ख़ालिद जावेद के उपन्यास को जेसीबी अवॉर्ड

ख़ालिद जावेद के उपन्यास ‘द पैराडाइज़ ऑफ़ फूड’ को इस वर्ष का जेसीबी साहित्य पुरस्कार मिला है. उर्दू में लिखे उनके उपन्यास ‘नेमतख़ाना’ का अंग्रेज़ी अनुवाद बारां फ़ारूक़ी ने किया है. 25 लाख रुपये के इस पुरस्कार के लिए इस साल शॉर्टलिस्ट हुए पांचों उपन्यास अनूदित थे.
नई दिल्ली के ओबरॉय होटल में आयोजित एक समारोह में इसकी घोषणा की गई.
पुरस्कार के लिए नामित अन्य भाषाओं के उपन्यासों में हिंदी से अनूदित गीतांजलि श्री का ‘टूम्ब ऑफ़ सैंड’, मनोरंजन ब्यापारी का बांग्ला उपन्यास ‘ईमान’, छुदेन काबिमो का नेपाली उपन्यास ‘सॉंग ऑफ़ द सॉइल’ और शाली टॉमी का मलयाली से अंग्रेज़ी में अनूदित उपन्यास ‘वल्ली’ थे. उर्दू के किसी उपन्यास को यह पुरस्कार पहली बार मिला है.
ख़ालिद जावेद ने ‘नेमतख़ाना’ सन् 2014 में लिखा गया था. बक़़ौल ख़ालिद, आठ बरस पुराने उनके उपन्यास को नया रुतबा तब मिला, जब दूसरी ज़बान में इसका अनुवाद हुआ और यह व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचा.
‘नेमतख़ाना’ के अलावा ख़ालिद जावेद के दो और उपन्यास ‘मौत की किताब’ और ‘एक ख़ंजर पानी में’ ख़ूब मक़बूल हुए हैं. ‘मौत की किताब’ का भी हिंदी और अंग्रेज़ी में तर्जुमा हो चुका है. ‘गैब्रियल गार्सिया मार्क़ेज़’ और ‘मिलान कुंदेरा’ पर आलोचना की उनकी दो किताबें छपी हैं.
ख़ालिद जावेद जामिया मिलिया इस्लामिया के उर्दू पढ़ाते हैं. दिल्ली जाने से पहले बरेली कॉलेज में उन्होंने दर्शनशास्त्र भी पढ़ाया.
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