रिपोर्ट | इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कैंपस कविता का आयोजन
प्रयागराज | इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और ‘हिंदवी’ की ओर से शुक्रवार को संयुक्त रूप से कैंपस कविता का आयोजन किया गया. पहले सत्र में सत्यप्रकाश मिश्र स्मृति व्याख्यान और दूसरे सत्र में जगदीश गुप्त काव्य प्रतियोगिता हुई.
पहले सत्र में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्रोफ़ेसर राजकुमार ने ‘हम साहित्य पढ़े ही क्यों?’ विषय पर व्याख्यान किया. अपने वक्तव्य में उन्होंने चिंता प्रकट की कि बीसवीं सदी में विज्ञान और विचार ने यह धारणा बनाई कि साहित्य को किसी अन्य विधा का अनुसरण करना होगा. और इसने साहित्य की पठनीयता को प्रभावित किया. धारणा यह बनी कि ज्ञान साहित्य में नहीं है, बल्कि दूसरे अनुशासनों के पास है. 21वीं सदी में यह धारणा टूट रही है.
कहा कि साहित्य पढ़े ही क्यों का सवाल वहां नहीं शुरू होता, जहां साहित्य पढ़ना मजबूरी है. इस प्रश्न को वहां से पढ़ना चाहिए, जहां मजबूरी नहीं है. बिना किसी मजबूरी के भी बहुत से लोग साहित्य पढ़ रहे हैं. उनकी तादाद टीवी और सिनेमा देखने वालों से कम हो सकती है. लेकिन संख्या ऐसे किसी सवाल की वास्तविक निर्धारक नहीं है. जब तक साहित्य से ऐसा कुछ मिलता रहेगा, जो दूसरी जगहों से नहीं मिलता तब तक लोग साहित्य पढ़ते रहेंगे.
सत्र की अध्यक्षता प्रो.प्रणय कृष्ण ने की.
दूसरे सत्र में दस चयनित प्रतिभागियों आश्रुति पटेल, प्रज्वल चतुर्वेदी, गोविंद निषाद, अभय प्रताप सिंह, श्वेता श्रीवास्तव, आदित्य पाण्डेय, सौरभ मिश्रा, हर्षिता त्रिपाठी, सत्यम तिवारी और श्रीयांशु कर पाठक ने अपनी कविताओं का पाठ किया. निर्णायक के रूप में चंडीगढ़ से कवियित्री विजया सिंह, रीवा विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रो. दिनेश कुशवाह और प्रयागराज के वरिष्ठ कवि हरिश्चंद्र पांडे मौजूद थे.
प्रतियोगिता में हर्षिता त्रिपाठी और प्रज्जवल चतुर्वेदी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर, सत्यम तिवारी दूसरे स्थान पर और गोविंद निषाद पहले स्थान पर रहे. पुरस्कार हिंदवी, रेख़्ता फाउंडेशन और राजकमल प्रकाशन की तरफ़ से दिए गए.
निर्णायक मंडल ने निर्णय प्रक्रिया के बारे में बताया और नए कवियों को यह भी सुझाया कि सौंदर्य और विषय को कविता में कैसे बरतना चाहिए. इस क्रम में कवियों की परंपरा का उल्लेख किया गया. इस सत्र का संचालन लक्ष्मण गुप्ता ने किया.
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में हरिश्चंद्र पांडे, दिनेश कुशवाह और विजय सिंह का काव्य पाठ हुआ. संचालन बसंत त्रिपाठी ने किया.
हिंदवी की तरफ से अनुराधा, अविनाश मिश्र और हरि कार्की कार्यक्रम में मौजूद रहे. प्रो.लालसा यादव, प्रो.योगेंद्र प्रताप सिंह, डा.सूर्यनारायण, डॉ.कुमार बिरेंद्र, डॉ.विजय रविदास, डा.जनार्दन, प्रवीण शेखर, राजनारायण, आमोद माहेश्वरी, श्रीरंग समेत शहर के गणमान्य लोगों ने भी शिरकत की.
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