लखनऊ में चार दिवसीय कला मेला शुरू

लखनऊ | कला एवं शिल्प महाविद्यालय के 113वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘कला मेला’ आज से शुरू हो गया. चार दिनों तक चलने वाला यह मेला विद्यार्थियों की रचनात्मकता की अभिव्यक्ति के साथ ही आम दर्शकों को कला की विविध विधाओं से परिचित भी कराता है. यह मेला आठ मार्च तक चलेगा.

बुधवार को इस कला मेले का उद्घाटन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य व ख्यात प्रिंट मेकर प्रो. जयकृष्ण अग्रवाल ने किया गया. इस मेले की ख़ास ख़ूबियों में अलग-अलग विभागों के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स आर्ट एग्ज़ीबिशन, वीडियो इंस्टालेशन और कला पत्रिका “कला संवाद” का विमोचन शामिल है. कार्यक्रम की शुरुआत में कॉलेज के प्राचार्य रतन कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रो. अग्रवाल ने कॉलेज कैंपस में बिताए हुए अपने छात्र जीवन को याद किया. उन्होंने कहा कि कला को बाज़ार से प्रभावित नहीं होना चाहिए बल्कि कलाकार को चाहिए कि वे बाज़ार को प्रभावित कर सकें.

इस प्रदर्शनी में कलाकारों, महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के आठ प्रमुख दृश्य कला संस्थानों की भागीदारी रही, जिसमें शकुंतला मिश्रा, गोयल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स, टेक्नो ग्रुप ऑफ़ हायर स्टडीज, एसकेडी, रॉयल प्रूडेंट, भीमराव आंबेडकर संस्थान आदि शामिल हैं.

इस आयोजन में राज्य और केंद्रीय ललित कला अकादमी भी अपने प्रकाशनों के साथ कुछ कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रही हैं. देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकार और मेहमान भी इसमें शामिल हो रहे हैं.

पूर्व प्राचार्य सुधीर रंजन खास्तगीर की पहल पर 1956 में कॉलेज कैंपस में पहली बार कला मेला शुरू हुआ था. 1911 में स्थापित कला एवं शिल्प महाविद्यालय, देश के सबसे प्रतिष्ठित कला संस्थानों में से एक रहा है. यह प्रदेश का पहला कला महाविद्यालय है, जहाँ पढ़ते हुए कई दिग्गज कलाकारों ने कला प्रशिक्षण के साथ ही नया नज़रिया भी हासिल किया. इस महाविद्यालय से जुड़े प्रमुख नामों में असित कुमार हलदार, बिरेश्वर सेन, हिरण्यमय रॉय चौधरी, सुधीर रंजन खास्तगीर, एम.एल. नागर, आर.एस.बिष्ट, ए.एस.पंवार, मोहम्मद हनीफ जैसे कई प्रतिष्ठित कलाकार शामिल हैं.

वर्तमान में इस महाविद्यालय में पढ़ने वाले श्रीलंका, मॉरीशस, बांगलादेश व दूसरे देशों के विद्यार्थियों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है. उद्घाटन समारोह में फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की डायरेक्टर नेहा सिंह, पीपी सिंह, सीताराम कश्यप सहित शहर की अन्य प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और विद्यार्थियों की उत्कृष्ट कलाकृतियों की सराहना की.

कला मेले की अगली कड़ी में आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी “कला मंथन” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विमर्श का विषय होगा – “परंपरागत विधा से भिन्न: भविष्य की नवीन कला शैली”. इस संगोष्ठी में देश भर के कलाकार, कला इतिहासकार, विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.

कला महाविद्यालय के डीन डॉ. रतन कुमार, आलोक कुमार, रविकांत पांडेय,विभावरी सिंह, अतुल हुंडू, सपना बाजपेई, गीतिका शुक्ला, सुगंधा माहेश्वरी, अजय कुमार, संजय कुमार सहित शिक्षकों और विद्यार्थियों की शिरकत वाला यह मेला कला जगत की नई संभावनाओं और विचारों को समझने का बढ़िया मौक़ा है.
(विज्ञप्ति)


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