कॉलेज सरकारी पर दो साल से मंदिर में पढ़ाई

  • 10:53 pm
  • 5 January 2024


अगर यह कहा जाए कि कॉलेज सरकारी है पर उद्घाटन के दो साल बाद भी एक मंदिर में चल रहा है तो हैरानी हो सकती है. और, यह भी सच है कि यहां नियमित स्टाफ़ तक नहीं है. हरियाणा में करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल की सीमा पर स्थित निगधू गांव में चल रहा यह राजकीय कॉलेज बिना बुनियादी सुविधाओं के ही चल रहा है. यहां 154 विद्यार्थी हैं, जिनमें ज्यादातर लड़कियां हैं. इनकी पढ़ाई और भविष्य रोटेशन पर आने वाले शिक्षकों पर निर्भर है.
‘द ट्रिब्यून’ ने लिखा है कि बी.ए. और बी.कॉम. की पढ़ाई कराने वाले इस कॉलेज का यह हाल तब है, जब ग्राम पंचायत ने 33 साल पहले ही 9.5 एकड़ जमीन लीज़ पर दे रखी है. भवन बनवाना तो दूर, सरकार अब तक कॉलेज के भवन का डिज़ाइन भी तैयार नहीं करा सकी है. कॉलेज के लिए स्वीकृत स्टाफ़ के सभी 17 शिक्षकों और 15 शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पद अब तक रिक्त हैं. फ़िलहाल डेपुटेशन पर भेजे गए एक शिक्षक और दो शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सहारे कॉलेज चल रहा है. वित्तीय अधिकार महिला राजकीय कॉलेज की प्राचार्य के पास हैं.

हिट-एंड-रनः सज़ा आधे से भी कम को
जिस हिट-एंड-रन कानून के प्रावधानों के विरोध में देश भर में ट्रक-बस चालक हड़ताल पर रहे, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े गवाह हैं कि इन मामलों में आधे से कम ही (47.9 फीसदी) ऐसे हैं, जिनमें दोषसिद्धि और सज़ा हुई. बाक़ी आरोपी कोर्ट से बरी हो गए. पिछले दो वर्षों में सज़ा की दर 50 प्रतिशत से नीचे रही है. सिर्फ़ अपवाद के तौर पर 2020 और 2021 में दोषसिद्धि की दर 50 प्रतिशत से ज्यादा रही. 2020 में यह 58.1 और 2021 में 51.9 प्रतिशत रही. हिट-एंड-रन ऐसे मामले हैं, जिनमें सड़क हादसे के बाद ड्राइवर मौक़े से भाग जाते हैं. ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा है कि राज्यों के हिसाब से देखें तो 2022 में ऐसे मामलों के एक तिहाई उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए. इसके बाद मध्य प्रदेश (8,477) और महाराष्ट्र (3,480) का नंबर आता हैं. राजस्थान (2,720) चौथे और बिहार (2,367) पांचवें स्थान पर रहा. मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा मामले दिल्ली (696) में दर्ज हुए. इसके बाद लखनऊ (335), नागपुर (294), जयपुर (293) और बेंगलूरू(222) हैं.

ई-वे बिल में वाहन नंबर गलत होने पर पेनाल्टी लगाना अवैध
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मंशा टैक्स चोरी की न हो तो जुर्माना लगाना विधि विरुद्ध है. कोर्ट ने कहा कि ई-वे बिल में टाइपिंग गलती के कारण वाहन का नंबर गलत हो जाने पर पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती. ऐसी स्थिति में यह नहीं कहा जा सकता कि मंशा टैक्स चोरी की थी. ‘अमर उजाला’ ने खबर दी है कि कोर्ट ने वाहन जब्त कर जुर्माना लगाने के सहायक कमिश्नर व अपर कमिश्नर कामर्शियल टैक्स गाजियबाद के आदेशों 29 अगस्त 2019 व 24 मई 2018 को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ ने मेसर्स हिन्दुस्तान हर्बल कॉस्मेटिक्स की याचिका को स्वीकर करते हुए दिया है. याची फर्म ने कॉस्मेटिक सामान मेसर्स श्री साईं इंफोटिक झारखंड को पूरे टैक्स कागजात के साथ भेजा. उसे कॉमर्शियल टैक्स स्क्वैड यूनिट गाजियाबाद ने ई-बिल में दूसरा वाहन नंबर दर्ज होने के आधार पर जब्त किया और पेनाल्टी लगाई. इसके खिलाफ अपील भी खारिज हो गई. जिस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

जलमार्ग से भी अयोध्या जा सकेंगे श्रद्धालु
रामलला के दर्शन के लिए चुनिंदा शहरों के श्रद्धालु जलमार्ग से भी अयोध्या जा सकेंगे. कोच्चि वाटर मेट्रो के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) द्वारा तैयार की गई दो इलेक्ट्रिक हाईब्रिड नौकाओं को इनलैंड वाटरवेज़ अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (आईडब्ल्यूएआई) ने अयोध्या और वाराणसी भेजा है. ये नौकाएं उन 23 में से थीं, जिनके लिए कोचीन वाटर मेट्रो लिमिटेड ने ऑर्डर किया था. वह इन्हें 10 द्वीपों के बीच चलाना चाहती थी. ऐसी ही छह और नौकाएं कोलकाता के हुगली कोचीन शिपयार्ड में बनाई जा रही हैं. इन नौकाओं की डिलिवरी जून में शुरू होगी. माना जा रहा है कि इन्हें अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और गुवाहाटी भेजा जाएगा. ‘द हिंदू’ ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जहाजरानी मंत्रालय देश के जलमार्गों पर इलेक्ट्रिक और दूसरे कम कार्बन उत्सर्जन वाली नौकाएं चलाना चाहता है. प्रसंगवश, कोच्चि वाटर मेट्रो की नौकाओं को व्यावसायिक श्रेणी का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, द गिनीज़ इलेक्ट्रिक बोट अवार्ड-2022 मिल चुका है.

बंगाल क्लब में दुर्लभ सिक्कों की प्रदर्शनी
जमशेदपुर के क्वाइन कलेक्टर क्लब की ओर से बंगाल क्लब साकची में दुर्लभ सिक्कों की प्रदर्शनी जेमक्वाइन सात जनवरी तक चलेगी. प्रदर्शनी में मुगलकालीन, मध्यकालीन राजाओं के सिक्के, ब्रिटिश भारत और हैदराबाद रियासत के सिक्के प्रदर्शित किए गए हैं. इसके अलावा विश्व बैंक के नोटों पर तानाशाहों, पॉलीमर मुद्राएं, उच्च मूल अवमूल्यन वाली मुद्राएं, त्रुटि मुद्राएं आदि आकर्षण का केंद्र होंगी.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी

कवर | ट्रिब्यून से साभार


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