बरेली के डॉ. बृजेश्वर पद्मश्री के लिए नामित

बरेली | शहर की नाट्य परंपरा को नए आयाम देने और सांस्कृतिक गतिविधियों में क़रीब दो दशकों से अपनी सक्रियता और पहल के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. बृजेश्वर सिंह को पद्मश्री के लिए नामित किया गया है.
ज़िला प्रशासन की ओर से उनके नाम का प्रस्ताव भेजे जाने के साथ ही उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से भी उन्हें नामित किया गया है.
नाटकों की दुनिया में शहर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए डॉ. बृजेश्वर सिंह ने रंग विनायक रंगमंडल का गठन तो किया ही, शहर में नाट्य महोत्सव की पहल भी की. अब तक वह तेरह महोत्सव आयोजित करा चुके हैं. इन महोत्सवों के अखिल भारतीय किरदार ने विंडरमेयर रंग महोत्सव को अलग पहचान दी है.
नाटकों के प्रति उनके जुनून और समर्पण का एक उदाहरण विंडरमेयर ग्रांट्स की शुरुआत है. नवोदित कलाकारों को अपने मन के प्रोजेक्ट पर काम करने और नाटक तैयार करने के लिए यह ग्रांट मिलती है.
संगीतमयी रामलीला का तीन घंटे की नाट्य प्रस्तुति की उनकी संकल्पना को शहरियों से ख़ूब दाद मिली है. तुलसी की रामचरितमानस, राधेश्याम रामायण, सरदार यशवंत सिंह की आर्य संगीत रामायण, छम्मी राम ढोंडियाल द्वारा संकलित उत्तराखंड की रामलीलाओं तथा मनका रामायण के 108 श्लोकों को आधार बनाकर विंडरमेयर की रामलीला का मंचन हर साल नवरात्रि में किया जाता है.
विंडरमेयर विमर्श से शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों में एक नया आयाम जुड़ा है. विमर्श कला, साहित्य, नृत्य, संगीत सहित दूसरी तमाम विधाओं के विद्वानों को आमंत्रित करके शहरियों को उनसे रू ब रू कराने का होने का मंच है.
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