प्रदर्शनी | द बॉडी कॉल्ड फ़िलिस्तीन

नई दिल्ली | वैसे तो दुनिया भर में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है पर इस 1 मई को सहमत (सफ़दर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट) ने ये दिन फ़िलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता की अभिव्यक्ति के रूप में भी मनाया. इस मौक़े पर ‘द बॉडी कॉल्ड फ़िलिस्तीन’ नाम से एक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जो जवाहर भवन (डॉ.राजेंद्र प्रसाद रोड) में लगी है.

प्रदर्शनी में भारत और फ़िलिस्तीन के कलाकारों की 140 से ज़्यादा कलाकृतियाँ शामिल हैं, इसक साथ ही पाँच वीडियो भी प्रदर्शनी का हिस्सा हैं. यह आयोजन फ़िलिस्तीन के लोगों पर हो रहे अत्याचार और अन्याय के ख़िलाफ़ एक बुलंद आवाज़ है.

दुनिया जानती है कि फ़िलिस्तीन का अस्तित्व तभी से दांव पर लगा हुआ है, जब से इज़रायल ने उन पर सैनिक हमला करके उनका नरसंहार शुरू किया है. गाज़ा, पश्चिमी तट, यरुशलम, लेबनान और सीरिया के आसपास के अरब क्षेत्रों में हुई तबाही किसी भी ‘क्रिया-प्रतिक्रिया’ प्रतिमान को झुठलाती है, जिसका दावा इन ज़मीनों पर इजरायल के निरंतर कब्ज़े के समर्थक कर सकते हैं.

प्रदर्शनी के क्यूरेटर अमित मुखोपाध्याय अपने नोट में कहते हैं, ‘इस प्रदर्शनी, ‘द बॉडी कॉल्ड फ़िलिस्तीन’ का उद्देश्य एक अलग आख्यान के लिए तर्क देना है: फ़िलिस्तीनियों के घर के विशाल और खुले क्षेत्र को एक संदेश भेजना; ‘फ़िलिस्तीनी विषय की विभाजित अवधारणा’ का प्रतिनिधित्व करना. इस विभाजित अवधारणा को साकार करने की दिशा में पहला क़दम अपनी मातृभूमि में वापसी की संभावना पर निर्मित स्वतंत्रता की दृष्टि है; और दूसरा अपने विषयों की संप्रभुता की प्राप्ति के माध्यम से है. मैं जिस आदर्श को कायम रखता हूं, वह है फ़िलिस्तीनी लोगों को बीहड़ इलाक़ों से गुज़रते हुए और दीवार के दूसरी तरफ़ पार करते हुए देखना.’

सहमत की ओर से जारी विज्ञप्ति ने कहा गया है, ‘…फ़िलिस्तीन में मौजूदा विडंबना पिछले सात दशकों से चल रहे गृहयुद्ध का एक अतिशयोक्तिपूर्ण रूप है, जिसमें इज़राइल अपनी हथियारबंद शक्ति को जीवित रखता है, और फ़िलिस्तीनी लोगों पर अपने अत्याचारों को ‘इज़रायली लोगों के लिए न्याय’ के रंग में रंगता है.’

फ़िलिस्तीनी दूतावास के डॉ. आबेद एलरजेग अबू जजेर ने भी प्रदर्शनी में लगी कलाकृतियों की तारीफ़ करते हुए कुछ कलाकारों से बातचीत की. प्रदर्शनी 31 मई तक चलेगी.

प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद सतरूपा भट्टाचार्य ने महमूद दरवेश की कविता पढ़ी और जन नाट्य मंच के कलाकारों ने नाटक ‘फ़िलिस्तिन के लिए’ पेश किया.

सभी तस्वीरें | राजिंदर अरोड़ा


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