याददाश्त बढ़ाने वाला मशरूम
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सोलन | राष्ट्रीय खुंब अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने हिरेशियम प्रजाति का मशरूम उगाने का तरीक़ा ईजाद कर लिया. लकड़ी के बुरादे पर उगाया जाने वाला यह मशरूम अब भूसे पर उगाया जा सकता है. चीन में परंपरागत चिकित्सा पद्धति में अर्से से इस्तेमाल होने वाला इस मशरूम के बारे में वैज्ञानिकों का दावा है कि यह याददाश्त बेहतर करने में मदद करता है.
खुंब अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों को मशरूम की इस क़िस्म के अनुकूलन और व्यावसायिक तौर पर इसके उत्पादन की तरक़ीब खोजने में करीब पांच साल का समय लगा. अनुसंधान निदेशालय अब यह मशरूम बाज़ार में उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है.
अनुसंधान केंद्र में किसानों को मशरूम उगाने के लिए का प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया गया है. बिहार में किसानों ने इसका उत्पादन शुरू भी कर दिया है.
डीएमआर के वैज्ञानिक डॉ.सतीश शर्मा ने बताया कि मशरूम की हिरेशियम प्रजाति औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, और कई तरह के फ़ाइटोकेमिकल्स भी. फ़ाइटोकेमिकल्स कई तरह के बैक्टीरिया और फ़ंगस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मददगार होते हैं. इससे इंसान की सोचने की शक्ति बढ़ती है.
कवर | विकीपीडिया
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