नादी राज | ग्रीक देवताओं की ज़मीन पर हिंदी का एक ज़िद्दी स्वर

  • 1:26 pm
  • 22 January 2022

ग्रीक देवताओं की ज़मीन पर जन्म के बाद जब होश संभाला तो अपनी जड़ें याद आईं. जुनून की हद तक संगीत के शौक के साथ बड़ी हुई और तालीम के साथ ही अपने मुकाम की खोज में निकल पड़ीं. भारतीय संगीत पसंद था पर कोई सिखाने वाला न मिला तो एकलव्य की तरह अपनी साधना शुरू की. गायकी में अपने रियाज़ के साथ मंच पर उतरीं तो अलग ही रंग जमा. तमाम ख़िताब नाम हुए तो चर्चित शख़्सियत में शुमार होने लगा. नादी राज नाम की यह जुनूनी लड़की अब ग्रीस में भारतीय संगीत का एक घराना आबाद करने की कोशिश में है.

करीब पांच दशक पहले कश्मीर की युवती से ब्याह करके एक पंजाबी नौजवान रोजगार के चक्कर में ग्रीस गया, फिर यह दम्पति वहीं बस गए. इन्हीं के घर जन्मी नादी राज की कहानी इतनी दिलचस्प न होती अगर घर में उसे भारतीय माहौल न मिलता. पत्तों से आख़िर जड़ों की महक तो मिलती ही है. हिंदुस्तानी फ़िल्मों में दिलचस्पी ने नादी को हिंदी में गाने के लिए प्रेरित किया. हालांकि गायन सीखने की उनकी शुरुआत ‘ओपरा’ और ‘जैज़’ की कक्षाओं से हुई. यहां से दीक्षित होकर निकलीं तो गायकी की दुनिया में जगह बनाने की कोशिश के साथ-साथ नया सीखने-करने का अलग अध्याय शुरू हुआ. भारतीय संगीत और गायन पर ख़ुद से अध्ययन, नादी जिसे रिसर्च कहती हैं, शुरू किया. जो भी सीखा वह अपने आप सीखा. अपने लिए गाने भी ख़ुद ही लिखे.

भाषा-समृद्ध नादी ग्रीक के अलावा हिंदी, पंजाबी और अंग्रेज़ी भी समान अधिकार से बोलती-बरतती हैं. गिटार भी बजाती हैं. पाश्चात्य संगीत की अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद सन् 2009 में उन्होंने बुल्गारिया के स्टार गायक प्रीसल्वा के साथ गीतों को स्वर दिए. इस एलबम ने उस साल कई अवार्ड जीते. इसी के साथ ही नादी की आवाज़ को पहचान मिली. अगले गीतों के साथ उनकी आवाज़ में निखार आता गया. उनका निजी एलबम, जिसमें ग्रीक संगीतकार डिमिट्रस कोस्टोपोलस ने संगीत दिया था, ख़ूब मकबूल हुआ. इसमें उन्होंने अपने लिखे गीतों को स्वर दिया. बिलबोर्ड पुरस्कार प्राप्त कंपोज़र डिमिट्रिस काटिस के साथ उन्होंने कई अलबम पर काम किया. पॉल एंड लारा नाम से आई म्यूज़िकल बुक में लारा की भूमिका में गीत भी गाए.

धमाल तब हुआ जब नादी ने ग्रीक स्टार मिसाइलिस रकिंट्ज़ी के साथ एलबम ‘बैक टु द फ़्युचर’ बनाया. इसमें हिंदी में लिखे अपने गीतों को उन्होंने स्वर दिए. इसके दो गीत उन पर फ़िल्माए भी गए हैं. ख़ुद को साबित करने की ज़िद उन्हें टीवी के पर्दे पर खींच लाई. टीवी प्रोग्राम ‘हियर इज़ योर चांस’ और ‘पॉप स्टार्स’ में वह सराही गईं और फ़ाइनल तक का सफ़र किया. फ़िलहाल टीवी शो में शिरकत के चलते ग्रीस के संगीत प्रेमियों के बीच वह चहेता चेहरा बन गई हैं. ग्रीस में लोकप्रिय बैंड ‘2002 जी आर’ के मुख्य संगीतकार और प्रोड्यूसर मैकिस सेलेन्टिस के ज़िक्र बिना बात अधूरी रहेगी. बेहतरीन हैमंड वादक मैकिस ही वह शख़्स हैं जो प्रोड्यूसर के रूप में नादी की हर सफलता के लिए ज़मीन तैयार करते आए हैं.

नादी ने अपने गीतों को कई बार हिंदी का मुखड़ा देकर उसे ग्रीक में विस्तार दिया तो कई गीतों को पूरी तरह हिंदी में ही लिखा. ‘मैं तेरी हो गई तू मेरा रे…'(यू आर मॉय फ़ुल मून) में ग्रीक का सहारा लिया तो ‘वो कहते हैं हम हैं तुम्हारे…'(लव इज़ एन एक्शन) में भाव समझाने के लिए अंग्रेज़ी को ज़रिया बनाया. भाषाओं के फ्यूजन से गीत रचने का ख़ास अंदाज़ नादी की पहचान बन गई. गायकी का अंदाज़ तो वही है, जो उन्होंने ख़ुद से सीखा. इसमें कहीं भारतीय संगीत से लिया गया आलाप है तो कहीं सुगम संगीत की धुनें. उनके इस अंदाज़ का जादू उनके सुनने वालों पर ख़ूब चलता है. जब उन्होंने लाइव प्रोग्राम में ‘भारत माता की जय’ गाया तो भीड़ भी उनके स्वर में अपना स्वर मिला देती है. कहती हैं कि इस तरह वह ग्रीस में हिंदी गीतों की जड़ें रोपने की कोशिश कर रही हैं. ग्रीस में भारतीय फ़िल्में काफी लोकप्रिय रही हैं. इसका फ़ायदा ज़रूर नादी की गायकी को मिलता है.

एक लाइव परफ़ार्मर के लिए नृत्य में पारंगत होना ज़रूरी-सा तत्व है. इस रूप में भी उनके प्रशंसकों का अपना वर्ग बन गया है. उन्हें बड़े कलाकारों के साथ भी मंच साझा करने का मौका मिला. इनमें ग्रीक संगीत जगत के स्टार जार्ज लेम्पेसिस, सोफिया वोस्यु, जार्ज मैजोनाकिस जैसे नाम शामिल हैं. स्कोपिया के इंटरनेशनल फ़ेस्टिवल में ग्रीस का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने बेस्ट परफ़ॉर्मिंग आर्टिस्ट और प्रेज़ेंटेशन ऑफ़ सॉंग जैसे बड़े सम्मान हासिल किए. सॉंग फ़ेस्टिवल ऑफ़ अलेक्ज़ेंड्रिया में नादी ने पहली बार ही हिस्सा लिया तो 25 देशों के प्रतिभागियों के बीच वह तीसरे स्थान पर रहीं.

अगले साल अपने लिखे गीतों के लिए वह’प्रेस प्राइज़’ से नवाज़ी गईं. हालांकि भारतीय मूल की नादी ने पहले भी टीवी शो और दूसरे कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर अभिनय में भी अपनी प्रतिभा दिखाई थी लेकिन बीते साल टीवी शो ‘वॉयस ऑफ़ ग्रीस’ में भागीदारी ने उन्हें ख़ासी मक़बूलियत दी, जिसमें वह फ़ाइनल तक पहुंची.

‘संवाद न्यूज़’ से फ़ोन पर हुई बातचीत में नादी राज ने बताया कि उनकी कोशिश ग्रीस में ऐसा संगीत घराना बनाने की है, जिसकी गायकी में भारत और हिंदी की ख़ुशबू बसी हो. हिंदी रॉक गीतों और जैज़ म्यूज़िक का फ़्यूजन इसी दिशा में किया जा रहा प्रयोग है. ग्रीस ही नहीं, पूरी दुनिया में उनका श्रोता वर्ग तैयार हो और हिंदी गीतों के ज़रिए वह भारतीय संगीत (सुगम) का तिरंगा लहराएं, ऐसा उनका संकल्प है. उनका अपना ‘नादी राज एंड हिंदीगो बैंड’ ऐसी नाव है जो उन्हें भविष्य के उस तट तक ले जाने का साधन होगा, जो अभी उनके सपनों में नक्श है.

सम्बंधित

जन्मदिन | मनोरंजन नहीं, संगीत ख़ुद की तलाश का सफ़र है


अपनी राय हमें  इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.