फ़िलिस्तीनी लेखक अदानिया शिबली का पुरस्कार समारोह रद्द

  • 11:11 pm
  • 19 October 2023

इस्राइल पर हमास के हमलों के मद्देनजर फ़िलिस्तीनी लेखक अदानिया शिबली के लिए फ्रैंकफ़र्ट पुस्तक मेले में प्रस्तावित पुरस्कार समारोह रद्द कर दिया गया है. शिबली को उनके उपन्यास ‘माइनर डिटेल’ पर 2023 के लिबरेटुप्रिज़ पुरस्कार के लिए चुना गया था. 20 अक्टूबर को एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना था.

यह उपन्यास 1949 में इस्राइली सेना द्वारा एक बेडौइन युवती के बलात्कार और हत्या की सच्ची कहानी को दशकों बाद फ़िलिस्तीनी शहर रामल्ला में एक खोजी महिला पत्रकार की काल्पनिक कहानी के साथ जोड़ता है.
गैर-लाभकारी संगठन लिटप्रोम की ओर से यह पुरस्कार दिया जाता है, जो जर्मन सरकार द्वारा आंशिक रूप से और फ्रैंकफ़र्ट पुस्तक मेला से वित्त पोषित है. पुरस्कार का उद्देश्य अफ्रीकी, एशियाई, अरब और लैटिन अमेरिकी देशों की महिलाओं के साहित्य को बढ़ावा देना है.
अदानिया शिबली की इस किताब को अमेरिका में नेशनल बुक अवार्ड्स और इंटरनेशनल बुक अवार्ड्स के लिए नामित किया गया है.

ओआईसी ने गाज़ा अस्पताल हमले को बताया युद्ध अपराध

इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की बैठक में 57 देशों के प्रतिनिधि सऊदी अरब के ज़ेद्दा में जुटे. बैठक में गाज़ा के अस्पताल पर हुए हमले को प्रमुखता से उठाया गया. ‘नवभारत टाइम्स’ के मुताबिक, इस्राइल के रवैये और उसके साथ हमदर्दी रखने वाले देशों की आलोचना की गई. ओआईसी ने युद्ध रोकने में विफल होने पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी निंदा की. फ़िलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद-अल-मलिकी ने कहा कि जिन देशों ने इस घातक युद्ध को छेड़ने के लिए इस्राइल को छूट दी, हथियार दिए और सैन्य बल भेजे, वे सभी इस युद्ध में साझीदार हैं. सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि गाज़ा से घेराबंदी हटाई जाए. यह वक्त मानवीय आपदा को रोकने और गाज़ा को सहूलियत देने का है.

अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक ट्वीट में लिखा है कि अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम को रोकने के लिए नए प्रतिबंध लगाए हैं. ‘इंडिया टीवी’ के अनुसार, अमेरिका और उसके सहयोगियों को इस बात की आशंका है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध ख़त्म होने के बाद ईरान के लिए मिसाइल बनाना और ड्रोन तकनीक का निर्यात करना आसान हो जाएगा. अमेरिकी अफ़सरों का कहना है कि हमास के इस्राइल पर हमले में अब तक ईरान के शामिल होने के सबूत तो नहीं मिले हैं. मगर, यह लंबे अरसे से हमास को मदद पहुंचाता रहा है.

पाकिस्तान वापसी से पहले नवाज़ को गिरफ़्तारी से बचाने के इंतज़ाम
लंदन से चार साल बाद पाकिस्तान लौट रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को गिरफ़्तार न किया जा सके, उनके वकीलों की टीम इसका पुख़्ता इंतजा़ाम करने में जुटी है. इसके लिए उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में दो जमानत याचिकाएं दाखिल की हैं. दरअसल, पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज़ शरीफ एवेनफील्ड और अल-अजीजा मामलों में दोषी पाए गए थे और तोशाखाना वाहन केस में उन पर गंभीर आरोप हैं. हालांकि यह मामला अभी अदालत के समक्ष विचाराधीन है. वर्ष 2019 में इलाज के लिए उनकी ज़मानत मंज़ूर करने के साथ ही अदालत ने लंदन जाने की अनुमति दी थी. उनकी टीम ने इसलिए अल-अजीजा और एवेन-फील्ड मामले में जमानत के लिए याचिका दायर की है. ‘द ट्रिब्यून’ की ख़बर के मुताबिक, नवाज़ शरीफ़ 21 अक्टूबर को पाकिस्तान आने वाले हैं.

जंगल में ‘चिरौंजी का ख़जाना’, वन विभाग ख़बर नहीं
यह भी हैरान करने वाली बात है कि वन विभाग बुंदेलखंड के जंगल में बहुतायत में पाए जाने वाले चिरौंजी के पेड़ों की पचास साल तक अनदेखी करता रहा. अब जब नज़र पड़ी तो चिरौंजी इकट्ठा कराने का न केवल काम शुरू हुआ बल्कि इसे साफ़ कराकर इनके बीज कलिंजर हर्ब के नाम से बाज़ार में उतारने की योजना भी बनाई गई है. स्थानीय लोग तो लंबे समय से इस चिरौंजी का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन यह पहली बार है जब वन विभाग ने इस दिशा में पहल की है. ढेरवामानपुर की संयुक्त वन कमेटी को चिरौंजी की प्रोसेसिंग-पैकेंजिंग की ज़िम्मेदारी दी गई है. बांदा के जिला वन अधिकारी संजय अग्रवाल ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को बताया कि गत मई में कलिंजर-बहादुरपुर से एक क्विंटल चिरौंजी एकत्र कराई गई थी. बांदा जिले के पथरा, कोल्हुआ, कलिंजर-बहादुरपुर, देवाली, ख्रोच, मोतियारी, माहुई, खुटला और नौगांव समेत करीब 500 हेक्टेयर में यदि व्यवस्थित तरीके से काम हो तो 25 क्विंटल चिरौंजी मिलने की संभावना है. यह वन विभाग के लिए नया खज़ाना ही है.

चयन-संपादन | शरद मौर्य/सुमित चौधरी

कवर | लिटरेरी हब के सौजन्य से


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