अरीन सबालेंकाः यूएस ओपन की नई चैंपियन
रंग ख़ुद में अभिव्यक्ति का शक्तिशाली माध्यम हैं. उतने ही शक्तिशाली जितने उच्चरित शब्द हो सकते हैं या लिखित शब्द. हर रंग एक कहानी कहता है, एक अर्थ ध्वनित करता है और एक प्रभाव की निर्मिति करता है. रंग दृश्यों को पूरी तरह से बदल देते हैं. टेनिस प्रेमी जानते होंगे कि समय का थोड़ा-सा अंतराल, भौगोलिक सीमाओं की दूरी और रंग मिलकर टेनिस की पूरी दुनिया ही बदल देते हैं.
जब जुलाई सितंबर में बदल जाता है, लंदन न्यूयार्क में आ मिलता है, शालीन सफ़ेद रंग शोख़ चंचल चटख़ रंगों में तब्दील हो जाता है और एक परंपरागत समाज खुले और उन्मुक्त समाज में बदल जाता है, तो टेनिस का खेल अपनी काया, अपना स्वभाव न बदले, ये कैसे हो सकता है.
विंबलडन से यूएस ओपन तक आते-आते टेनिस का मानो कायाकल्प हो जाता है. बंधन से मुक्त हो निर्द्वंद्व-सा लगने लगता है. एक गंभीर शालीन प्रौढ़ मानो उम्र को पीछे धकेलते हुए किसी चपल चंचल युवा-सा हुआ जाता है.
विंबलडन और यूएस ओपन देखना टेनिस देखने के दो अलहदा अहसास हैं. कोर्ट के भीतर टेनिस के संघर्ष का अहसास भले ही एक हो, लेकिन टेनिस को समग्रता में देखना एक अलग अहसास है. सफ़ेद कपड़ों में देखना और रंगीन कपड़ों में देखना. हरी घास पर देखना और कृत्रिम नीली सतह पर देखना. यानी टेनिस की दो अलग दुनिया से होकर गुजरना है.
बीते शनिवार यूएस ओपन का महिलाओं का फ़ाइनल मैच खेला गया. इस सीज़न की दो सबसे ज्यादा इन फॉर्म खिलाड़ी विश्व नंबर दो बेलारूस की अरीन सबालेंका और विश्व नंबर छः खिलाड़ी अमेरिका की जेसिका पेगुला आमने-सामने थीं.
दोनों पहली बार यूएस ओपन के फ़ाइनल में खेल रही थीं और दोनों अपने दीर्घ प्रतीक्षित सपने को पा लेने की चाहत लिए फ्लशिंग मीडोज के आर्थर ऐश अरीन के सेंटर कोर्ट में आमने-सामने थीं. फ़र्क बस इतना था कि सबालेंका अपने तीसरे ग्रैंड स्लैम ख़िताब के लिए खेल रही थीं और पेगुला पहले ख़िताब के लिए.
यूएस ओपन की अब तक की यात्रा दोनों खिलाड़ियों के लिए निराशा से भर देने वाली थी. पैगुला इससे पहले छः बार क्वार्टर फ़ाइनल में हारकर अपने सपने को पूरा करने से चूक गई थीं तो सबालेंका अपने सपने को पूरा करने के और भी क़रीब आकर चूक गई थीं. वे पिछली बार फ़ाइनल हार गई थीं और उससे पहले के साल 2021 और 2022 के दो सत्रों में उनकी राह सेमीफ़ाइनल में आकर रुक गई थी.
ये फ़ाइनल इस अर्थ में साल 2023 की पुनरावृति था कि सबालेंका के सामने इस बार भी स्थानीय खिलाड़ी प्रतिद्वंद्वी के रूप में थी. पिछली बार कोको गफ ने उन्हें फ़ाइनल में हरा दिया था. लेकिन उससे भी अधिक ये फ़ाइनल तीन सप्ताह पूर्व के सिनसिनती ओपन के फ़ाइनल का पुनरावृति था. उस फ़ाइनल में सबालेंका ने पेगुला को 6-3, 7-5 से हरा दिया था.
नीली सतह पर पेगुला नीले और सफ़ेद रंग की ड्रेस में कोर्ट पर आईं. कोर्ट की सतह के रंग से एकाकार होती हुईं वे इस बात की घोषणा कर रही थीं कि वे मेज़बान हैं और स्वाभाविक है मेज़बान हैं तो दर्शक उनके साथ होंगे ही. दूसरी ओर सबालेंका फ्यूशिया पर्पल रंग की ड्रेस में थीं. एक विशिष्ट और जीवंत रंग जो बैंगनी रंग की गहराई और गुलाबी रंग की चमक से मिलकर बनता है. रंग जो बोल्डनेस के लिए जाना जाता है. रंग जो भले ही कोर्ट की सतह से एकाकार न हुआ जाता हो पर सबालेंका के स्वभाव और उनके खेल से ज़रूर एकाकार हुआ जाता था.
उनके बाईं बांह पर टाइगर का टैटू बना है. वे मैदान में टाइगर की तरह फुर्तीली और शक्तिशाली होती हैं. वे अक्सर ख़ुद को टाइगर बताती भी हैं. वे सेरेन और विलियम्स के बाद सबसे पावरफुल खिलाड़ी हैं जो दो सौ किलोमीटर की रफ़्तार से सर्विस कर सकती हैं और शक्तिशाली ग्राउंड स्ट्रोक्स लगाती हैं. फ्यूशिया रंग उनके खेल और व्यवहार का मानो प्रतीक हो.
दूसरी ओर पेगुला बहुत ही संपन्न परिवार से आती हैं. उनके पिता अमेरिकी बेसबॉल और फुटबॉल लीग की दो टीम के मालिक हैं. सबालेंका और पेगुला दोनों का लक्ष्य एक था. मक़सद एक था. लेकिन दोनों की मोटिवेशनल फ़ोर्स और कारक अलग-अलग थे. मुक़ाबला कड़ा होन था.
मुक़ाबला कड़ा ही हुआ. हालांकि सबालेंका ने पेगुला को 7-5, 7-5 से सीधे सेटों में हराकर अपना पहला और कुल तीसरा ग्रैंड स्लैम जीता और पेगुला के पहले ग्रैंड स्लेम ख़िताब के इंतजार को कुछ और लंबा कर दिया.
ये मैच भले ही दो सेटों में ख़त्म हुआ हो. लेकिन ये एक संघर्षपूर्ण मैच था. यह मुक़ाबला एक घंटा 53 मिनट तक चला. पहले ही गेम में पेगुला ने सबालेंका की सर्विस ब्रेक की. लेकिन अगले गेम में पेगुला अपनी सर्विस नहीं बचा पाई. इसके बाद सबालेंका ने 5-2 की बढ़त ले ली. पर पेगुला ने न केवल स्कोर 5-5 की बराबरी पर किया. इसके बाद सबालेंका ने दोनों गेम जीतकर पहला सेट 7-5 से जीत लिया. दूसरे सेट में भी 3-0 की बढ़त ले ली. यहां पर पेगुला ने फिर वापसी की और 5-4 के स्कोर पर सर्विस कर रही थीं. लगा कि पिछले साल का इतिहास तो नहीं दोहराया जाने वाला है. पिछले साल भी सबालेंका पहला सेट जीत गई थी और उसके बाद दोनों सेट हारकर ख़िताब गंवा दिया था. लेकिन इस बार सबालेंका मज़बूत इरादों के साथ आई थीं. उन्होंने न केवल अगले दो गेम जीते बल्कि फ़ाइनल भी जीत लिया.
इस प्रकार एक बार फिर यूएस ओपन के महिला एकल में एक नई चैंपियन बनी. विलियम्स बहनों के बाद महिला टेनिस एकदम खुल गया है और कोई भी खिलाड़ी किसी ख़ास दिन जीत सकती है. इस बात का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दस सालों में यूएस ओपन की ये नवीं महिला एकल चैंपियन है. केवल नओमी ओसाका इसे दो बार 2018 और 2020 में जीत सकी हैं.
यूएस ओपन की नई चैंपियन अरीन सबालेंका को बहुत बधाई.
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