सीएसई की रिपोर्ट | शहद में बड़े पैमाने पर चीनी की मिलावट

  • 7:23 pm
  • 2 December 2020

सीएसई की पड़ताल में तेरह बड़े ब्राँड के शहद के नमूनों में भारी मिलावट की पुष्टि हुई है. जर्मनी की लैब ने इन नमूनों की जाँच रिपोर्ट में शुगर सिरप की मिलावट पाई है. मिलावटी शहद का यह कारोबार उपभोक्ताओं की सेहत के लिए ख़ासा ख़तरनाक है.

सेंटर फ़ॉर साइंस एण्ड एनवायरमेंट (सीएसई) की पड़ताल में शहद में भारी मिलावट के करोबार की पुष्टि हुई है. देश भर में प्रचलित शहद के तेरह बड़े ब्रांड के नमूने इस जाँच में फेल हो गए हैं. जाँच से पता चला कि शहद में ख़ास तौर पर बने शुगर सिरप की मिलावट की जाती है.’ऑल पास सिरप’ के गुप्त नाम वाला यह सिरप बनाने वालों का दावा है कि इसकी 50-80 प्रतिशत तक मिलावट के बाद भी शहद परीक्षण के सभी मानकों पर खरा उतरेगा.

‘डाउन टू अर्थ’ में छपी सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने भारत को फ्रुक्टोज़ सिरप निर्यात करने वाली चीन की कंपनियों से ईमेल के ज़रिए संपर्क किया और ऐसा सिरप मांगा, जो भारत में परीक्षण के सभी मानकों पर खरा उतरे. जवाब में बताया गया कि सिरप उपलब्ध है और भारत में भेजा जा सकता है. चीन की कंपनी ने कस्टम की मुश्किलों से बचने के लिए ‘ऑल पास सिरप’ हांगकांग के रास्ते भारत भेजा और यह पेंट पिंगमेट के तौर पर भेजा गया.

सीएसई की टीम ने मिलावटी शहद में चीनी की मौजूदगी को छिपा सकने वाले उस रंगहीन तरल को कच्चे शहद में मिलाकर जाँच के लिए लैब को भेजा तो परीक्षण में वह पास हो गया. इस जानलेवा कारोबार की पुष्टि के बाद तेरह प्रमुख ब्रांड के शहद के नमूनों की एनएमआर तकनीक से जाँच में ज्यादातर नमूने फेल हो गए. जाँच के लिए जर्मनी भेजे गए इन नमूनों के बारे में प्रयोगशाला की रिपोर्ट बताती है कि इनमें शुगर सिरप की मिलावट पाई गई.

शहद की खपत बढ़ने के बावजूद मौन पालकों की घाटे की शिकायत और उनको मिलने वाले शहद के दामों में कमी की वजहों की पाँच साल पहले शुरू हुई पड़ताल के नतीजे ख़ासे विस्फोटक निकले हैं. मधुमक्खी पालकों का अंदाज़ था कि “शहद में शुगर सिरप (चीनी) मिलाया जा रहा है. चावल और दूसरे अनाज से बना यह सिरप प्रयोगशाला की किसी जांच में पास हो सकता है. कंपनियां थोड़े से शहद में शुगर सिरप मिलाकर मोटा मुनाफ़ा कमा रही हैं.”

उन लोगों ने सीएसई टीम को बताया कि सुनने में आया है कि चीन की कंपनियों ने सिरप बनाने की इस तकनीक की फैक्ट्रियाँ भारत में लगाई हैं. सहारनपुर के एक बड़े व्यापारी ने टीम को बताया कि उसने सुना है कि चीन की कंपनियों ने उत्तराखंड के जसपुर, बिजनौर (उत्तर प्रदेश) के धामपुर और पंजाब के बटाला में इस तकनीक की फैक्ट्रियाँ लगाई हैं.

सीएसई की टीम ने जसपुर में ऐसी एक फ़ैक्ट्री खोज निकाली और 22 अक्टूबर को वहाँ गई भी. फ़ैक्ट्री के मालिक ने उस जादुई सिरप के कुछ नमूने मुफ़्त में दिए, साथ ही कहा कि जब आगे यह सिरप खरीदेंगे तो इसकी बिलिंग ‘शहद’ के रूप में होगी.

शहद दुनिया का ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है. जाँच-परीक्षण को धता बताते हुए मिलावट का कारोबार लगातार विकसित होता रहा है. मिलावटी शहद खाने का सीधा मतलब है – शहद के प्रकृतिक गुणों से लाभ से वंचित होना, साथ ही शुगर की मिलावट सेहत के लिए साफ़ तौर पर बड़ा ख़तरा है.


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