कोरोना से जान गंवाने वाले एसीपी के घर वालों का सामाजिक बहिष्कार

  • 1:37 pm
  • 21 April 2020

कोरोना के संक्रमण काल ने इंसानी क़िरदार की तमाम ऐसी कहानियां भी लिखी हैं, आगे जिन्हें याद करके शर्म से सिर झुकाने के सिवाय कोई रास्ता न होगा. इंसानियत को शर्मसार करता हाल का वाक़या लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली के घर वालों के साथ समाजी रवैये का है. कोरोना के संक्रमण से जूझते हुए अनिल कोहली की 18 अप्रैल को मृत्यु हो जाने के बाद पंजाब सरकार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिया है. लेकिन उनके घर-परिवार वालों को समाज का कोप झेलना पड़ रहा है. उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है.

कोहली की अंत्येष्टि के बाद उनका भांजा लुधियाना के  हैबोवाल इलाके में जब अपने घर लौटा तो लोगों ने उन्हें गली में घुसने से रोक दिया. विरोध कर रहे लोगों को हटाने के लिए पुलिस को दख़ल देना पड़ा, तब वह अपने घर पहुंच सका. उनका कहना है, “अफ़सोस-हमदर्दी जताने के बजाय लोग हमें ‘कारोना वाले’ कहकर चिढ़ा रहे हैं और बहिष्कृत कर रहे हैं. हमारे घर की फ़ोटो खींचकर सोशल मीडिया पर नफ़रत फैलाने के इरादे से डाली जा रही है. सोमवार को सफ़ाई वाले ने यह कहकर कूड़ा उठाने से इन्कार कर दिया कि अफ़सरों ने हमारे घर के आगे सफ़ाई करने और कूड़ा उठाने से मना किया है. मैंने पार्षद ऋचा अग्रवाल को संदेश भेजे तो उन्होंने मुझे ब्लॉक कर दिया. कोरोना से लड़ते हुए शहीद होने वाले अफ़सर का रिश्तेदार होना क्या गुनाह हो गया?”  वह कहते हैं कि ख़ुद ही सोचिए, हमारे साथ ऐसा सुलूक हो रहा है तो बाक़ी पीड़ितों के साथ क्या हो रहा होगा? लोगों के इस रवैये से  मरहूम कोहली की बहन इतनी दुखी हैं कि अवसादग्रस्त हो गई हैं. वह बार-बार कहती हैं कि “हमें ‘कोरोना फेमिली’ कहकर दुत्कारा जा रहा है. मेरे भाई की शहादत का यह सिला मिल रहा है! और इस तरह के बर्ताव के ख़िलाफ़ हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब तुरंत घर छोड़कर कहीं और जा भी तो नहीं सकते.”

हालांकि लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल कहते हैं कि “यह बेहद चिंताजनक है. एसीपी अनिल कोहली ने समाज के लिए अपनी जान कुर्बान की है. एसीपी के भांजे और बहन की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है. मैं पुलिस ऑफिसर की ड्यूटी लगा रहा हूं ताकि उनके परिवार वालों को कोई दिक्क़त न होने पाए. उनके साथ ख़राब सलूक करने वालों से सख़्ती से निपटा जाएगा.” शहर के मेयर बलकार सिंह सिद्धू एसीपी कोहली की बहन के घर के आगे सफाई न होने और कूड़ा उठाने से इन्कार को गंभीर मामला मानते हैं. उन्होंने कहा कि दोषी सफाई कर्मचारी का पता लगाकर उसके खिलाफ़ कार्रवाई होगी.

यह सिर्फ़ एक वाक़या है मगर पंजाब में कई जगहों पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों और उनके परिवार वालों के साथ ख़राब सुलूक किए जाने की ख़बरें है. कई गांवों में उनका सोशल बायकाट किया जा रहा है. अपने ही रिश्तेदार बेगानों की तरह पेश आते हैं. दो मामले ऐसे भी आए हैं, जब खून के रिश्त वालों ने भी संक्रमण से मौत के बाद उन्हें लावारिस छोड़ दिया. ऐसे ही दो और मामले में लोगों ने श्मशान घाट में संस्कार ही नहीं होने दिया. सिख कौम की शान कहे जाने वाले हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह की देह को श्मशान घाट में जगह नसीब नहीं हुई.

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