है.
■ हाथी अपनी सूंड में 2.5 गैलन तक पानी भर सकते है.
■ हाथ़ी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते है. जब हाथी चलते है तो ज़मीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है. इस कंपन से हाथी अन्य हाथियों के बारे में जान लेते है.
■ हाथी बहुत कम फ़्रिक्वेंसी पर अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगों के ज़रिये आपस में बात करते है. वे लगभग 10 हर्ट्ज़ पर बात करते है, जिसे हम इंसान सुन नहीं सकते हैं.
■ हाथी की आँखों में पलकें होती है, जो लगभग 5 इंच लंबाई की हो सकती है. अध्ययनों से पता चला है कि पलकों की आदर्श लंबाई आँख की कुल लंबाई का लगभग एक-तिहाई होती है, जो आँखों को सूखने से रोकने में मदद करती है.
■ हाथी की आंत 19 मीटर तक लंबी होती है.
■ हाथी अपने पंजों पर चलता है. उसकी एड़ी के नीचे मोटी स्पंज होती है, जो आघात से बचाती है.
■ हाथी इकलौता जानवर है जो कूद नहीं सकता और जिसके चार घुटने होते है.
■ सबसे महंगे कॉफ़ी ब्रांड में शुमार ब्लैक आयवरी कॉफ़ी थाईलैंड की कंपनी का उत्पाद है. इसे हाथियों द्वारा खाई गई अरेबिया कॉफ़ी बीन्स को उनके मल से इकट्ठा करके बनाया जाता है.
■ मादा हाथी हर चार साल में एक बच्चे को ज़रूर जन्म देती है. इसका गर्भकाल औसतन 18 से 22 महीने तक का होता है. 1% मामलों में जुड़वा बच्चे भी जन्म लेते है.
■नवजात हाथी शिशु की ऊँचाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक होता है.
■ हाथी अपनी सूंड से 770 पाउण्ड तक वज़न उठा सकते है.
■ हाथी की सूंड बहुपयोगी होती है. उसकी नाक और ऊपरी होंठ दोनों है. इसके द्वारा वे सांस लेते है, सूंघते है, पकड़ते है और आवाज़ भी निकालते हैं.

■ हाथी का जीवन काल हम मनुष्यों की तरह ही होता है.
■ हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चलते है.
■ हाथी पानी की मौजूदगी का आभास लगभग 4.5 किलोमीटर दूर से कर सकता है.
■ हाथी में इंसानों जैसी भावनाएं होती है. जैसे किसी के जाने का दुःख महसूस करना, शोक मनाना और रोना. वे मौत के कई साल बाद तक अपने प्रियजनों को याद करते और शोक मनाते है. जब ‘एलीफेंट व्हिस्परर’ लॉरेंस एंथोनी की मृत्यु हुई थी, तो हाथियों का एक झुंड उनके घर शोक मनाने पहुँच गया था.
वे अपने मृत साथियों का सम्मान करते है और उनका अंतिम संस्कार भी करते है. वे मृत हाथी की हड्डियों को उसके मरने के स्थान पर दफ़न भी करते है.
■ हाथियों को पानी बहुत पसंद है. पानी में गोता लगाने, तैरने और लहरों से खेलने में उन्हें बहुत प्रिय है.
■ प्रारंभिक दौर में रेल के डिब्बों को धकेलने, उठाने और माल ढोने में हाथियों का इस्तेमाल होता था. 1963 में बड़ौदा में ट्रेन खींचने से लेकर माल ढुलाई का कार्य हाथियों से कराया जाता था.
■ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, मित्र राष्ट्रों द्वारा बर्लिन पर गिराए गए पहले बम ने बर्लिन चिड़ियाघर के एकमात्र हाथी को मार दिया था.
■ केन्या के माउंट एलगॉन नेशनल पार्क में हाथियों का एक समूह भूमिगत गुफाओं से नमक खोदने के लिए अपने दांतों का उपयोग करता है. वे अपने दांतों से महसूस करते हुए रास्ता बनाते है और दांत से नमक तोड़कर खाते है.
■ हाथी दिन भर में क़रीब 120 किलो तक भोजन खा जाते है.
■ कई मिथकों के अनुसार हाथी चूहों से डरते है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है.
■ हाँ, चींटियों और मधुमक्खियों से वे ज़रूर डरते है. यही कारण है कि कई अफ्रीकी देशों में किसान हाथियों से अपने खेत को बचाने के लिए खेत के किनारों पर मधुमक्खियों पालते हैं.
■ वर्तमान समय में अब हाथियों की दो ही प्रजातियाँ बची हैं पर दुनिया भर में मिले तमाम जीवाश्मों से पता चला है कि 5 करोड़ साल पहले हाथियों की करीब 170 प्रजातियां थीं. ये जीवाश्म ऑस्ट्रेलिया और अंर्टाकटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में पाए गए है.
■ जानवरों में हाथियों का दिमाग सबसे बड़ा होता है.
■ कीचड़ हाथियों की खाल को सूरज की किरणों के पराबैंगनी विकिरण से बचाता है. इसलिए हाथी कीचड़ में लोटते हैं.
■ हाथी अपने पैरों की संवेदी कोशिकाओं के जरिये भूकंपीय संकेतों को महसूस कर सकते है. जमीन के कंपन की आवाज़ जब इनके अग्र पैरों से होते हुए कंधे की हड्डियों और फिर मध्य कान तक पहुँचती है, तो वे इन आवाज़ों को भी “सुन” सकते है.
■ हाथी की सूंघने की क्षमता तीव्र होती है. अच्छी तरह सूंघने के लिए हाथी अपनी सूंड को लहराते है.
■ मोटी होने के बावजूद हाथी की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है. वे उस पर बैठने वाली मक्खी को भी महसूस कर सकते है.
■ दुनिया में अब तक का सबसे बूढ़ा एशियाई हाथी ‘लिन वाँग’ था, फरवरी 2003 में ताईवान के एक चिड़ियाघर में 86 साल की उम्र में उसकी मौत हुई.
■ वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में लगभग 415000 अफ्रीकी हाथी और 40000 से 50000 एशियाई हाथी है. प्राकृतिक आवास का विनाश और हाथी दांत के लिए शिकार के कारण इनकी संख्या में गिरावट देखने को मिली है.

■ हाथी अपनी सूंड से पेंट भी कर सकते है. फीनिक्स चिड़ियाघर में रूबी नाम के हाथी की बनाई पेंटिंग 25,000 डॉलर में बिकी.
■ संपूर्ण प्राणी-जगत में सबसे ज्यादा विकसित दिमाग हाथियों का होता है. उनके मस्तिष्क का वजन 4 से 6 किलोग्राम होता है, जो इंसानों के मस्तिष्क की तुलना में 3 या 4 गुना बड़ा है. हालांकि उनके विशाल शरीर के वजन के अनुपात में उनका मस्तिष्क काफ़ी छोटा होता है.
■ हाथी एक बुद्धिमान जानवर है, जो देखकर और नक़ल कर बहुत-सी चीज़ें सीख जाते है. चिड़ियाघर में वे बड़ी आसानी से साधारण ताला खोलना सीख जाते है.
■ अंग्रेज़ी के ‘एलीफैंट’ शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द ‘एलिफ़स’ से हुई है, जिसका अर्थ है– गजदंत.
■ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, 100 साल से भी कम समय पहले 10 मिलियन से अधिक अफ्रीकी हाथी थे. जबकि एशिया में, छोटे, एशियाई हाथियों की संख्या 100,000 से अधिक थी. आज ये आंकड़े निराशाजनक रूप से कम हैं.
■ अधिक सटीक यह अनुमान लगाया गया है कि एशिया में जंगली हाथी क़रीब 38,000 से 53,000 हैं तथा पालतू हाथी 14,500 से लेकर 15,300 हैं और तक़रीबन एक हज़ार हाथी दुनिया भर के चिड़ियाघरों में हैं.
■ पिछले 15 वर्षों में महाद्वीप में की गई सौ से अधिक बरामदगी में से लगभग 465,000 पाउंड हाथी दांत बरामद किए गए. इसका मतलब है कि 30,000 से अधिक हाथियों की मौत हो गई. लेकिन इससे हाथी दांत के अवैध व्यापार में कोई कमी नहीं आई है. हर साल दसियों हज़ार हाथी खो जाते हैं; हर 15 मिनट में एक की मौत.
■ अपनी सीमाओं के भीतर 130,000 से अधिक हाथियों के रहने के साथ, बोत्सवाना दुनिया में हाथियों की सबसे बड़ी आबादी का घर है, और अफ्रीकी हाथियों के लिए आख़िरी गढ़ों में से एक है. अवैध शिकार से उनकी आबादी लगातार कम हो रही है.
■ हाथी जनगणना 2017 के अनुसार, कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) है, इसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान है.
■ कार्बेट टाइगर रिज़र्व, राजाजी टाइगर रिज़र्व समेत उत्तराखंड के जंगलों में हाथियों की संख्या 2000 से ऊपर है. सबसे अधिक 1224 हाथी कार्बेट में हैं, तो दूसरे नंबर पर 311 हाथी राजाजी पार्क क्षेत्र में.
■ 2023 में भारत में 33 हाथी रिज़र्व है.
■ राजस्थान के जयपुर के पास आमेर के समीप कुंडा गाँव एक हाथी गाँव है, जिसमें अभी 98 हाथी हैं.
■ वर्ष 2023 में प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफैंट को एकीकृत कर दिया गया है.

(लेखक सेवानिवृत डीएफ़ओ हैं)
सभी तस्वीरें | pixabay.com


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