मुंबई से आने वाली रेलगाड़ियों में इन दिनों फ़ैज़ाबादियों की तादाद बढ़ गई है. गर्मियों की शुरुआत के साथ पूर्वांचल लौटने वाले यों भी ज्यादा होते हैं. ब्याह-गौने के दिन जो शुरू होने वाले हैं. मगर इन चेहरों पर उत्सव का उल्लास नहीं, सफ़र की थकान भी नहीं, सब कुछ छीन लिए जाने की उदासी दिखती है. [….]