भारतीय हॉकी के बुजुर्ग चरणजीत सिंह का निधन
ऊना | भारतीय हॉकी के बुजुर्ग चरणजीत सिंह नहीं रहे. आज सुबह यहाँ उनका निधन हो गया. वह 90 साल के थे.
सन् 1964 के टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली हॉकी टीम के कप्तान रहे चरणजीत सिंह ने 1958 से 1965 तक राष्ट्रीय टीम में देश का प्रतिनिधित्व किया था. वह 1960 में रोम ओलंपिक और 1964 में टोक्यो ओलंपिक के साथ ही 1962 में एशियन खेल की टीम का हिस्सा रहे.
यहाँ नैहरियाँ गाँव में जन्मे चरणजीत सिंह पढ़ाई के दिनों में ही हॉकी में दिलचस्पी लेने लगे थे. लायलपुर के कृषि कॉलेज से बीएससी करने के बाद उन्होंने गंभीरता से अपने खेल पर ध्यान दिया. सन् 1949 में वह पहली बार यूनिवर्सिटी की तरफ़ से खेले. अगले ही साल उन्हें भारतीय हॉकी टीम में चुन लिया गया. इसके बाद दो बार वह पाकिस्तान खेलने गई टीम का हिस्सा रहे.
पहले अर्जुन अवार्ड और फिर पद्मश्री से सम्मानित चरणजीत सिंह ने क़रीब 14 साल तक पंजाब पुलिस में नौकरी की. बाद में लुधियाना और हिसार के कृषि विश्वविद्यालय से भी संबद्ध रहे.
अपनी बड़ी उम्र के बावजूद उनकी सक्रियता कम नहीं हुई थी. खेल के आयोजनों में वह हमेशा मौजूद रहते थे.
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