जान बचाने का ज़रिया बनी बलजीत की जुगाड़
रुद्रपुर | इन दिनों जब बाज़ार में ऑक्सीजन सिलिंडर, फ्लो मीटर और हाई फ्लो मास्क की किल्लत बनी हुई है, बलजीत का जुगाड़ वाला फ्लोमीटर बहुतों के लिए बड़े काम का साबित हुआ है. हफ़्ते भर में वह 500 फ्लोमीटर बना चुके हैं.
पिछले कुछ हफ़्तों में जब से कोरोना संक्रमित मरीज़ों के लिए ऑक्सीज़न की ज़रूरत बढ़ गई है, लोग बीमार के लिए घरों पर ऑक्सीज़न का इंतज़ाम करने लगे हैं. दौड़-भाग करके किसी तरह ऑक्सीज़न के सिलिंडर का इंतजाम कर लेने पर भी तीमारदारों को फ्लोमीटर (रेग्युलेटर) ख़रीदने के लिए एड़ियां घिसनी पड़ रही है.
संकट के ऐसे दौर में वेल्डिंग की दुकान चलाने वाले बलजीत सिंह चावला का बनाया जुगाड़ वाला फ्लोमीटर मरीज़ों के लिए काम का साबित हुआ है. बलजीत अब तक 500 फ्लो मीटर बनाकर बेच चुके हैं. रुद्रपुर के साथ ही बरेली, सीतापुर, मुरादाबाद, रामपुर और दिल्ली से भी लोग उनके फ्लोमीटर ले जा चुके हैं.
ग्रीन पार्क कॉलोनी के बलजीत सिंह की गोल मार्केट में गुरुद्वारा के पीछे वेल्डिंग की दुकान है.बकौल बलजीत, रुद्रपुर समेत तमाम शहरों में फ्लोमीटर मिलने बंद हो गए थे. अपने मरीज़ की जान बचाने के लिए लोगों ने सात हजार रुपये में भी फ्लोमीटर खरीदे. चूंकि उनकी दुकान में वेल्डिंग के काम में ऑक्सीज़न सिलिंडर का इस्तेमाल होता है तो लोगों की दिक्कतें देखते हुए उन्होंने ख़ुद फ्लोमीटर बनाने की सोची. प्रयोग के तौर पर एक फ्लोमीटर बनाया. और जब उन्होंने देखा कि ऑक्सीजन सिलिंडर में उनका फ्लोमीटर ढंग से काम करने लगा है तो उन्होंने इसे घर पर बनाना शुरू कर दिया. हफ़्ते भर में पाँच सौ फ्लोमीटर बना भी चुके हैं. एक फ्लोमीटर की क़ीमत 1100 रुपये है.
बलबीर कहते हैं कि उनके पास रोजाना सैकड़ों कॉल फ्लोमीटर के लिए आती हैं. कई बार तो तीमारदार फ्लोमीटर के लिए रो भी पड़ते हैं. कुछ लोग बेहद ग़रीब भी होते हैं. सामाजिक संस्था और ग़रीब लोगों उन्होंने 12 फ्लोमीटर बनाकर मुफ़्त ही दिए हैं.
बलबीर एक दिन डेढ़ सौ तक फ्लोमीटर बना लेते हैं. मदद के लिए उन्होंने एक लड़का रखा है. लेकिन फ्लोमीटर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले नोज़ल, मीटर, नट, यूनियन, वॉल की इन दिनों बाज़ार में कमी हो गई है. यह सामान नहीं मिलने से उनको अब दिक़्क़तें शुरू हो गई हैं.
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