केदारनाथ वाटिका में पहला ब्रह्मकमल खिला

रुद्रप्रयाग | केदारनाथ की ब्रह्मवाटिका में ब्रह्मकमल का पहला फूल खिल गया है. इस हफ़्ते कई और पौधों पर फूल खिल जाएंगे. सन् 2017 में केदारपुरी में ब्रह्मकमल उगाने की पहल पुलिस ने की थी.

मंदाकिनी नदी के दूसरी ओर ध्यान गुफा के क़रीब ब्रह्मकमल उगाने के लिए दो भूखंड और भैरव मंदिर के पास एक भूखंड में वाटिका बनाकर हर एक में ब्रह्मकमल की दो सौ पौध लगाई गईं. इनमें से एक वाटिका में दो दिन पहले एक ब्रह्मकमल खिला. कुछ दिनों में तीन वाटिकाओं में सैकड़ों ब्रह्मकमल खिलने की उम्मीद है.

इन वाटिकाओं में दुर्लभ प्रजाति की जड़ी-बूटी और फूलों के पौधे भी लगाए गए हैं. इसमें कुटकी, बज्रदंती, भूतकेश, नैरपाती, आरचू और कूथ शामिल हैं.

ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है. इसे कौल पद्म भी कहते हैं. दुनिया भर में इसकी 210 प्रजातियां हैं, उत्तराखंड में 24 प्रजातियां मिलती है. ब्रह्मकमल खिलने का समय जुलाई से सितंबर तक है. केदारनाथ के साथ ही यह फूलों की घाटी, पिंडारी, चिफला, सप्तशृंग और हेमकुण्ड के आसपास वाले इलाक़ों में बहुतायत में पाया जाता है.

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