उन्नाव | यों गड़ा ख़ज़ाना मिलता भी है
उन्नाव | सैदापुर गांव के उस कुनबे को किसी नजूमी ने गड़ा हुआ मिलने के बारे में कभी नहीं बताया था. तो घर के लिए नींव खोदते वक़्त मिले ख़ज़ाने को पुरखों का आशीर्वाद मानकर भाइयों ने तो आपस में बाँट लिया था मगर बांगरमऊ पुलिस ने गाँव पहुंचकर ख़ज़ाना कब्ज़े में ले लिया. हालांकि एक भाई का हिस्सा पुलिस को जुटाना अभी बाक़ी है.
गाँव में एक कुनबे को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास के लिए पहली किस्त मिली तो उन लोगों ने अपना पुराना कच्चा मकान गिरा दिया. नींव के लिए खुदाई शुरू हुई तो अचानक फावड़ा मिट्टी के बर्तन से टकराया. मटकी फूट गई और उसमें भरे चांदी के सिक्के बिखर गए.
उन लोगों को मटकी से चाँदी के 96 सिक्के मिले. मुगलों के दौर के इन सिक्कों पर उर्दू में सन् 1232 और 1238 लिखा है. घर में गड़ा ख़ज़ाना मिलने की ख़बर पाकर कानपुर में रहने वाले पांच भाई भी सैदापुर पहुँच गए. 96 सिक्के और छह भाई. एकदम साफ़ हिसाब – सबने 16-16 सिक्के बांट लिए.
अगले रोज़ यानी मंगलवार को पुलिस तक यह ख़बर पहुँची तो बांगरमऊ पुलिस ने इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग की संपत्ति बताते हुए सरकारी मालखाने में जमा कराने को कहा. गांव वाले भाई ने अपने हिस्से में आए सोलह सिक्के पुलिस को दे दिए.
एसडीएम दिनेश कुमार ने पुलिस से सभी सिक्के ज़ब्त करने को कहा है. पुलिस ने बाक़ी पांचों भाइयों को फ़ोन करके बुलाया है. देर रात पुलिस ने 80 सिक्के जुटा लिए थे.
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