श्रद्धांजलिः कोबे ब्रायंट की याद और लॉस एंजिलिस की वह ऐतिहासिक पारी

सन् 1996 में जब शेर्लोट होरनेट्स ने 18 वर्ष के युवा कोबे ब्रायंट को पहली बार एनबीए के लिए ड्राफ्ट किया तो वे एनबीए के लिए ड्राफ्ट होने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे. ये शायद उनकी नियति थी जो सर्वशक्तिमान ने उनके लिए निर्धारित की थी क्योंकि उसे पता था कि कोबे के पास समय बहुत कम है और उसे हर काम जल्दी करने हैं.

नहीं तो 41 की उम्र इस नश्वर संसार को विदा कहने की भी कोई उम्र होती है क्या! इतवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ‘द ब्लैक माम्बा’ के नाम से मशहूर और बास्केटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में से एक कोबे ब्रायंट की मृत्यु हो गई. उनके साथ उनकी 13 वर्षीय बेटी और बास्केटबॉल की उभरती होनहार खिलाड़ी गियाना की भी मृत्यु हो गई. उससे एक दिन पहले ही शनिवार को फिलाडेल्फिया 76सर्स के विरुद्ध खेलते हुए लेब्रोन जेम्स ने तीसरे क्वार्टर में जब एक ले अप से 2 अंक अर्जित किए तो उनके एनबीए के कुल अंक 33644 पॉइंट्स हुए और वह लेकर्स के अपने पूर्व साथी खिलाड़ी कोबे को चौथे स्थान पर छोड़ते हुए ख़ुद तीसरे स्थान पर पहुंचे तो कोबे ट्विटर पर उन्हें बधाई देने वाले सबसे पहले लोगों में से थे. उस दिन लेब्रोन ने उनके सम्मान में अपने जूतों पर सुनहरे रंग से ‘मुम्बा 4 लाइफ’ अंकित कराया हुआ था. वे केवल शानदार खिलाड़ी ही नहीं थे बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. खेल से सन्यास लेने के बाद उन्होंने मूवी बनाई, वेब सीरीज की और पॉडकास्ट किए. केवल उनकी सफलता और महानता की ही कहानियां नहीं हैं बल्कि वे खुद एक शानदार स्टोरीटेलर हैं. उन्होंने बच्चों के लिए न केवल किताबें लिखीं बल्कि उनके लिए एनिमेशन फ़िल्में भी बनाईं. सन् 2018 में उनकी शार्ट एनिमेशन फ़िल्म ‘डियर बास्केटबॉल’ को ऑस्कर अवार्ड मिल चुका है. सन् 2016 में जब उन्होंने एनबीए के लिए आख़िरी मैच खेला था तो उन्हें इस तरह से याद किया था.

बीते बुधवार 13 अप्रैल 2016 की गहराती जाती रात में लॉस एंजिलिस के स्टेपल्स सेंटर एरीना में ज़ाहिरा तौर पर तो दो टीमों – उथाह जैज और लॉस एंजिलिस लेकर्स के बीच एनबीए का मैच भर होना था. लेकिन वास्तव में स्टेपल्स सेंटर एरीना एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय घटना का साक्षी ही नहीं बन रहा था बल्कि उसका भागीदार भी बन रहा था. दरअसल उस समय वहां 28 मीटर लम्बे और 15 मीटर चौड़े मैदान, नौ फ़ीट ऊंचे बोर्ड पर टंगी 45 सेंटीमीटर दो रिंग और 39 सेंटीमीटर व्यास वाली एक अदद गेंद के साथ 6 फ़ीट 6 इंच लंबे दुबले पतले एक खिलाड़ी के अटूट सम्बन्धों की कहानी का उपसंहार लिखा जाना था. यहां पर केवल ये इतिहास भर नहीं लिखा जाना था कि अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी खेल जीवन से संन्यास लेने जा रहा था बल्कि उस मैच में ख़ुद उसके द्वारा अपने असाधारण खेल से एक इतिहास रचा जाना था. उसने इस मैच में 60 अंक बनाए और तीसरे क्वार्टर तक 12 अंकों से पिछड़ने के बाद भी लेकर्स को 101-96 से जीत दिला दी. अमेरिकी खेल इतिहास की और विशेष रूप से एनबीए इतिहास में ये किसी भी खिलाड़ी की अब तक की सबसे शानदार विदाई थी. उस एरीना की दर्शक दीर्घा में बैठे 18 हज़ार दर्शक उस खिलाड़ी के जादुई खेल को मंत्र मुग्ध से देख रहे थे और उस अद्भुत खेल की अपने भीतर प्रतिच्छायाएं स्थायी तौर पर बसा रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि उस खिलाड़ी द्वारा कोर्ट में जो स्पेस अपने लिए बनाया गया है वो अब खाली ही रहना है. जब भी उस स्पेस में उस खिलाड़ी को देखना चाहेंगे तो वे प्रतिच्छायाएं ही काम आनी थी जो उन्होंने आज अपने मन में स्थापित की हैं. वो खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि कोबे बीन ब्रायंट था जो अपना आख़िरी मैच खेल रहा था और इस बीस साल लम्बी कहानी का आरम्भ 1996 में उस समय था, जब 18 साल के युवा कोबे को एनबीए में ड्राफ्ट किया गया था.

दरअसल कुछ खिलाड़ी इतने बड़े हो जाते हैं वे खेल के नाम से नहीं जाने जाते बल्कि खेल उनके नाम से जाना जाता है. फुटबाल में पेले और माराडोना, क्रिकेट में ब्रेडमैन और सचिन, हॉकी में ध्यानचंद, बैडमिंटन में रूडी हार्टोनो और लिम स्वी किंग, एथलेटिक्स में पावो नूरमी और जैसी ओवेन्स, टेनिस में ब्योन बोर्ग, पीट सैम्प्रास या रोजर फेडरर और बास्केटबाल में माइकल जॉर्डन. निःसंदेह कोबे ब्रायंट भी उसी श्रेणी के खिलाड़ी हैं. जिसके हिस्से में 5एनबीए चैंपियनशिप, एक एमवीपी, दो फाइनल एमवीपी, 18 एनबीए ऑल स्टार और दो ओलम्पिक स्वर्ण पदक हो और जिसने 33643 अंक बनाए हों, जो एनबीए में तीसरे सबसे ज्यादा पॉइंट हैं, जिसने एक मैच में अकेले 81 अंक बनाए हो जो एनबीए इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है वो महानतम ही हो सकता है. ऐसे खिलाड़ी जब भी अपना बनाया स्पेस खाली करते हैं तो उसे भरना बहुत मुश्किल होता है. उनका जाना एक ऐसा निर्वात बना देता है जिसकी सीमाओं पर प्रतिभाओं की हवाएं लगातार प्रहार करती हैं लेकिन उसमें प्रवेश नहीं कर पाती, उस स्पेस का अतिक्रमण नहीं कर पाती. कोबे ने भी जो स्पेस खाली किया है उसे भरना असम्भव नहीं भी हो तो भी उसे भरना अत्यन्त दुष्कर अवश्य है. अब खेल के मैदान में तुम खेलते नहीं दिखाई दोगे, यह तो बस मन में बसी प्रतिच्छायाओं में ही संभव होगा. खेल के मैदान से अलविदा माम्बा, ब्लैक माम्बा.


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