नज़ीर बन गया एमबीए वाले का फ़ूड जंक्शन

मुरादाबाद । ‘एमबीए वाले का फ़ूड जंक्शन’ चलाकर अभिषेक सिंह ने यह नज़ीर बनाई है कि काम कोई भी हो – छोटा या बड़ा नहीं होता. और यह भी कि बेरोज़गार बने रहने से अच्छा है कि कुछ न कुछ किया जाए.

बुद्धि विहार के अभिषेक को एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी मिल गई थी. मगर वक़्त का फेर कि पहले ख़ुद की बीमारी और फिर लॉकडाउन के चलते वह बेरोज़गार हो गए. पिता के नहीं रहने की वजह से उन पर घर की ज़िम्मेदारियां भी आ गई थीं. ऐसे में कोई नौकरी तलाशते के बजाय उन्होंने अपने घर के बाहर ही चाय की दुकान खोलने की सोची. उनके इस फ़ैसले का लोगों ने मज़ाक उड़ाया, ताने भी मारे मगर अभिषेक ने इन सब की परवाह नहीं की.

उनकी चाय की दुकान चल निकली तो उन्होंने अपने कारोबार के विस्तार की ज़रूरत लगी – फ़ूड जंक्शन इसी का नतीजा है. इसके नाम में एमबीए उन्होंने जानबूझकर शामिल किया. बकौल अभिषेक, सन् 2013 में एमबीए पूरा करने के बाद उन्हें बैंक में नौकरी मिल गई. मगर सन् 2015 में पिता गुज़र जाने और घर की ज़िम्मेदारियाँ सिर पर आ पड़ने के बाद उन्होंने मुरादाबाद की ही एक कंपनी में नौकरी कर ली.

फिर वह ख़ुद बीमार हो गए, और इतने बीमार कि क़रीब दो महीने अस्पताल में रहना पड़ा. बीमारी से उबरने में उन्हें दो साल लग गए. पिछले साल एक एनजीओ में काम शुरू किया मगर दो महीने बाद ही देश भर में लॉकडाउन लग गया. एनजीओ का काम भी छूट गया. चाय की दुकान शुरू करने का फ़ैसला उन्होंने इसके बाद ही किया.

अभिषेक ने बताया कि कुछ परिचितों ने उनके इस फ़ैसले का मज़ाक उड़ाया. उनका स्टॉल बढ़िया चल रहा है. उन्हें दो लोगों को रोज़गार दे सकने का बोध भी भला लगता है.


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