बिहार में रेल हादसे की वजह पटरियों की गड़बड़ी

  • 10:04 pm
  • 12 October 2023

बक्सर ज़िले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के क़रीब बुधवार की रात दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की संभावित वजह पटरियों में ख़राबी थी. सूत्रों के हवाले से ‘द टेलीग्राफ़’ ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि लोको पायलट ने जांच अधिकारियों के दिए बयान में कहा है कि ट्रेन 128 किलोमीटर की रफ़्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, मगर स्टेशन खंड पार करने के तुरंत बाद ट्रेन का पिछला हिस्सा तेज़ी से डगमगाया और भारी झटका लगा. जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 59बी के गेटमैन का बयान भी शामिल जिसके मुताबिक ट्रेन नंबर 12506 जब गेट से गुज़री तो 8-10 कोच गुज़र जाने के बाद उसने भारी शोर के साथ ही पटरियों से चिंगारियाँ छूटते हुए देखी थीं.
कल रात हुए हादसे में नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के सभी 22 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए, दो डिब्बे पूरी तरह उलट गए और दो पलट गए थे, जिससे कम से कम चार मुसाफ़िरों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए.

जस्टिस रितु बाहरी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की नई मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस रितु बाहरी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त की गई हैं. उनकी नियुक्ति की अधिसूचना केंद्र सरकार ने जारी की है. ‘दैनिक भास्कर’ में ख़बर है कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि शंकर झा शुक्रवार को सेवानिवृत हो रहे हैं. इसके बाद शनिवार को वह कार्यभार संभालेंगी. चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से क़ानून की पढ़ाई करके 1986 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार काउंसिल में पहली बार रजिस्टर हुई थीं. रितु बाहरी के पिता जस्टिस अमृत लाल बाहरी 1994 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से मुख्य न्यायधीश के रूप में रिटायर हुए थे.

इस्राइल के ख़िलाफ़ आतंकी संगठनों का एका
चेचन्या ने अब हमास की ओर से इस्राइल के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने का एलान किया है. चेचन्या के नेता रमजान अखमदोविच कादीरव्य उर्फ ल्युल्या ने पश्चिमी देशों के ख़िलाफ़ बड़ी योजना बनाई है. ‘अमर उजाला’ के मुताबिक, चेचन्या की ओर से सीरिया के युद्ध में मुस्लिम विद्रोही और मुस्लिम संगठनों की ओर से लड़ाई में शिरकत करने वालों को इस्राइल के विरोध में खड़े होने के लिए कहा गया है. उन सभी आतंकवादी संगठनों को निर्देश दिया है, जो लगातार अपने-अपने इलाक़ों में अस्थिरता का माहौल पैदा करते हैं. इनमें तालिबान, हिज्बुल्लाह, आईएसआईएस, तहरीक़-ए-तालिबान, बोको हरम, अल नुस्रा फ्रंट, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी, आरएएफ़ कोलंबिया जैसे संगठन शामिल हैं.

एसडीएम का इस्तीफ़ा नामंज़ूर
मध्यप्रदेश सरकार पर छतरपुर की एसडीएम निशा बांगरे का इस्तीफ़ा मंज़ूर नहीं करके उनके ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई शुरू करा देने से सवालिया निशान लग रहे हैं. दरअसल, निशा ने अपने नए घर में गृहप्रवेश के मौके पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में शामिल होने की अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली. इसके बाद वह अपने पद से इस्तीफ़ा देकर इसमें शामिल हुईं. 32 साल की बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफ़ा नामंज़ूर कर दिया है.
सात अगस्त को उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल की तो सरकार ने कहा कि वह प्रार्थना सभा में शामिल होने पर उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई करा रही है. इस्तीफ़ा मंजूर न होने से अमला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का उनका मंसूबा पूरा होता नहीं दिख रहा. अपना इस्तीफ़ा मंजूर करने की मांग के साथ वह बैतूल से पैदल मार्च करते हुए भोपाल में मुख्यमंत्री आवास तक गईं, जहां उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया. अगले दिन वह जमानत पर रिहा हुईं. अनुसूचित जाति की निशा ने ‘द हिंदू’ से कहा कि अगर मैं भाजपा से टिकट मांग रही होती तो मेरा इस्तीफ़ा फ़ौरन स्वीकार हो जाता. दिलचस्प यह है कि भिंड से चुनाव लड़ने जा रहे शहडोल डिविज़न के कमिश्नर रहे आईएएस राजीव शर्मा का इस्तीफ़ा सरकार ने मंज़ूर कर लिया है. अभी यह साफ़ तो नहीं है, मगर उन्हें भाजपा से टिकट मिलने के आसार हैं.

भारी तबाही के बाद भी ग्रीन बेल्ट में निर्माण से रोक हटाई

हिमाचल प्रदेश सरकार का वह फ़ैसला गंभीर आलोचना का केंद्र बना हुआ है, जिसमें सरकार ने शिमला की उस ग्रीन बेल्ट में घर बनाने की इज़ाज़त दे दी, जिस पर दिसंबर 2000 से रोक लगी हुई थी. 414.36 हेक्टेयर में फैला यह इलाक़ा देवदार से आच्छादित है. इन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए निर्माण पर प्रतिबंध लगाया गया था. पिछले दो-तीन महीनों में बारिश से हुई भारी तबाही झेलने वाली सूबे की राजधानी में तमाम इमारतों के साथ इस ग्रीन बेल्ट में देवदार के कम से कम हज़ार पेड़ भी गिरे थे. ‘द ट्रिब्यन’ ने लिखा है कि पर्यावरण से सरोकार रखने वालों को हैरानी इसलिए भी है कि ये प्रमुख इलाक़े पहले ही घनी आबादी की समस्या से जूझ रहे हैं. नए निर्माणों से इनमें इज़ाफ़ा ही होना है.

उत्तराखंड की घर में ‘मिनी बार’ योजना रद्द

उत्तराखंड सरकार ने आबकारी नियमों में संशोधन के ज़रिए व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए ‘मिनी बार’ का लाइसेंस देने की योजना को फ़िलहाल रद्द कर दिया है. इस योजना के आलोचकों ने इसे ‘देवभूमि के घरों में बार को सरकारी प्रोत्साहन’ कहना शुरू कर दिया. ऐसी आलोचनाओं के बाद आबकारी आयुक्त ने योजना स्थगित किए जाने का आदेश कर दिया. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने बताया है कि उत्तराखंड सरकार ने 12000 रुपये सालाना फ़ीस पर निजी इस्तेमाल के लिए घर में ‘मिनी बार’ खोलने की योजना का प्रस्ताव दिया था. लाइसेंस होल्डर को बार में भारत में बनी 9 लीटर अंग्रेज़ी शराब, 18 लीटर विदेशी शराब, नौ लीटर वाइन और 15.6 लीटर बीयर रखने की इज़ाज़त दी गई थी. भले सरकार ने इस आदेश पर रोक लगा दी है लेकिन आबकारी नीतियों से जुड़े अफसरों का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ऐसी ही योजना अमल में है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/ सुमित चौधरी


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