ओलंपिक रिपोर्ट | उगते सूरज के देश में एक स्टार का उदय
07 अगस्त 2021 | टोक्यो ओलंपिक | प्रतिस्पर्धाओं का 15वां दिन.
यथार्थ में कभी-कभी ऐसा घटित होता है, जो कल्पनाओं से भी अधिक रुमानी और ख़ूबसूरत होता है. आज टोक्यो के ओलंपिक स्टेडियम में ऐसा ही कुछ घट रहा था. 23 साल के एक नौजवान के हाथों एक जेवलिन उड़ान नहीं भर रहा था बल्कि एक इतिहास उड़ान भर रहा था.
और जब उस जेवलिन ने अपनी उड़ान पूरी करके धरती को छुआ तो 87.58 मीटर की दूरी भर तय नहीं की, बल्कि 1896 से 2021 तक के लंबे इंतज़ार के सफ़र का अंत भी कर रहा था. यह मिल्खा सिंह और पी.टी. उषा से लेकर हर उस भारतीय एथलीट की अधूरी ख़्वाहिश का पूरा होना था, जिसने ओलंपिक में पदक जीतने का सपना देखा था और कोशिश की थी.
और 87.58 मीटर की यह उड़ान सिर्फ़ स्वर्ण पदक की उड़ान नहीं थी बल्कि आने वाले हर युवा भारतीय एथलीट के सपनों की उड़ान थी. और भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक मिलना था.
यह टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू द्वारा भारतीय अभियान के रुपहले आग़ाज़ की सुनहरी परिणिति थी. यह उगते सूरज के देश में एक स्टार का उदय था. दरअसल यह नीरज चोपड़ा का टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतना था.
आज खेल समाप्ति वाले दिन से पहले का दिन था. लेकिन भारत के खिलाड़ियों के लिए यह अंतिम दिन. आज उनकी चुनौती ख़त्म होने जा रही थी. आज कुल मिलाकर तीन स्पर्धाओं में तीन पदक दांव पर थे और चार भारतीय खिलाड़ी मैदान में थे. गोल्फ़ में अदिति अशोक और दीक्षा डागर, कुश्ती में बजरंग और नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो में.
भारत की इस टोक्यो ओलंपिक की अंतिम चुनौती जेवलिन थ्रो स्पर्धा में थी, जिसमें भारत की और से नीरज चोपड़ा भाग ले रहे थे. उन्होंने क्वालीफ़ाइंग राउंड में सबसे बड़ी थ्रो से उम्मीदें जगा दी थीं. पदक सबको पक्का लग रहा था पर उसके रंग पर संशय था.
तमाम खिलाड़ियों ने अच्छे आग़ाज़ का ख़राब समापन किया था, इसलिए भी आशकाएं थीं. पर नीरज ने निराश नहीं किया. उन्होंने पहली थ्रो 87.03 मीटर फेंकी तो पदक सबको पक्का लगने लगा था. अगली थ्रो 87.58 मीटर की रही. और ये दोनों थ्रो स्वर्ण जिताने के लिए और इतिहाज़ बनाने के लिए पर्याप्त साबित हुई.
86.67 मीटर की थ्रो के साथ चेक रिपब्लिक के जकुब वालेच ने रजत और 85.44 मीटर थ्रो के साथ चेक रिपब्लिक के ही वेसली विटेज़स्लाव ने कांस्य पदक जीता. यह एथेलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक पदक है और व्यक्तिगत स्पर्धा में 2008 में अभिनव बिंद्रा के शूटिंग में गोल्ड के बाद दूसरा.
इससे पूर्व भारत गोल्फ़ में एक पदक से चूक गया. गोल्फ़ में तीसरे राउंड के बाद दीक्षा 51वें स्थान पर थीं और वे पदक की दौड़ में नहीं थीं. लेकिन विश्व रैंकिंग में 200वीं रैंकिंग वाली अदिति अशोक ने अभी शानदार खेल दिखाया था और वे तीसरे राउंड के बाद 12 अंडर 201 स्कोर के साथ विश्व नंबर एक के बाद दूसरे स्थान पर थीं और उनका एक पदक पक्का-सा लग रहा था.
लेकिन आज का दिन अदिति का नहीं था और पोडियम उनके भाग्य में नहीं लिखा था. वह एक स्ट्रोक्स से तीसरा स्थान और कांस्य पदक चूक गई. बिल्कुल किनारे पर हार जाना और पदक चूक जाना निःसन्देह निराशा से भर देता है लेकिन 200वीं विश्व रैंकिंग वाली अदिति की तारीफ़ करनी होगी कि विश्व की टॉप रैंकिंग वाली खिलाड़ियों से मुक़ाबला करते हुए तीन दिन तक शानदार खेल दिखाया और चौथे स्थान पर रहीं.
यह ओलंपिक में किसी भी भारतीय का अब तक का श्रेष्ठ प्रदर्शन है. इस स्पर्धा में भारत की दूसरी प्रतिभागी दीक्षा नागर 50वें स्थान पर रहीं. स्वर्ण पदक जीता अमेरिका की नेल्ली कोरडा ने. वे शुरू से ही नंबर एक पर थीं और उसे उन्होंने बनाए रखा. रजत पदक विश्व नंबर 28 जापान की इनामी मोनी ने जीता और कांस्य पदक विश्व नंबर 11 न्यूजीलैंड की लिडिया को ने जीता. रजत और कांस्य पदक का फ़ैसला प्ले ऑफ़ से हुआ.
आज पदक की तीसरी उम्मीद कुश्ती में बजरंग पूनिया थे. वे कल सेमीफ़ाइनल में हार गए थे. आज कांस्य पदक के लिए उनका मुक़ाबला कज़ाकिस्तान के डी निवाज़बेकोव से था. इस मुक़ाबले में बजरंग ने निराश नहीं किया. आज वे चैंपियन की तरह लड़े और निवाज़बेकोव को आसानी से 8-0 से हरा दिया.
इस प्रकार भारत को इस ओलंपिक का 07 पदक मिले. ये 2012 के लंदन ओलंपिक के 06 पदक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पदक ज़्यादा था.
ओलंपिक से कुछ और ख़बरें
महिलाओं की मैराथन दौड़ केन्या की पेरेज जेपचिरचिर ने जीती. उन्होंने यह दौड़ 02 घंटे, 27 मिनट और 20 सेकेंड में पूरी की. रजत पदक उनकी ही देशवासी ब्रिजिड कोसजी ने जीता और कांस्य पदक अमेरिका की मौली सिडल ने जीता.
महिलाओं की ऊंची कूद में 2.04 मीटर ऊंची छलांग लगाकर रूस की लसितकेने ने स्वर्ण पदक जीता. ऑस्ट्रेलिया की डी मकडेरमोट ने रजत और यूक्रेन की महुचिख़ ने कांस्य पदक जीता.
पुरुषों की बेसबॉल का स्वर्ण मेज़बान जापान ने अमेरिका को 2-0 से हराकर जीता. जबकि कांस्य डोमिनिकन रिपब्लिक ने दक्षिण कोरिया को 10-06 से हराकर जीता.
लयबद्ध जिम्नास्टिक की ऑल राउंड व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक इस्राइल की लिनॉय ऐस्राम ने जीता. इस्राइल का ये पहला ओलंपिक पदक था. सन् 1996 के बाद ये पहला अवसर था जब रूस के अलावा किसी अन्य देश के जिमनास्ट ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता. तीन बार की विश्व चैंपियन रूस की दीना अवेरिना ने रजत पदक और बेलारूस की एलिना हरनासको ने कांस्य पदक जीता.
इजू वेलोड्रम में चल रही साइक्लिंग की पुरुष मेडिसन स्पर्धा डेनमार्क के नॉर्मन हेनसन और माइकेल मोरकोव ने जीती. इसका रजत पदक ब्रिटेन ने और कांस्य पदक फ़्रांस ने जीता.
महिलाओं की वॉटर पोलो स्पर्धा का स्वर्ण पदक अमेरिका ने लगातार तीसरी बार जीता. फ़ाइनल में उसने स्पेन को हराया. हंगरी ने रूस को हराकार कांस्य पदक जीता. पुरुषों की बास्केटबॉल के फ़ाइनल में स्पेन को 87-82 अंकों से हराकर अमेरिका ने स्वर्ण पदक जीता. ये अमेरिका का पुरुष बास्केटबॉल का 16वां ओलंपिक पदक है. इसका कांस्य पदक ऑस्ट्रेलिया ने स्लोवेनिया को 107-93 से हराकर जीता.
पदक तालिका
आज खेल प्रतिस्पर्धाओं की समाप्ति पर पदक तालिका में चीन 38 स्वर्ण पदकों सहित 87 पदक जीत कर पहले स्थान पर, अमेरिका 36 स्वर्ण पदकों सहित कुल 108 पदक लेकर दूसरे पर और जापान 27 स्वर्ण पदक सहित कुल 56 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है. भारत 01 स्वर्ण 02 रजत और 04 कांस्य सहित कुल 07 पदकों के साथ पदक तालिका में अब 47वें स्थान पर पहुंच गया है.
और चलते चलते बात ट्यूनीशिया के तैराक 18 वर्षीय अहमद हफ्नोई की. वे इस ओलंपिक में 400 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में भाग ले रहे थे. उन्होंने फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई किया. लेकिन वे क्वालीफ़ाई करने वालों में सबसे धीमे थे. उनका किसी ने नोटिस नहीं लिया और न कोई तवज्जो दी.
फ़ाइनल में किसी को उनसे कोई उम्मीद नहीं थी. लेकिन कुछ देर बाद ही फ़ाइनल में उन्होंने सभी प्रतिभागियों को पीछे छोड़कर जवर्ण पदक जीत लिया था और जिसे कुछ समय पहले उपेक्षित किया गया अब वही सबके आकर्षण का केंद्र बन चुके थे.
आपको कभी भी हार नहीं माननी चाहिए. आपको अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए. समय कभी भी बदल सकता है.
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