4 मई | कुछ दास्तानें हैं, जो तस्वीरों में ही कही जाती हैं
लखनऊ | यह तस्वीर देखने भर से आपको बस इतना ही पता चल सकता है कि यह ई-रिक्शा है, जिसकी ड्राइवर ग़ैर-मामूली तौर पर एक महिला हैं.
इससे आगे की बात यह है कि महिला का नाम बिठाना देवी है. वो महानगर में रहती हैं. मजदूरी करके जुटाई गई रक़म से उन्होंने यह ई-रिक्शा ख़रीदा है. हालांकि इस ब्योरे में भी कोई ख़ास बात नहीं.
ख़ास बात मगर यह है कि लॉकडाउन के दिनों में जब सड़कें ख़ाली हैं और ट्रेन या बस से आए मुसाफ़िरों को कोई साधन नहीं मिलता, तो ऐसे राहगीरों को वह उनके ठिकाने तक छोड़कर आती हैं मगर उनसे कोई भाड़ा नहीं लेतीं. इसी तरह अस्पताल के लिए निकले मरीज़ों को उनके ई-रिक्शा में सवारी करने पर कोई पैसा नहीं देना होता.
फ़ोटो | मोहम्मद इमरान
लखनऊ | पॉलीटेक्नीक चौराहे के क़रीब जाते हुए मिल गए इस मिनी ट्रक में कुछ सामान है और कुछ लोग हैं. अपने यहाँ यह कोई बहुत ग़ौर करने लायक़ मंज़र नहीं रह गया है. तमाम लोग इस तरह सफ़र करते ही हैं. उनके साथ-साथ चलते हुए पूछने पर मालूम हुआ कि दिल्ली में रहकर मजदूरी करने वाले ये दोनों कुनबे उसी मजबूरी में बिहार के अपने गाँव को लौट रहे हैं, जिसके चलते हज़ारों-हज़ार हमपेशा-हमवतन पिछले साल लौटे थे. दिल्ली में लॉकडाउन है और ज़ाहिर है कि काम बंद. रहने-खाने की चिंताएं पहले से कई गुना बढ़ गई. तो जो कुछ जोड़-जाड़कर रखा था, उसी से लौट पाने का यह इंतज़ाम हो पाया है. और कोई रास्ता भी तो नहीं.
फ़ोटो | मोहम्मद इमरान
श्रावस्ती | महासेमरा गाँव की आबादी में घुस आए इस तेंदुए ने आज सवेरे दिशा-फ़रागत के लिए निकले नौ लोगों को घायल कर दिया. गाँव वालों को पता चला तो हांका लगाते हुए सब दौड़ पड़े. शोरगुल से घबराकर तेंदुआ पेड़ पर चढ़ गया. फिर पुलिस और फ़ॉरेस्ट के लोग आए, पिंजरा लगाया और देर तक तमाशा बना रहा तेंदुआ आख़िरकार पकड़ा गया. समझा जाता है कि सोहेलवा के जंगल से निकलकर वह गाँव की तरफ़ आ गया था.
फ़तेहपुर | जीत के जश्न पर वैसे तो पाबंदी है, पूरे सूबे में महामारी से बचाव का कर्फ्यू भी है. मगर पंचायत चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों और उनके समर्थकों पर जैसे यह क़ायदा लागू नहीं होता. चौडगरा से ख़बर आई है कि मलवा ब्लॉक के पहुर तिराहे पर लोग जश्न मना रहे हैं. और हरदौलपुर गांव में भी ऐसा ही हुआ.
हमीरपुर | पंचायत चुनाव में जीत का सर्टिफ़िकेट लेने के बाद बहुतेरे प्रत्याशियों ने मनौती पूरी करने के लिए मंदिरों का रुख़ किया. राठ क्षेत्र में स्वामी ब्रह्मानंद की समाधि पर वीरा से निर्दलीय जीतीं दीपा देवी कोरी ने अपने समर्थकों के साथ पुष्पांजलि अर्पित की.
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