दयारा में तीन फ़रवरी से ‘स्कीइंग फ़ेस्टिवल’ की तैयारी
उत्तरकाशी | दयारा में तीन और चार फ़रवरी को ‘स्कीइंग फ़ेस्टिवल’ के आयोजन की तैयारी है. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पर्यटन विभाग की तरफ़ से स्कीइंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
क़रीब 3048 मीटर ऊंचाई पर 28 वर्ग किलोमीटर में फैला दयारा बुग्याल गर्मी के दिनों में मखमली घास, रंगबिरंगे फूलों से ढंका रहता है और सर्दियों में बर्फ़ से ढंका हुआ एकदम लकदक. जगह-जगह इस बुग्याल के ढलान इसे स्कीइंग के लिए बेहतर और मुनासिब बनाते हैं, तभी तो पर्यटन विभाग समय-समय पर यहाँ स्कीइंग प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाता है. हालांकि स्कीइंग रिसॉर्ट के तौर पर इसे विकसित करने की योजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी है.
ज़िला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर रैथल और बार्सू गांव और इससे सात किलोमीटर और आगे स्थित दयारा बुग्याल वर्षों से सैलानियों का आकर्षण रहे हैं. दयारा से हिमालय का विहंगम नज़ारा भी उन्हें ख़ूब भाता है.
दयारा पहुंचने के लिए सड़क नहीं है और यह सात किलोमीटर का यह सफ़र पैदल ही करता पड़ता है. रास्ते में रैथल की ओर से गोई और बार्सू की ओर से भरनाला ताल का नैसर्गिक सौंदर्य भी देखने क़ाबिल है. सर्दियों में स्कीइंग के शौकीन यहां आते भी हैं.
कवर | दयारा बुग्याल
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