सुकरौली बाज़ार | मजबूर किसानों के ठिकाने
कुशीनगर में सुकरौली बाज़ार पूर्वांचल में गुड़ की बड़ी मंडी है. जाड़े के दिनों की शुरुआत के साथ ही सुकरौली में जगह-जगह लबे सड़क ही धुएं-भाप में घिरे ठिकानों पर मजदूर गन्ना पेरने और गुड़ बनाने में जुटे मिलते हैं.
पिछले तीन सालों से गन्ने के सरकारी दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. गन्ने की तीन प्रजातियों के लिए 310 से 325 रुपये प्रति क्विंटल.चीनी मिलों को गन्ना बेच देन के बाद पैसे का इंतज़ार बेमियादी होता है.
क्रशर वाले भले 200-270 रुपये क्विंटल ही देते हैं, मगर नगद देते हैं सो इंतज़ार करने की जिनकी ताब नहीं, ये क्रशर उनका ही ठिकाना हैं.
बाज़ार में चीनी 35-36 रुपये और गुड़ 32-35 रुपये बिक रहा है.
किसान दिवस के मौक़े पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री चरन सिंह और किसानों के लिए किए उनके कामों को याद करते वक्त थोड़ा ठहरकर उन किसानों के बारे में भी सोचने का दिन है, जो अपने हक़ की लड़ाई के लिए दिल्ली में जूझ रहे हैं और इन किसानों के बारे में भी जिन्हें अपनी मेहनत का सौदा मजबूरी में करना ज़रूरी लगता है.
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