हरिद्वार कुम्भ इस बार कुल 48 दिनों का

  • 7:48 pm
  • 29 December 2020

हरिद्वार में इस सदी का दूसरा कुम्भ साल भर पहले ही पड़ रहा है. ग्रहों की चाल के चलते 12 साल के बाद तय कुम्भ इस बार 11वें वर्ष में ही होगा. इस बार कुम्भ मेले की अवधि 120 दिनों से घटाकर कुल 48 दिनों की कर दी गई है. यहाँ पिछला कुम्भ मेला 2010 में हुआ था.

सन्तों के मुताबिक हरिद्वार कुम्भ का आयोजन बृहस्पति के कुम्भ राशि और सूर्य के मेष राशि में आने पर होता है. सूर्य प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को मेष राशि में आते हैं, जबकि बृहस्पति हर बारह साल बाद कुम्भ राशि में आते हैं. इस बार 11वें वर्ष में ही अगले 5 अप्रैल को आ रहे हैं. कुम्भ के मुख्य स्नान 14 अप्रैल को बना योग एक महीने तक बना रहेगा.

चार शाही स्नान, पहला शिवरात्रि को
बृहस्पति और सूर्य के संयोग से बने कुम्भ के मौक़े पर कुल चार शाही स्नान होंगे. इनमें 13 अखाड़े स्नान के लिए हर की पैड़ी जाएंगे. पहला शाही स्नान 11 मार्च को यानी शिवरात्रि को होगा, दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के दिन और तीसरा मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल यानी मेष संक्रांति के रोज़ होगा. इन तीनों तिथियों पर सभी तेरह अखाड़े स्नान के लिए निकलते हैं. जबकि चौथा शाही स्नान बैसाख पूर्णिमा के दिन 27 अप्रैल को पड़ेगा, लेकिन उस दिन केवल बैरागियों की तीन आणियाँ स्नान करेंगी. संन्यासी अखाड़े इस स्नान में शरीक नहीं होते.

शाही स्नान के लिए हैं पूरी तैयारियां
मेला अधिकारी दीपक रावत ने बताया कि 2021 में महाकुंभ के पर्व स्नानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेगी. मकर संक्रांति से पर्व स्नान शुरू होंगे. शाही स्नान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. आईजी (मेला) संजय गुंज्याल के मुताबिक कुम्भ के लिहाज से एक जनवरी को अर्द्ध सैनिक बलों की पांच कम्पनियां हरिद्वार पहुंच जाएगी.


अपनी राय हमें  इस लिंक या feedback@samvadnews.in पर भेज सकते हैं.
न्यूज़लेटर के लिए सब्सक्राइब करें.