पीलीभीत | बाघों के लिए क्वारंटीन केंद्र बनाने की तैयारी
पीलीभीत | हैदराबाद मे शेरों में कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट के बाद यूपी के दोनों बड़े नेशनल पार्क में अफ़सर चौकन्ने हो गए हैं. पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में बाघों के लिए क्वारंटीन केंद्र बनाने की तैयारी है. दुधवा नेशनल पार्क में रैपिड एक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया गया है.
इसी बीच एक और ख़बर से अफ़सर सकते में आ गए कि दुधवा टाइगर रिज़र्व बफ़रज़ोन की मैलानी रेंज में नन्हकू नाम का एक युवक बाघ के हमले में घायल हो गया. घायल युवक को कोरोना संक्रमित बताया गया था. फ़ील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कि युवक की चोट देखने से पता चलता है कि वह बाघ के हमले में घायल नहीं हुआ था.
सैलानियों के लिए ये दोनों पार्क हालांकि एक मई को ही बंद किए जा चुके हैं और टाइगर रिज़र्व के बाघ-तेंदुए यों भी सीधे इंसानी संपर्क में नहीं आते. फिर भी जानवरों-मनुष्यों के संघर्ष, जंगल के रास्तों पर लोगों के थूकने या छींकने से भी वन्यजीवों में संक्रमण की आशंका हो सकती है. ऐसे में सभी संभव ऐहतियात बरती जा रही है.
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में अलग-अलग जगहों पर 50 ट्रेपिंग कैमरे लगाए गए जा रहे हैं. इनके ज़रिए जानवरों, ख़ासतौर पर बाघों पर नज़र रहेगी. हरीपुर रेंज के नवदिया रेस्ट हाउस में क्वांरटीन सेंटर बनाया जाएगा. अगर किसी बाघ में संक्रमण का कोई लक्षण मिलता है तो उसे क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा, ताकि दूसरे बाघों को संक्रमण से बचाया जा सके.
दुधवा में कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं और उनसे निगरानी की जा रही है. दुधवा टाइगर रिजर्व के फ़ील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के मुताबिक कैमरों से मिलने वाली तस्वीरों से अगर किसी बाघ की गतिविधियां असमान्य लगती हैं तो इलाज के लिए उसे अलग करने का इंतज़ाम किया जाएगा. जंगल में गश्त करने कर्मचारियों को पूरे समय मास्क लगाए रखने और ख़ुद को सैनिटाइज़ करते रहने को कहा गया है ताकि वन्यजीवों को संक्रमण से बचाया जा सके.
कवर | संवाद आर्काइव
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