सवा सौ साल पहले | फ़िल्म की पहली पब्लिक स्क्रीनिंग

28 दिसम्बर, 1895 यानी सवा सौ साल पहले आज ही के रोज़ पेरिस के ग्रांड कैफ़े में एक एतिहासिक घटना हुई. ऐसी घटना जिसने हमारी दुनिया के लोगों के देखने-सोचने-कहने का तरीक़ा ही बदल दिया. दुनिया में फ़िल्म की पहली पब्लिक स्क्रीनिंग, जिसमें कुल तीस लोग जुटे.
लुमिएर भाइयों – लुई और अगिस्ते ने अपने बनाए प्रोजेक्टर सिनेमैटोग्राफ़ पर उस रात 50 सेकेंड की जो फ़िल्म दिखाई, उसका नाम था – वर्कर्स लीवींग लुमिएर फैक्ट्री. ज़िंदगी की एकदम सच्ची, चलती-फिरती तस्वीरों ने सनसनी पैदा कर दी.
लुमिएर ने अगले साल लंदन, ब्रसल्स, बेल्जियम और न्यूयॉर्क में भी सिनेमैटोग्राफ़ थिएटर शुरू किए. उस साल उन्होंने चालीस से ज़्यादा फ़िल्में बनाईं, जिनमें फ़्रांस के लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी की झलक होती. फ़ौज़ियों के मार्च और लुहार की वर्कशॉप में काम से लेकर गोल्डफिश के बाउल में झांकते बच्चे या दूध पीते शिशु भी इन फ़िल्मों का विषय होते.
इन्हीं फ़िल्मों में फ़्रेंच फ़ोटोग्राफ़िक सोसाइटी की काँफ़्रेंस और लियॉन फ़ायर डिपार्टमेंट पर बनी फ़िल्में भी शामिल थी. इस तरह दुनिया की पहली न्यूज़ रील और पहली डॉक्युमेंट्री बनाने का श्रेय भी लुमिएर्स को जाता है. अब तक उन्होंने अपने कैमरामैन-प्रोजेक्शनिस्ट दुनिया के दूसरे देशों में फ़िल्में दिखाने के लिए भेजने शुरू कर दिए, जो वहाँ के लोगों की ज़िंदगी की झलकियाँ भी रिकॉर्ड करते थे.
फ़िल्मों के प्रचार के लिए पोस्टर का इस्तेमाल भी पहली बार ल्यूमिएर ने किया. अपनी फ़िल्म की पहली स्क्रीनिंग के बाद उन्होंने लिथोग्राफ़र हेनरी ब्रिस्पॉट से पोस्टर बनाने के लिए कहा ताकि सिनेमैटोग्राफ़ फ़िल्मों के बारे में लोगों को पता चल सके. 1896 में बने उनके पोस्टर में दर्शकों के सामने पर्दे पर फ़िल्म’द वाटर स्प्रिंकलर’ का एक दृश्य है. यह कॉमेडी फ़िल्म है, फिक्शन पर पहली बार बनी फ़िल्म.
28 दिसंबर, 1895 की शाम को कैफ़े के बेसमेंट में ‘वर्कर्स लीवींग लुमिएर फैक्ट्री’ देखने के लिए तीस लोग पहुंचे थे मगर जनवरी 1896 तक हज़ारों लोग ल्यूमिएर की चलती-फिरती तस्वीरें देखने के इच्छुक थे.
कवर | द वाटर स्प्रिंकलर का पोस्टर
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