जब जावेद हबीब ने फ़ुटपाथ पर बाल काटे

  • 12:19 am
  • 19 February 2021

कानपुर | शहर के फुटपाथ पर लोगों ने आज बाल काटते हुए इस शख़्स को देखा तो एकबारगी उनको यक़ीन ही नहीं हुआ. मगर सच है कि कैंची और कंघी जावेद हबीब के ही हाथ में थी. और जावेद जिसके बाल काट रहे थे, वह दरअसल फुटपाथ पर चलने वाले उस सैलून का मालिक मोनू था.

हुआ यह कि बुधवार की शाम उस रास्ते से गुज़रते हुए जावेद हबीब की निगाह मोनू के ठिकाने पर पड़ी तो उन्होंने सोचा कि क्यों न उसका हुनर और क़ाबिलियत देखी जाए. आज सवेरे 11 बजे के क़रीब वह मोनू के पास पहुंच गए. तमाम बड़े सैलून के बोर्ड पर मोनू ने उनकी तस्वीरें देख रखी हैं तो झट से पहचान गया.

ख़ुशी से विह्वल मोनू ने तो लपककर उनके पैर छू लिए. मुश्किल से जो कह सका वह इतना ही कि कभी सोचा भी नहीं था कि आपसे मिल पाऊंगा. जावेद ने मोनू को उठाकर उससे बाल कटाने की ख़्वाहिश जताई. मोनू ने जब उनके बाल काट दिए तो उन्होंने उसे कुर्सी पर बैठा दिया और उसके बाल काटे.

रायबरेली के छज्जूपुर गांव के मोनू सविता बचपन में पोलियो की वजह से अपंग हो गए थे. सन् 2008 से वह अपने गांव में बाल काटने का काम करते रहे. पिछले साल दिसंबर में अपने जीजा के साथ कानपुर आ गए. जीजा ने ही लकड़ी की कुर्सी-मेज़ और बाल काटने का सामान जुटाकर दिया.

बक़ौल जावेद हबीब, हम लोगों को बाल काटते वक़्त ख़ुद इधर-उधर घूमना पड़ता है लेकिन मोनू के इशारे पर कुर्सी पर बैठाकर शख़्स घूमता है. उन्होंने कहा कि मोनू के हुनर के साथ-साथ ख़ुदमुख़्तारी के जज़्बे से वह बहुत प्रभावित हुए हैं. उन्होंने मोनू को एक किट तोहफ़े में दी और वायदा किया कि आर्थिक तौर पर भी मदद करेंगे.


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