नाट्य उत्सव | दूसरे दिन सूरजमुखी और हैमलेट

  • 10:47 am
  • 20 November 2021

प्रयागराज | छठवें त्रिधारा नाट्य महोत्सव की दूसरी शाम बरेली के रंग विनायक रंगमंडल ने हास्य नाटक ‘सूरजमुखी और हैमलेट’ का मंचन किया. फ़्रांसीसी नाटककार जीन अनुई के ‘एपिसोड इन द लाइफ़ ऑफ़ ऑथर’ पर आधारित इस नाटक का हिंदी रूपांतरण नाटककार रंजीत कपूर ने किया है.

ज़िंदगी की उलझनों और उन्हें सुलझाने की नाकाम कोशिशों के चक्रव्यूह में फंसा इंसान कितना हास्यास्पद बन चुका है, यह नाटक इसी सच्चाई को उभरता है. मंच पर लगातार नए किरदारों की आमद उसकी उलझनों को और बढ़ाती चली जाती हैं. हर किरदार, हर सवाल और हर उलझन दर्शकों के लिए हंसने-खिलखिलाने का मौक़ा लेकर आती है.

लेखक राजू की उलझन और दर्शकों के ठहाकों के बीच सूर्यमुखी और हैमलेट संदेश देता है कि इंसान हर लम्हा किसी न किसी नई उलझन में फंसता जा रहा है और उसकी ज़िंदगी एक मज़ाक बनकर रह गई है.

नाटक में लेखक राजू (राजू चौहान), लेखक की पत्नी माया (शिविका पाठक), पत्रकार नफ़ीसा रहमान (समयुन ख़ान), कैमरामैन (राहुल आर्यन), चित्तू चोपड़ा (पंकज कुमार मौर्य), फ़ोन वाली औरत (एश्वर्यिका गुप्ता), लेखक की मां (माधुरी कश्यप), इंस्पेक्टर (राजीव), शिशु (अभिषेक), प्लंबर (शोभित, हिमांशु), नौकरानी (मेघा सक्सेना) के चरित्रों ने दर्शकों का ख़ूब मनोरंजन किया.

प्रकाश योजना नईम ख़ान और संगीत रूपेश पटेल का था. निर्देशक दानिश खान थे. कार्यक्रम का संचालन अंजल सिंह ने किया.

21 नवंबर की शाम को रंगभूमि, दिल्ली के कलाकार ‘उड़ते पक्षी’ की प्रस्तुति देंगे.

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