18 साल बाद राष्ट्रपति सैलून में सफ़र करेंगे

कानपुर | राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को घर आ रहे हैं. उनकी अगवानी के लिए झींझक के रेलवे स्टेशन पर भी ख़ास तैयारियां की जा रही हैं. ख़ास रेलगाड़ी से आ रहे राष्ट्रपति झींझक स्टेशन पर रुककर 38 लोगों से मुलाक़ात करेंगे. झींझक कस्बे के ओम नगर मोहल्ले में रहने वाले उनके परिवार के लोग रहते हैं.

राष्ट्रपति 25 जून की दोपहर को डेढ़ बजे दिल्ली से कानपुर के लिए चलेंगे. उनकी ट्रेन शाम सात बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचेेगी. 26 जून को वह कानपुर में ही रहेंगे. 27 जून को सुबह हेलीकॉप्टर से वह कानपुर देहात में अपने पैतृक गाँव परौंख जाएंगे. गांव में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने के बाद दोपहर को वह पुखरायां में अपने विद्यार्थी जीवन के सहपाठी सतीश मिश्र के घर भी जाएंगे.

राष्ट्रपति की ख़ास ट्रेन यानी प्रेसिडेंशियल सैलून को अलग-अलग राष्ट्रपति अब तक 87 बार इस्तेमाल कर चुके हैं. इस बार 18 साल बाद ऐसा मौक़ा होगा, जब राष्ट्रपति अपने ख़ास सैलून में सफ़र करेंगे. पिछली बार राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रेसिडेंशियल ट्रेन से सफ़र किया था.

◆ कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर प्रेसिडेंशियल ट्रेन आने का यह पहला मौक़ा होगा. तीन दिन सैलून सेंट्रल स्टेशन पर खड़ा रहेगा. यहां राष्ट्रपति की सुरक्षा टीम पर इसकी हिफ़ाज़त का ज़िम्मा होगा.
◆ प्रेसिडेंशियल सैलून बुलेटप्रूफ़ है. यह जीपीआरएस, पब्लिक एड्रेसल सिस्टम के साथ ही सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें डाइनिंग रूम, विज़िटिंग रूम, लाउंज और कॉन्फ़्रेंस रूम भी हैं.
◆ पहली बार राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने प्रेसिडेंशियल सैलून में सफ़र किया. डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ.ज़ाकिर हुसैन, वी.वी.गिरी और डॉ.नीलम संजीव रेड्डी ने भी यात्रा की. 30 मई 2003 को डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम इस सैलून से पटना गए थे.

पिछली बार डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने 2003 में ट्रेन से सफ़र किया था.

दिल्ली से अलीगढ़ तक रिहर्सल
इतवार को दिल्ली के सफ़दरजंग रेलवे स्टेशन से अलीगढ़ तक प्रेसिडेंशियल सैलून चलाकर रिहर्सल किया गया. ट्रेन 1.50 घंटे में अलीगढ़ पहुंच गई. इस ट्रेन में आईआरसीटीसी की महाराजा स्पेशल ट्रेन के वीवीआईपी कोच लगाए गए हैं, इसलिए रिर्हसल में इसका नाम ‘महाराजा स्पेशल’ रखा गया. सफ़दरजंग से प्रेसिडेंशियल स्पेशल यानी महाराजा स्पेशल का ट्रायल रन 11:50 बजे शुरू हुआ. यह ट्रेन दोपहर 01:50 बजे अलीगढ़ के प्लेटफार्म छह पर पहुंची. इस रूट के सभी स्टेशनों को अलर्ट रखा गया और ट्रेन की स्पीड, ट्रैक, साफ़-सफ़ाई और सुरक्षा के मानकों को कसौटी पर परखा गया. मॉकड्रिल के बाद ट्रेन 2:25 बजे दिल्ली लौट गई.

कवर | देश के पहले राष्ट्रपति का प्रेसिडेंशियल सैलून का सफ़र.


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